वो प्लेयर्स जिनका टी20 विश्वकप के लिए चयन किया जाना टीम इंडिया पर पड़ा भारी
टीम इंडिया आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप से लगभग बाहर हो चुकी है। यदि भारतीय टीम को अब भी फाइनल में पहुंचना है तो उसे अपने सभी मैच बड़े अंतर से जीतने होंगे। साथ ही, दूसरी टीमों के मैच के परिणामों पर भी निर्भर रहना होगा।
टीम इंडिया को इस टी-20 वर्ल्डकप का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। लेकिन, शुरुआती दो मैचों में अपने खराब प्रदर्शन से 135 करोड़ देशवासियों को निराश कर दिया है। पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के विरुद्ध हुए मैचों में बल्लेबाज पूरी तरह से असफल रहे। जबकि पहले मैच में नाकाम रहने वाले गेंदबाज दूसरे मैच में कुछ हद बेहतर करने का प्रयास करते हुए दिखाई दिए।
चूंकि, भारत का सेमीफाइनल में पहुंचना बेहद मुश्किल प्रतीत हो रहा है। इसलिए आज के इस लेख में हम, आईसीसी टी-20 विश्वकप के लिए टीम इंडिया में किए गए तीन गलत चयन पर नज़र डालेंगे।
1.) भुवनेश्वर कुमार:
आईसीसी टी-20 विश्वकप में भुवनेश्वर कुमार का चयन किया जाना चयनकर्ताओं की सबसे बड़ी गलतियों में से एक है। भुवनेश्वर आईपीएल से ही आउट ऑफ फॉर्म दिखाई दे रहे थे। ऐसे में आईसीसी के इस बड़े आयोजन में उनका चयन किया जाना अनुचित दिखाई पड़ता है। पाकिस्तान के विरुद्ध असफलता के बाद उन्हें न्यूजीलैंड के साथ हुए मैच में प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया था।
इसमें, कोई दो राय नही है कि, भुवनेश्वर एक अनुभवी गेंदबाज हैं। लेकिन, बीते कुछ वर्षों में उनका फॉर्म और फिटनेस काफी खराब रहा है। चयनकर्ताओं के सामने भुवनेश्वर के आईपीएल रिकॉर्ड रहे ही होंगे। बाबजूद इसके उनका चयन किया जाना टीम इंडिया के लिए भारी पड़ा है।
इस टी-20 वर्ल्डकप में भुवनेश्वर कुमार की जगह इन फॉर्म गेंदबाज दीपक चाहर को शामिल किया जाना चाहिए था। दीपक ने न केवल आईपीएल में बल्कि श्रीलंका के विरुद्ध हुई सीरीज में गेंद और बल्ले दोनों से बेहतरीन प्रदर्शन किया था।
हार्दिक पांड्या ने हाल के महीनों में फॉर्म और फिटनेस के लिए संघर्ष किया है। आईपीएल में भी वह बेरंग ही दिखाई दे रहे थे। आईपीएल में न तो वह बल्लेबाजी में सफल रहे और न ही उन्होंने गेंदबाजी की। लेकिन, प्रतिष्ठा के आधार पर उन्हें इस टी-20 विश्वकप में टीम इंडिया का सदस्य बना दिया गया।
हार्दिक को बतौर तेज गेंदबाज ऑल राउंडर टीम इंडिया में शामिल किया गया था। साथ ही उनकी पॉवर हीटिंग ने भी इसमें उनका सहयोग किया। लेकिन, पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ हुए मैचों में मौका मिलने के बाद भी वह कुछ खास नही कर सके।
पाकिस्तान और न्यूजीलैंड दोनों के खिलाफ भारत को एक ऐसे स्पिनर की जरूरत थी जिसमें विपरीत परिस्थितियों में विकेट हासिल करने की क्षमता हो। कप्तान विराट कोहली द्वारा शुरुआती दोनों मैचों में वरुण चक्रवर्ती को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया था। लेकिन, वह विकेट हासिल करने में असफल रहे। निश्चित ही वरुण आईपीएल-2021 में अच्छे फॉर्म में थे। इसलिए, उनका चयन किया जाना उचित था।
लेकिन, आईसीसी के इस बड़े आयोजन में एक इन फॉर्म और अनुभवी स्पिनर की आवश्यकता थी। इसलिए वरुण के अलावा, युजवेंद्र चहल का चयन किया जाना चाहिए था। लेकिन, चयनकर्ताओं ने अनुभवी चहल की जगह राहुल चाहर को तरजीह देते हुए भारतीय टीम में शामिल किया था। हालांकि, राहुल को अभी प्लेइंग इलेवन में जगह नही मिली है। लेकिन फिर भी चहल जैसे अनुभवी गेंदबाज के स्थान पर राहुल चाहर का चयन किया जाना चयनकर्ताओं के फैसले पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।