फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर किसी भी क्रिकेट टीम के बैलेंस के लिए एक महत्त्वपूर्ण खिलाड़ी होता है, खासकर अगर आप ज्यादातर धीमी पिचों पर खेलते हैं, तो फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर होने पर आप एक एक्स्ट्रा स्पिनर खिला सकते हैं.
भारत कपिल देव के बाद एक ठोस फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर की खोज करता रहा है. हालांकि अभी हार्दिक पंड्या के रूप में भारत के पास एक अच्छा फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर है, पर पिछले 20 सालों में भारत ने कई फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर को आजमाया. आइए बात करते हैं 7 ऐसे फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर के बारे में जिनको पिछले 20 सालों में भारत के लिए खेलने का मौका मिला –
1) रीतिंदर सिंह सोढी
सोढी ने भारत के लिए खेलना उस समय शुरू किया जब सौरव गांगुली भारत के कप्तान हुआ करते थे. पंजाब से ताल्लुक रखने वाले सोढी के पास अच्छी गति थी और बल्ले के साथ बड़े शॉट लगाने की क्षमता भी. पर चोट के कारण सोढी लंबे समय तक भारत के लिए नहीं खेल सके.
2) जे पी यादव
जे पी यादव को भारत के लिए खेलने का मौका उस समय मिला जब राहुल द्रविड़ ने भारतीय टीम की कमान संभाली थी और ग्रेग चैपल भारत के कोच थे. जे पी यादव के पास इतनी गति नहीं थी, पर उनकी गेंदबाजी में मिश्रण था और वो प्रतिभाशाली बल्लेबाज थे, पर वो शुरुआती दौर में मिले मौकों का फायदा नहीं उठा सके और जल्द ही टीम से बाहर हो गए.
3) संजय बांगर
बांगर ऐसे ऑलराउंडर थे जिनका गेम क्रिकेट के लंबे प्रारूप के अनुकूल था, इसलिए उन्हें ज्यादा टेस्ट मैचों में खेलने का मौका मिला. हालांकि उन्होंने एक दो अच्छी पारियां खेली, पर उनका प्रदर्शन भी उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा और वो 12 टेस्ट मैच खेलने के बाद टीम में अपनी जगह खो बैठे.
4) ऋषि धवन
ऋषि धवन हिमाचल से ताल्लुक रखने वाले मध्यम तेज गति के गेंदबाज और निचले क्रम के बल्लेबाज थे. उन्हें महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत के लिए खेलने का मौका 2015-16 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मिला था, पर वो किसी भी मैच में ऐसा प्रदर्शन नहीं कर पाए जिससे टीम में उनकी जगह पक्की हो पाती.
5) स्टुअर्ट बिन्नी
स्टुअर्ट बिन्नी भी उन खिलाड़ियों में से थे जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में रखा था. हालांकि वो धोनी के कप्तानी छोड़ने के बाद विराट कोहली की कप्तानी में भी कुछ समय तक टेस्ट क्रिकेट खेलते रहे, पर उनका भी प्रदर्शन उस स्तर का नहीं रहा कि वो भारत की फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर की समस्या को दूर कर पाते.
6) जोगिंदर शर्मा
जोगिंदर शर्मा भले ही भारत के लिए लंबे समय तक नहीं खेल पाए, पर उनका नाम भारतीय क्रिकेट के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है. वो जोगिंदर शर्मा ही थे जिन्होंने 2007 टी 20 विश्व कप के फाइनल मैच के आखिरी ओवर में मिस्बाह उल हक का विकेट लेकर भारत को जीत दिलाई थी. जब भी भारतीय क्रिकेट के इतिहास में उस जीत का जिक्र होगा, जोगिंदर शर्मा का नाम सामने जरूर आएगा.
7) अभिषेक नायर
अभिषेक नायर एक उपयोगी मध्यम तेज गति के गेंदबाज जरूर थे, पर वो मुख्य रूप से एक मध्यक्रम के बल्लेबाज थे जो जरूरी समय पर गेंदबाजी कर सकते थे. उन्हें 2009 के चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के लिए खेलने का मौका मिला था, पर वो भी उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए.