5 भारतीय खिलाड़ी जिन्होंने श्रीलंका के खिलाफ कप्तानी की शुरुआत की
13 जुलाई से भारत का श्रीलंका दौरा शुरू हो रहा है, जो कि कई मायनों में अनोखा है। क्योंकि इस दौरे पर भारत की दूसरी टीम , नए कप्तान और नए कोच के साथ उतरने जा रही है। भारत और श्रीलंका आपस में काफी ज्यादा क्रिकेट खेलते हैं और इसी वजह से इन दोनों टीमों के बीच कई खिलाड़ियों ने डेब्यू किया या फिर अपने कप्तानी करियर की शुरुआत की।
हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह अपने देश के लिए खेलें मगर उनमें से बहुत कम को ही अपने टीम का अगुवाई करने का मौका मिलता है। पिछले कुछ सालों में कुछ ऐसे भारतीय क्रिकेटर हुए हैं जिन्होंने बतौर कप्तान अपना पहला मैच श्रीलंका के खिलाफ खेला। इस आर्टिकल में हम उन 5 भारतीयों पर एक नज़र डालेंगे, जिन्होंने श्रीलंका के खिलाफ कप्तानी की शुरुआत की।
5 भारतीय खिलाड़ी जिन्होंने श्रीलंका के खिलाफ कप्तानी की शुरुआत की
1. कपिल देव
श्रीलंका के खिलाफ 1982-83 सीजन के दौरान कपिल देव पहली बार भारतीय टीम के कप्तान बने थे। उस समय भारत के कप्तान सुनील गावस्कर ने वनडे सीरीज के लिए खुद को आराम दिया था। जिस कारण गावस्कर की जगह देव को श्रीलंका के खिलाफ भारतीय टीम की कप्तानी करने का मौका मिला।
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भारतीए टीम ने हरफनमौला प्रदर्शन करते हुए बड़े आराम से 78 रनों से यह मुकाबला जीत लिया। भारत ने क्रिस श्रीकांत (57), अशोक मल्होत्रा (40), कप्तान कपिल देव (49) और यशपाल शर्मा (37) की मदद से 269/7 का स्कोर बनाया। गेंदबाजी विभाग में दिलीप जोशी ने 44 रन देकर 4 विकेट लिए। वही कपिल देव ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 8 ओवर में सिर्फ 9 रन दिए।
2. सचिन तेंदुलकर ने भी अपने कप्तानी करियर की शुरुआत श्रीलंका के खिलाफ की थी
सचिन तेंदुलकर क्रिकेट इतिहास के महानतम खिलाड़ियों में से एक हैं। जहां उन्होंने मैदान पर अपने बल्ले से अनगिनत रिकॉर्ड बनाए है वहीं एक कप्तान के तौर पर उन्हें मिली जुली सफलता मिली। उन्होंने अपने करियर में दो बार टीम के कप्तान के रूप में कार्य किया। लेकिन उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ सिंगर कप 1996 में कप्तानी की शुरुआत की। मोहम्मद अजहरुद्दीन के खराब प्रदर्शन के कारण बीसीसीआई को 23 साल की छोटी उम्र में सचिन को कप्तान बनाना पड़ा।
हालाँकि, यह योजना के अनुसार नहीं हुआ और भारत 9 विकेट से मैच हार गया। तेंदुलकर के शतक (110) के बावजूद भारत अपने 50 ओवरों में केवल 226/5 रन ही बना पाया। अजहरुद्दीन ने बेहद धीमी पारी खेली और 99 गेंदों में 58 रन बनाए। बाकी बल्लेबाज प्रदर्शन करने में नाकाम रहे। गेंदबाजी विभाग में, तेंदुलकर एकमात्र विकेट लेने वाले गेंदबाज थे और श्रीलंका ने मैच को आराम से 9 विकेट से जीत लिया।
3. विराट कोहली
विराट कोहली वर्तमान भारतीय कप्तान हैं और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक हैं। धोनी की तरह उन्हें भी सभी प्रारूपों में देश का नेतृत्व करने का मौका मिला। कोहली पहली बार 2013 में श्रीलंका, भारत और वेस्टइंडीज के बीच त्रिकोणीय श्रृंखला में श्रीलंका के खिलाफ कप्तान के रूप में खेले। धोनी को चोट के कारण श्रंखला से बाहर होना पड़ा जिस कारण कोहली को कप्तानी का जिम्मा सौंपा गया।
उपुल थरंगा की 174* की पारी ने श्रीलंका को 348/1 पर पहुंचा दिया था और उन्होंने जीत के लिए 349 रन का टारगेट रखा। आर अश्विन एकमात्र विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। कप्तान के रूप में कोहली के अंदर अनुभव की कमी साफ़ तौर पर दिखी। बल्लेबाजी विभाग में भी भारत का खराब प्रदर्शन रहा और पूरी टीम सिर्फ 187 रनों पर सिमट गयी। जडेजा नाबाद 49 रनों के साथ सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। इस मैच में भारत को एक करारी हार मिली।
2. रोहित शर्मा
रोहित शर्मा ने श्रीलंका के खिलाफ अपनी कप्तानी की शुरुआत की थी। जब भारत ने 2017 में श्रीलंका की मेजबानी की थी। भारत के दक्षिण अफ्रीका दौरे की तैयारी में, विराट ने टेस्ट श्रृंखला के बाद खुद को रेस्ट देने के लिए इस सीरीज में भाग नहीं लिया था, जिसकी वजह से रोहित को कप्तानी सौंपी गयी थी।
भारत पहले बल्लेबाज़ी करते हुए महज 112 रनों पर सिमट गया। एमएस धोनी ने सर्वाधिक 65 रन बनाये थे। कप्तान के रूप में अपना पहला मैच खेल रहे रोहित शर्मा सिर्फ 2 पर आउट हो गए। श्रीलंकाई टीम ने 20.4 ओवर में ही लक्ष्य को प्राप्त कर लिया और सात विकेट मुकबले को अपने नाम कर लिया।
5. शिखर धवन
शिखर धवन ने अभी तक भारत की कप्तानी नहीं की है मगर वो बहुत जल्द ऐसा करते दिखेंगे क्योंकि 13 जुलाई से शुरू होने वाले श्रीलंका दौरे पर शिखर ही कप्तान चुने गए हैं। एक तरफ विराट कोहली इंग्लैंड दौरे में व्यस्त हैं, वहीं दूसरी तरफ युवा टीम शिखर धवन की कप्तानी में श्रीलंका पहुँच चुकी है। देखना दिलचस्प होगा कि धवन कप्तान के रूप में कैसा प्रदर्शन करते हैं।