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वनडे क्रिकेट के वो स्टार प्लेयर जो टेस्ट क्रिकेट में पूरी तरह से फेल हो गए

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हर क्रिकेटर का सपना अपने देश के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलना होता है। ऐसे बहुत कम खिलाड़ी होते हैं जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में मौका मिल पाए। हालांकि, कुछ ऐसे क्रिकेटर भी रहे हैं जिन्हें, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का मौका तो मिला लेकिन सफलता नही मिली। जबकि, कुछ ऐसे भी क्रिकेटर हैं जो क्रिकेट के किसी एक फॉर्मेट (टी-20, वनडे, या टेस्ट क्रिकेट) में अधिक सफल हुए लेकिन अन्य फॉर्मेट में सफलता नही मिल सकी है।

वर्तमान समय में, टी-20 क्रिकेट काफी प्रचलित हो चुका है। लेकिन, वनडे और टेस्ट क्रिकेट भी क्रिकेट का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जो वनडे क्रिकेट में सफल हुए लेकिन टेस्ट क्रिकेट के अनुरूप खुद को नही ढाल सके।

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आइये, एक नज़र डालते हैं, ऐसे ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर पर जिन्होंने वनडे क्रिकेट में तो कमाल का खेल दिखाया लेकिन टेस्ट क्रिकेट में वो सफल नही हो पाए।

1.) युवराज सिंह:

सिक्सर किंग के नाम से मशहूर युवराज सिंह उन बड़े नामों में से एक हैं। जिन्होंने वनडे क्रिकेट में सफलता के शिखर को स्पर्श किया। साथ ही, टी-20 क्रिकेट में भी उन्होंने बेहतरीन खेल दिखाया था।  लेकिन, टेस्ट क्रिकेट में कुछ खास प्रदर्शन नही कर पाए।

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साल 2007 और 2011 में भारतीय टीम की क्रमशः टी-20 विश्वकप और फिर 50 ओवरों के विश्वकप में जीत की महत्वपूर्ण कड़ी युवराज सिंह ने कुल 40 टेस्ट मैच खेले हैं। जिनमें उन्होंने 33.9 के औसत से 1900 रन बनाए थे। युवराज के टेस्ट करियर के ये आंकड़े बताते हैं कि उन्हें टेस्ट में भरपूर मौके दिए गए थे। लेकिन वह उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन नही कर पाए।

2.) इयोन मॉर्गन:

बहुत कम क्रिकेट प्रशंसक जानते होंगे कि इयोन मोर्गन ने शुरुआत में टेस्ट क्रिकेट खेला है। हालांकि, वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके। इसलिए, उन्होंने केवल सीमित ओवरों के क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया। मोर्गन को भी टेस्ट क्रिकेट में भरपूर मौके दिए गए थे। लेकिन, वह अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नही कर सके।

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इंग्लैंड के लिए वनडे क्रिकेट में सात हजार से अधिक रन बनाने वाले मोर्गन टी-20 क्रिकेट में भी दो हजार से अधिक रन बन चुके हैं। लेकिन, मोर्गन अपने टेस्ट करियर में कुल 16 मैच खेले। लेकिन, 30.04 के औसत से मात्र 700 रन ही बना सके।

3.) मार्टिन गुप्टिल:

मार्टिन गुप्टिल एक तेज तर्रार क्रिकेटर हैं। न्यूजीलैंड के लिए 10 हजार से अधिक रन बना चुके गुप्टिल ने बतौर सलामी बल्लेबाज सीमित ओवरों में शानदार प्रदर्शन किया है। कुछ समय पहले तक वह टी-20 क्रिकेट में न्यूजीलैंड के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। हालांकि, वह क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में कुछ खास नही कर सके। इसलिए, उन्होंने अपना पूरा ध्यान वनडे और टी-20 क्रिकेट में फोकस किया।

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दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत वनडे मैचों से की थी। लेकिन, जल्द ही उन्हें टेस्ट क्रिकेट में मौका दिया गया था। मार्टिन गुप्टिल ने न्यूजीलैंड की ओर से कुल 47 टेस्ट मैच खेले हैं। जिसमें उन्होंने 29.04 के औसत और 46.6 के स्ट्राइक रेट से 2586 रन बनाए हैं।

4.) लांस क्लूजनर:

दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज खिलाड़ी लांस क्लूजनर वनडे क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में से एक हैं। वनडे क्रिकेट की तुलना में लांस क्लूजनर का टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन उतना अच्छा नही रहा। जिस कारण उन्हें टेस्ट क्रिकेट की बजाय वनडे क्रिकेट में फोकस करने के लिए कहा गया था।

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लांस क्लूजनर ने अफ्रीका के लिए कुल 49 टेस्ट मैच खेले हैं। जिनमें उन्होंने 32.9 की औसत से मात्र 1906 रन बनाए थे। इसके अलावा, यदि गेंदबाजी की बात करें तो उन्होंने 2.64 की इकॉनमी और 37.9 की औसत से 80 विकेट हासिल किए  थे।

5.) एंड्रयू साइमंड्स:

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज एंड्रयू साइमंड्स वनडे क्रिकेट के सुपरस्टार रहे हैं। साइमंड्स को हमेशा ही वनडे क्रिकेट का खतरनाक बल्लेबाज माना जाता था। साइमंड्स वनडे क्रिकेट में न केवल बल्ले बल्कि गेंद से भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए दिखाई देते थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की ओर से कुल 198 वनडे खेले जिनमें पांच हजार से अधिक रन बनाने के अलावा 133 विकेट भी हासिल किए थे।

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ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की प्लेइंग इलेवन में साइमंड्स की बेहतरीन भूमिका थी। लेकिन, वह सिर्फ वनडे क्रिकेट में ही सफल हो पाए। साइमंड्स ने ऑस्ट्रेलिया की ओर से कुल 26 टेस्ट मैच खेले जिनमें 40.6 के औसत से मात्र 1462 रन बनाए।

6.) माइकल बेवन:

विश्व के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर में से एक माइकल बेवन को वनडे क्रिकेट का महान बल्लेबाज माना जाता है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के लिए कई मैच विनर परियां खेली थीं। हालांकि वह वनडे क्रिकेट की तरह टेस्ट फॉर्मेट में सफल नही हो पाए।

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निचले क्रम में बल्लेबाजी करने के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 7 हजार से अधिक रन बनाने वे माइकल बेवन को कभी भी टेस्ट क्रिकेट के अनुरूप नही माना गया। उनकी बिग हीटिंग स्टाइल ने उन्हें टेस्ट क्रिकेट में प्राप्त मौकों को भुनाने से दूर रखा। बेवन ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 18 टेस्ट मैच खेले, जिनमें उन्होंने 29.1 के औसत और 39.8 के स्ट्राइक रेट से 785 रन बनाए थे।

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