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टी-20 क्रिकेट के वो स्टार प्लेयर्स जिन्होंने एक पारी में बेहद कम स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की

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एक समय था जब क्रिकेट में सिर्फ टेस्ट फॉर्मेट को ही तवज्जो दी जाती थी। उस समय वनडे क्रिकेट का नामोनिशान भी नही था। लेकिन, फिर समय बदला और उसके साथ ही पहले वनडे क्रिकेट और फिर टी-20 क्रिकेट ने पूरी दुनिया में लोकप्रियता हासिल कर ली है। क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट टी-20 में प्रत्येक बल्लेबाज अधिकतम स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करना चाहता है।

क्रिकेट में प्रत्येक गेंद अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। हर बल्लेबाज इस दौरान अधिकतम रन की इच्छा रखते हुए बड़े हिट्स का प्रयास करता है। हालांकि, ऐसे कई मौके आते हैं जब दिग्गज बल्लेबाज भी रन बनाने में नाकामयाब रहते हैं। जबकि, कुछ मौके ऐसे देखने को मिले हैं जब बल्लेबाज क्रीज पर तो लंबे समय तक रुके लेकिन उनका स्ट्राइक रेट बेहद कम था।

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आज के इस लेख में, हम ऐसे बल्लेबाजों पर एक नजर डालेंगे जिन्होंने टी-20 क्रिकेट मैच में कम स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की है।

5.) गौतम गंभीर:

साल 2011 में हुए विश्वकप के फाइनल में भारतीय टीम की जीत के हीरो रहे गौतम गंभीर ने कई बेहतरीन पारियाँ खेली। हैं। हालांकि, एक बल्लेबाज के तौर पर किसी का भी समय एक जैसा नही होता। साल 2012 में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी। उस दौर में मेलबर्न में हुए एक टी-20 मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 132 रनों का लक्ष्य रखा था।

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क्रिकेट को अनिश्चितताओं का खेल कहा जाता है। इसलिए, 132 रनों का लक्ष्य भारत के लिए आसान होने वाला नही था। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की घातक गेंदबाजी के आगे भारतीय बल्लेबाजी का शीर्षक्रम बिखर चुका था। ऐसी स्थिति में किसी को एंकर की भूमिका निभाने की आवश्यकता है। तब गौतम गंभीर ने इस अवसर पर कदम बढ़ाया और 60 गेंदों में 93.33 के स्ट्राइक रेट से 56 रनों की मैच जीताऊ पारी खेली और अंत तक नॉट-आउट रहे। भारत इस मैच को 2 गेंद शेष रहते ही जीत पाया था।

4.) शिखर धवन:

विगत महीने शिखर धवन को श्रीलंका के खिलाफ हुई सीमित ओवरों की श्रृंखला में भारतीय टीम की कमान सौंपी गई थी। भारतीय टीम दुर्भाग्य से कोविड -19 के प्रकोप से त्रस्त थी। इस कारण टीम इंडिया के अधिकांश प्लेयर्स को अनिवार्य क्वारंटाइन के लिए भेज दिया गया था।

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जिसके बाद टीम इंडिया के पास कुल 11 प्लेयर्स ही शेष रह गए थे। यानि कि टीम पहले ही युवाओं से भरी हुई थी। जिसमें कुछ अनुभवी प्लेयर्स भी थे। लेकिन, सभी कोविड-19 से ग्रसित हो चुके थे। ऐसे में टीम इंडिया को महज 5 बल्लेबाजों के साथ श्रीलंका के विरुद्ध हुए टी-20 मैच में उतरना पड़ा था।

कोलंबो में हुए इस टी-20 मैच में भारतीय बल्लेबाजों के लिए पूरे ओवर खेलना ही सबसे बड़ा लक्ष्य था। हालांकि, धवन संघर्ष कर रहे थे। लेकिन, वह 42 गेंदों में 95.23 के स्ट्राइक रेट से केवल 40 रन ही बना सके। दुर्भाग्य से भारत को इस मैच में चार विकेट से हार का सामना करना पड़ा था।

