इंडियन प्रीमियर लीग का पहला संस्करण साल 2008 में आयोजित किया गया था। ऐसा कहा जाता है कि, आईपीएल की अवधारणा तब उतपन्न हुई जब साल 2008 में भारत ने टी-20 विश्वकप जीता। भारत की इस जीत के बाद बीसीसीआई ने देखा कि टी-20 क्रिकेट बेहद लोकप्रिय हो रहा है और इसका भविष्य उज्ज्वल है।
आईपीएल के आयोजन के लिए बीसीसीआई ने 8 टीम या शहर आधारित फ्रेंचाइजी की पेशकश की। साथ ही, दुनिया भर के तमाम खिलाड़ियों को इस टूर्नामेंट में शामिल होने के लिए आमंत्रित भी किया। पहले संस्करण से अब तक यानि पिछले 13 वर्षों में आईपीएल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक ऐसा टूर्नामेंट बन गया है जिसकी लोकप्रियता साल दर साल बढ़ती ही जा रही है।
साल 2008 से अब तक आईपीएल में काफी बदलाव देखने को मिले हैं। जैसे कि शुरुआत में 8 फ्रेंचाइजी के बाद 10 फ्रेंचाइजी का होना और पुनः 8 फ्रेंचाइजी में सिमट जाना आईपीएल में महत्वपूर्ण बदलाव रहा है। इसके अलावा, पहले संस्करण में टीमों को फाइनल तक पहुंचने के लिए सेमीफाइनल मैच खेलने होते थे। वहीं अब, लीग मुकाबलों की टॉप 4 टीमों के बीच प्ले ऑफ खेला जाता है।
आईपीएल में हुए तमाम बदलाव के बीच ऐसे कई बिन्दु हैं जिन पर पहले संस्करण से अब तक कोई बदलाव नही है। आज हम ऐसे 5 बिंदुओं पर चर्चा करेगें जिनमें बीते 13 वर्षों में कोई बदलाव नही हुआ है।
5. केवल एक अनकैप्ड ऑरेंज कैप विजेता
आईपीएल के एक सीजन में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज को ऑरेंज कैप दिया जाता है। ऑरेंज कैप हासिल करने वालों की सूची में सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और मैथ्यू हेडन जैसे दिग्गज बल्लेबाज सम्मिलित हैं।
आईपीएल में ऑरेंज कैप जीतने वाले पहले बल्लेबाज शॉन मार्श थे। जिन्होंने, आईपीएल के पहले सीजन के शुरुआती 10 मैचों में ही 5 मैन ऑफ द मैच अपने नाम कर लिए थे। आईपीएल के शुभारंभ से पहले शॉन मार्श प्रसिद्ध नही थे।
यहाँ तक कि शॉन मार्श ने ऑस्ट्रेलिया के लिए भी क्रिकेट नही खेला था। लेकिन, उनके बेहतरीन आंकड़ों की वजह से किंग्स इलेवन पंजाब (वर्तमान पंजाब किंग्स) ने उन पर भरोसा जताया जिस पर वे पूरी तरह से खरे उतरे। इस सीजन में शॉन मार्श ने महज 11 मैच ही खेले थे। जिसमें उन्होंने, 1 शतक और 5 अर्धशतक के साथ 616 रन बनाकर ऑरेंज कैप अपने नाम की थी।
आईपीएल के पहले संस्करण से अब तक कोई भी अनकैप्ड प्लेयर ऑरेंज कैप नही जीत सका है। यानि कि 2008 में एक अनकैप्ड प्लेयर ऑरेंज कैप विजेता था और 2021 में भी, ऐसा करने वाले शॉन मार्श अकेले ही हैं।
4. केकेआर के लिए मात्र एक शतक
कोलकाता नाइट राइडर्स आईपीएल के सफल टीमों में से एक है। केकेआर ने साल 2012 और 2014 में आईपीएल का खिताब अपने नाम किया था। आईपीएल खिताब जीतने के बाद भी केकेआर शतक के मामले में सूखा झेल रही है।
दरअसल, आईपीएल के पहले संस्करण में न्यूजीलैंड के दिग्गज खिलाड़ी ब्रेंडन मैकुलम ने केकेआर के लिए शतक बनाया था। यह आईपीएल का पहला मैच था। लेकिन उसके बाद से केकेआर का कोई भी बल्लेबाज यह कारनामा नहीं कर सका है। सौरव गांगुली, गौतम गंभीर , जैक्स कैलिस, क्रिस गेल समेत तमाम खिलाड़ियों के बावजूद कोलकाता के प्लेयर के नाम साल 2008 से मात्र एक ही शतक है।
3. मुंबई इंडियंस के मालिक
आईपीएल की कई टीमों का मालिकाना हक बदल चुका है। यहां तक कि कुछ फ्रेंचाइजी आईपीएल में शामिल हुईं और बाहर भी हो गईं। लेकिन, सबसे अधिक बार आईपीएल का ख़िताब जीतने वाली मुंबई इंडियंस के मालिक में कोई परिवर्तन नही हुआ है। साल 2008 में मुकेश अंबानी ने मुंबई इंडियंस की फ्रेंचाइजी खरीदी थी तब से वे ही इसके मालिक हैं।
2. चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान
आईपीएल की लोकप्रियता में चार चांद लगाने वाले महेंद्र सिंह धोनी साल 2008 से ही चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान हैं। आईपीएल के पहले संस्करण में फ्रेंचाइजी ने धोनी को कप्तान नियुक्त किया था। इस सीजन में वह सबसे मंहगे खिलाड़ी भी थे।
साल 2016 में जब चेन्नई सुपरकिंग्स को सस्पेंड किया गया जब राइंजिग पुणे जॉइंट ने उन्हें साइन कर लिया था जहाँ पर वे बतौर कप्तान ही खेलते हुए देखे गए थे। इसके बाद जब सीएसके को वापस बहाल किया गया तब धोनी पुनः चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान बन गए।
1. विराट कोहली
टीम इंडिया के कप्तान और आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की कप्तानी करने वाले विराट कोहली साल 2008 में इंडिया की अंडर-19 टीम के कप्तान थे। उस दौरान उन्हें रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने साइन किया और तब से अब तक वे आरसीबी का ही हिस्सा हैं। आईपीएल के एक सीजन में सर्वाधिक 973 रन बनाने वाले विराट कोहली को बैंगलुरू ने अब तक रिलीज नही किया है।
हालांकि अब जबकि उन्होंने इस सीजन के बाद टीम की कप्तानी छोड़ने का ऐलान कर दिया है तब संभव है कि वे किसी अन्य फ्रेंचाइजी के लिए खेलते देखें जाएं। किन्तु, आईपीएल की शुरुआत से अब तक तो वे रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए ही खेलते रहे हैं।