आईपीएल में मुंबई इंडियंस (MI) द्वारा 5 सबसे खराब साइनिंग

मुंबई इंडियंस (MI) आईपीएल की सबसे पसंदीदा और सबसे सफल फ्रेंचाइजी रही है। पलटन के नाम से मशहूर मुंबई इंडियंस ने रिकॉर्ड 5 बार आईपीएल की ट्रॉफी पर कब्जा किया है। इस टीम की सफलता का सबसे बड़ा राज नीलामी में खिलाड़ियों की खरीद है। इस फ्रेंचाइजी के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह आधा आईपीएल नीलामी के दौरान ही जीत लेती है। हालांकि हर बार यह बात सही हो ऐसा जरूरी नहीं है। इस टीम ने भी कई ऐसे खिलाड़ी चुने, जिन्हें इस टीम की सबसे खराब साइनिंग कहा जा सकता है।
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इन सब के बावजूद इस टीम की कामयाबी बरकरार है। इसका श्रेय टीम मैनेजमेंट और कप्तान रोहित को भी जाता है। आज हम इस आर्टिकल में मुंबई इंडियंस की आईपीएल इतिहास में 5 सबसे खराब साइनिंग का जिक्र करने जा रहे हैं।
आईपीएल में मुंबई इंडियंस (MI) द्वारा 5 सबसे खराब साइनिंग
5. रिचर्ड लेवी
2012 में एक युवा दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज ने टी-20 अंतरराष्ट्रीय में सबसे तेज शतक लगाने का कारनामा किया था। रिचर्ड लेवी ने महज 45 गेंदों में यह कारनामा किया था, जोकि उस समय एक रिकॉर्ड था। लेवी जिन्हें अपने विस्फोटक बल्लेबाजी के दम पर मुंबई इंडियंस का कॉन्ट्रैक्ट हासिल हुआ और उनसे एक जबरदस्त प्रदर्शन की उम्मीदें भी थी।
उन्होंने अपने पहले ही मुकाबले में 35 गेंदों में अर्ध शतक लगाया और चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ जीत हासिल करने में अहम योगदान दिया। हालांकि उसके बाद वे आईपीएल में कुछ भी ना कर सके और अगली पांच पारियों में उनके बल्ले से मात्र 33 रन निकले। इस तरह यह खिलाड़ी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा और इसीलिए इसे हमने मुंबई इंडियंस की खराब साइनिंग में शामिल किया है।
4. टिम साउदी
2008 अंडर 19 विश्व कप में न्यूजीलैंड को फाइनल में ले जाने में अहम योगदान देने वाले इस तेज गेंदबाज का जल्द ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण हो गया था। उनकी बेहतरीन यॉर्कर और स्विंग कराने की क्षमता ने मुंबई इंडियंस का ध्यान खींचा और उन्होंने टिम साउदी को 2016 में 2.2 करोड़ रुपए में खरीदा।
हालांकि उनका यह फैसला एकदम गलत साबित हुआ और टिम सऊदी एशिया की पिचों में कारगर सिद्ध ना हो सके और 11 मुकाबलों में मात्र 9 विकेट ही ले पाने में कामयाब रहे। साउदी फ्लॉप साबित हुए और उन्हें मुंबई की सबसे खराब साइनिंग में से एक कहा जा सकता है।
3. दिल्हारा फर्नांडो भी मुंबई इंडियंस की खराब साइनिंग में से एक थे
श्रीलंका के तेज गेंदबाज दिल्हारा फर्नांडो को मुंबई ने शॉन पोलॉक और आशीष नेहरा के साथ अपनी टीम के तेज गेंदबाजी आक्रमण की कमान संभालने का जिम्मा सौंपा और अपनी टीम में शामिल किया। उन्होंने अपने पहले ही मुकाबले में 10 रन प्रति ओवर से भी अधिक की इकॉनमी से रन लुटाए और कुल मिलाकर खेले गए पांच मुकाबलों में 164 रन खर्चे।
उनसे जिस प्रकार के प्रदर्शन की उम्मीदें की गई थी वह उस पर खरे नहीं उतर सके और मुंबई इंडियंस को कई मौकों पर जीत दिलाने पर नाकामयाब रहे जिसके चलते उन्हें जल्द ही टीम से रिलीज भी कर दिया गया।
2. युवराज सिंह
भारत के दिग्गज ऑल राउंडर का आईपीएल करियर उनके अंतर्राष्ट्रीय करियर जैसा शानदार तो ना बन सका मगर फिर भी वह एक ऐसे खिलाड़ी थे, जो लगातार महंगे दामों पर खरीदे जाते थे। हर टीम उन पर विश्वास करती थी। मुंबई इंडियंस में उन्हें 2019 में खरीदा और उन्हें लगा कि यह फैसला उनका मिडिल ऑर्डर मजबूत करेगा लेकिन अफसोस ऐसा ना हो सका।
युवराज सिंह कई अवसरों पर धीमी बल्लेबाजी करके रन गति पर लगाम लगा देते थे और अगर हार्दिक पांड्या और पोलार्ड ना होते तो मुंबई इंडियंस को कई मुकाबलों में हार का सामना भी करना पड़ जाता।
1. रिकी पोंटिंग मुंबई इंडियंस की सबसे खराब साइनिंग कहे जा सकते हैं
क्या कभी कोई इस बात पर विश्वास कर सकता है कि ऑस्ट्रेलिया का यह दिग्गज खिलाड़ी जिसके नाम अंतर्राष्ट्रीय करियर में 27483 रन है उसे एक खराब बुकिंग कहा जा सकता है? जी हां क्योंकि टी20 प्रारूप में कुछ भी संभव है। रिकी पोंटिंग को मुंबई इंडियंस ने 2013 की आईपीएल नीलामी में एक बड़ी धनराशि में अपनी टीम में शामिल किया। इसके साथ ही मुंबई इंडियंस ने एक ऐसी सलामी जोड़ी को उतारना शुरू किया जिसके बारे में लोग कल्पना ही कर सकते थे-सचिन तेंदुलकर और रिकी पोंटिंग।
मगर बदकिस्मती से यह फैसला कारगर सिद्ध नहीं हुआ और रिकी पोंटिंग ने खेले गए पांच मुकाबलों में मात्र 52 रन बनाए और जल्द ही उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। चूंकि मुंबई इंडियंस ने रिकी पोंटिंग पर एक बड़ी धनराशि खर्च की थी इसलिए वह आईपीएल इतिहास में मुंबई इंडियंस की सबसे खराब साइनिंग कहे जा सकते हैं।