भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री का मानना है कि टीम इंडिया के सीमित ओवरों के कप्तान रोहित शर्मा की सबसे बड़ी ताकत यह है कि वह किसी भी अवसर या स्थिति को अपने से बेहतर नहीं होने देते।
शास्त्री के अनुसार, रोहित हमेशा अपने पास मौजूद संसाधनों को अधिकतम करने की कोशिश करते हैं और एक निश्चित समय में टीम के लिए जो भी सबसे अच्छा होता है वह करते हैं। निर्णय लेने और बल्लेबाजी करते समय चीजों को सरल रखने और किसी भी चीज से न घबराने का गुड़ उन्हें एक अच्छा खिलाड़ी और कप्तान बनाता है।
हालांकि, रवि शास्त्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि सीमित ओवरों के पूर्व कप्तान विराट कोहली बेहद चतुर कप्तान थे और उन्हें क्रिकेट के सभी प्रारूपों में एक भारतीय कप्तान के रूप में अपनी उपलब्धियों पर गर्व होना चाहिए।
कोहली ने शानदार तरीके से संभाला दबाव : रवि शास्त्री
रवि शास्त्री ने कोहली की सराहना करते हुए कहा कि, विराट कोहली ने जिस तरह से एक भारतीय कप्तान के प्रोफाइल के साथ आए दबाव को संभाला और फिर भारतीय क्रिकेट टीम के लिए शानदार परिणाम दिए। इतना ही नहीं, कोहली ने बतौर कप्तान टीम मेट्स के साथ मिलकर भारतीय क्रिकेट को मजबूत करते हुए काफी रन भी बनाए हैं।
पूर्व कोच शास्त्री ने द वीक यह भी कहा कि, “रोहित अभिभूत नहीं है, वह हमेशा वही करते हैं जो टीम के लिए सबसे अच्छा होता है। वह टीम के सभी संसाधनों का मार्शल करते हैं जैसा कि फुटबाल में कहा जाता है।”
अनुभवी लीडर हैं विराट: रवि शास्त्री
टीम इंडिया के कोच पद से निवृत्त होने के बाद रवि शास्त्री बड़े ही बेबाक अंदाज में राय व्यक्त करते नज़र आ रहे हैं। उन्होंने कोहली की कप्तानी पर बात करते हुए कहा कि ”कोहली की कप्तानी में भारत आईसीसी टूर्नामेंटों में सबसे सफल टीम नहीं बन सका है। लेकिन, वह घर पर और विदेशी दौरे के दौरान, दोनों प्रारूपों में द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में दुनिया के सबसे सफल कप्तान थे।”
एक ऐसे युग में जहां अधिकांश टीमें घर पर मजबूत हैं और शायद ही कोई टीम विदेशों में जीतती है। भारत ने कोहली के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया में दो बार टेस्ट सीरीज़ जीती, इंग्लैंड में 2-1 से टेस्ट सीरीज़ जीतने (एक टेस्ट स्थगित) के अलावा दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में एक-एक टी20 सीरीज जीती है।
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इतना ही नही, उन्होंने यह भी कहा कि, “विराट कोहली जैसे शानदार बल्लेबाज की हमेशा जरूरत होती है। टी20 इंटरनेशनल में 50+ से अधिक का औसत होना बहुत ज्यादा मायने रखता है, यह वास्तविक नहीं लगता है। लेकिन, कठिन परिस्थितियों में अनुभवी और बल्लेबाजी करने वाला खिलाड़ी टीम इंडिया का लीडर भी है। उनकी उपस्थिति बहुत महत्वपूर्ण है।”