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3.) दिनेश मोंगिया:

टी-20I की पारी में सबसे कम स्ट्राइक रेट वाले भारतीय खिलाड़ियों की सूची में दिनेश मोंगिया तीसरे स्थान पर हैं।साल 2006 में जोहान्सबर्ग में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच एकमात्र टी-20 मैच खेला जाना था। इस मैच में मेजबान दक्षिण अफ्रीकी टीम ने भारत के सामने महज 127 रनों के लक्ष्य रखा था।

इस छोटे स्कोर का पीछा करने के लिए भारत को ठहरकर बल्लेबाजी करने की आवश्यकता थी। लेकिन, दिग्गज सलामी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर पहले ओवर में ही आउट हो कर पवेलियन लौट चुके थे। हालांकि, सहवाग ने कुछ अच्छे शॉट्स लगाए थे। लेकिन, वह भी जल्द ही आउट हो गए। इसके बाद  दिनेश मोंगिया ने सम्हलकर और सूझबूझ भरी पारी खेली। मोंगिया ने 45 गेंदों पर 84.44 के स्ट्राइक रेट 38 रन बनाए थे। और, भारत को जीत दिलाई थी।

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2.) एमएस धोनी:

 क्रिकेट के सबसे महान फिनिशरों में से एक माने जाने वाले एमएस धोनी का नाम इस लिस्ट में एक सरप्राइज के रूप में आता है। उन्होंने साल 2019 में भारत-ऑस्ट्रेलिया टी-20 सीरीज के पहले मैच में धीमी पारी खेली थी। विशाखापत्तनम में खेली गई इस पारी को सभी भारतीय फैंस निश्चित ही भूलना चाहेगें।

इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए, ओपनर केएल राहुल ने 36 गेंदों में शानदार अर्धशतक जमायाथा। लेकिन, दूसरे छोर से समर्थन नहीं मिला क्योंकि धोनी रन नहीं बना पाए। धोनी ने 37 गेंदों में महज 78.38 के स्ट्राइक रेट से 29 रन बनाए और यहां तक ​​कि अंत तक बने रहे, लेकिन भारत को केवल 126 के कुल स्कोर तक पहुंचाने में सफल रहे। ऑस्ट्रेलिया ने लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत को 3 विकेट से हरा दिया था।

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1.) रविन्द्र जडेजा:

रवींद्र जडेजा वर्तमान में भारतीय टीम के सर्वश्रेष्ठ हार्ड-हिटिंग बल्लेबाजों में से एक हैं। लेकिन, जब उन्होंने साल 2009 में अपने पहले टी20 विश्वकप में भाग लिया तब दवाब सहने की उनकी क्षमता अधिक विकसित नही थी।

इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड ने भारत के सामने 154 रनों का लक्ष्य रखा था। इस लक्ष्य का पीछा करते हुए, भारत की शुरुआत अच्छी नही रही। और, टॉप ऑर्डर के बिखराव के बाद टीम इंडिया खराब स्थिति में पहुंच गया था। जिसके बाद, निचले मध्यक्रम में बल्लेबाजी करने वाले जड़ेजा को पॉवर प्ले में ही बल्लेबाजी करने के लिए आना पड़ा था।

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युवा ऑल राउंडर जडेजा इंग्लैंड की घातक गेंदबाजी के आग शॉट्स खेलने में असमर्थ दिखाई रहे थे। और 35 गेंदों पर 71.42 के स्ट्राइक रेट से महज 25 रन बनाकर आउट हो गए। इस मैच में युवराज सिंह, कप्तान एमएस धोनी और यूसुफ पठान के कैमियो के बावजूद भी भारत को तीन रनों से हार का सामना करना पड़ा था।

यह भी पढ़ें: वो गेंदबाज जिन्होंने टी-20 विश्वकप में हैट्रिक प्राप्त की है।

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