वो भारतीय प्लेयर्स जिन्होंने सिर्फ एक वनडे मैच में की है कप्तानी
भारतीय क्रिकेट टीम का वनडे क्रिकेट के इतिहास में अच्छा इतिहास रहा है। एक ओर जहाँ भारत वनडे क्रिकेट के दो विश्वकप जीतने वाली सूची में है तो वहीं वनडे क्रिकेट में टॉप रैंक भी हासिल कर चुका है। इतना ही नहीं, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली जैसे दिग्गज क्रिकेटर ने इस फॉर्मेट की कप्तानी की है।
वास्तव में अब तक कुल 24 खिलाड़ियों ने वनडे क्रिकेट में भारतीय टीम की कप्तानी की है। लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जिन्हें अधिक मैंचों में कप्तानी करने का मौका नही मिला सका। साथ ही कुछ ऐसे कप्तान भी रहे हैं जिन्होंने सिर्फ एक मैच के लिए भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी की। यही कारण है कि, जब कप्तानों की बात की जाती है तब इन प्लेयर्स के नाम की चर्चा बिल्कुल भी नही हो पाती है।
आज इस लेख में, हम ऐसी ही खिलाड़ियों के बारे में बात करेंगे जिन्होंने भारत के वनडे क्रिकेट इतिहास में सिर्फ एक मैच में कप्तानी की।
गुंडप्पा विश्वनाथ को भारत के महानतम बल्लेबाजों में से एक माना जाता था। उन्हें कलाई के साथ उनकी निपुणता और तेज गेंदबाजों के साथ ही स्पिनरों के अनुकूल होने की उनकी क्षमता के लिए भी पहचाना जाता था। विश्वनाथ ने साल 1967 में कर्नाटक के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया और अविश्वसनीय तरीके से शानदार दोहरा शतक जड़ा।इसके बाद, वह अपने डेब्यू टेस्ट मैच में शतक बनाने वाले पहले क्रिकेटर बने।
91 टेस्ट मैचों में, उन्होंने 14 शतकों सहित 6080 रन बनाए, और एक दिलचस्प बात यह है कि भारत ने कभी भी एक टेस्ट नहीं हारा है जब विश्वनाथ ने शतक बनाया है। भारतीय क्रिकेट में उनके अमूल्य योगदान के लिए, उन्हें 2009 में सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा, उन्होंने साल 1979 में इंग्लैंड के खिलाफ हुए वनडे मैच में भारत की कप्तानी भी की थी। लेकिन, दुर्भाग्य से टीम हार गई।
2.) सैयद किरमानी:
सैयद किरमानी एक और खिलाड़ी हैं जिन्होंने सिर्फ एक वनडे मैच में भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी की। उन्होंने एक विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व किया। किरमानी ने 275 प्रथम श्रेणी मैचों में 9620 रन बनाए, जिसमें 13 शतक और 38 अर्धशतक शामिल हैं।
वह भारतीय क्रिकेट टीम के दस साल के अनुभवी होने के साथ-साथ 1983 के विश्व कप विजेता टीम के सदस्य भी थे। स्टंप्स के पीछे उनके शानदार काम के लिए उन्हें टूर्नामेंट के विकेटकीपर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने टेस्ट मैच की एक पारी में एक भारतीय विकेटकीपर द्वारा सबसे अधिक आउट करने का रिकॉर्ड भी बनाया, जब उन्होंने साल 1976 में न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच कैच लिए और एक स्टंपिंग की। साल 1983 में, सैयद किरमानी को एक मैच के लिए भारतीय क्रिकेट का कप्तान नियुक्त किया गया था। लेकिन, दुर्भाग्यवश इस मैच में भारत को हार का सामना करना पड़ा था।
3.) मोहिंदर अमरनाथ:
मोहिंदर अमरनाथ को भारतीय वनडे क्रिकेट टीम का कप्तान बनने का मौका मिला था। लेकिन, वह भी सिर्फ एक मैच के ही कप्तान थे। अमरनाथ एक ऐसे प्लेयर थे जो पिच पर रुककर या यह कहें कि मज़बूती के साथ बल्लेबाजी करते थे। उनके इस कौशल के कारण ही उन्हें कई दिग्गज क्रिकेटर से तारीफ प्राप्त हुई थी।
मोहिंदर अमरनाथ ने साल 1983 में हुए विश्वकप में भारत की जीत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सेमीफाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच के साथ-साथ वेस्ट इंडीज के खिलाफ फाइनल में उन्होंने शानदार ऑल राउंड प्रदर्शन करते हुए टीम इंडिया को जीत दिलाई थी।
इतना ही नही, उस विश्वकप में उनका प्रदर्शन इतना शानदार था कि, फाइनल में उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट पुरुस्कार से भी नवाजा गया था। साल 1984 में उन्होंने एक वनडे मैच में कप्तानी की थी। हालांकि, इस मैच का परिणाम नही निकल पाया था क्योंकि बारिश के कारण इस मैच को रद्द कर दिया गया था।
4.) अनिल कुंबले:
अनिल कुंबले, जिन्हें अब तक के सर्वश्रेष्ठ लेग स्पिनरों में से एक माना जाता है, सिर्फ एक वनडे के लिए भारत की कप्तानी करने वाले कुछ खिलाड़ियों में से एक हैं। जंबो के नाम से मशहूर कुंबले के नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 956 विकेट हैं।इतना ही नहीं, वह एक पारी में सभी दस विकेट लेने वाले दुनिया के दूसरे गेंदबाज हैं।
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गौरतलब है कि, रवि शास्त्री की जगह लेने से पहले उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के रूप में भी काम किया था। उनके अनुभव के कारण उन्हें 2001 में एकदिवसीय क्रिकेट में कप्तानी का मौका मिला था, जिसमें भारत को जीत हासिल हुई थी। हालांकि, वह अपने पूरे करियर में सिर्फ एक वनडे मैच में ही कप्तानी कर सके।