किसी भी मैच में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को मैन ऑफ द मैच पुरस्कार दिया जाता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि, यह पुरस्कार किसी एक व्यक्ति के शानदार प्रदर्शन के लिए यह पुरस्कार दिया जाता है। लेकिन, क्रिकेट में कुछ ऐसे भी मौके आए हैं जब एक मैच में दो खिलाड़ियों ने बेहतरीन खेल दिखाया था। और, यह फैसला कर पाना मुश्किल था कि सबसे बेहतरीन खेल किसका है। तब, ऐसी स्थिति में दो लोगों मैन ऑफ द मैच से नवाजा गया था।
टेस्ट क्रिकेट में अब तक ऐसे कई मौके सामने आए हैं, जब दो खिलाड़ियों द्वारा मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड को साझा किया गया हो। आज के इस लेख में हम ऐसी ही कुछ जोड़ियों पर नज़र डालते हैं जिन्हें एक टेस्ट मैच में शानदार प्रदर्शन करने के लिए मैन ऑफ द मैच दिया गया था।
1.) एंडी फ्लावर और ग्रांट फ्लावर:
साल 1995 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम जिम्बाब्वे दौरे पर थी। पाकिस्तान की टीम उस समय जिम्बाब्वे के विरुद्ध एक टेस्ट मैच खेल रही थी। चूंकि, जिम्बाब्वे उस वक्त भी आज की ही तरह कमज़ोर टीम थी इसलिए पाकिस्तान ने जिम्बाब्वे के प्लेयर्स को हल्के में लेने की भूल कर दी थी।
इस टेस्ट मैच में जिम्बाब्वे पहले बल्लेबाजी करने के लिए उतरा था। जिसमें फ़्लावर भाइयों की जोड़ी ने कमाल मचाया हुआ था। उस मैच में ग्रांट फ़्लावर ने दोहरा शतक जड़ा था जबकि एंडी फ़्लावर ने शानदार 156 रन बनाए थे।
इन दोनों खिलाड़ियों की जोड़ी ने उस टेस्ट में जिम्बाब्वे को बेहद मजबूत स्थिति में ले जाकर खड़ा दिया था। जिसके बाद, जिम्बाब्वे ने आखिरकार यह मैच भी जीत लिया था। चूंकि, एंडी और ग्रांट दोनों ने ही इस मैच के परिणाम में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी ऐसे में दोनों को ही मैन ऑफ द मैच से नवाजा गया था।
2) रवि शास्त्री और जॉन राइट:
इस सूची में दूसरा नाम रवि शास्त्री और जॉन राइट का है। दिलचस्प बात यह है कि, भारत के वर्तमान और पूर्व हेड कोच दोनों ही इस सूची में शामिल हैं। साल 1981 में भारतीय क्रिकेट टीम न्यूजीलैंड के दौरे पर थी। ऑकलैंड में खेले गए इस मैच में न्यूजीलैंड के दिग्गज बल्लेबाज जॉन राइट ने शानदार बल्लेबाजी की थी, जिसके बल पर न्यूजीलैंड ने बड़ा स्कोर खड़ा कर दिया था।
इसके अलावा, भारतीय तेज गेंदबाज रवि शास्त्री ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 7 विकेट हासिल किए थे। जिसके बल पर, न्यूजीलैंड के विरुद्ध हुए इस मैच में भारत ने इस मैच को ड्रॉ करा लिया। चूंकि, जॉन राइट और रवि शास्त्री दोनों ने ही इस मैच में शानदार प्रदर्शन किया था। इसलिए, दोनों ही खिलाड़ियों को इस मैच में मैन ऑफ द मैच पुरस्कार दिया गया था।
3.) शॉन पोलॉक और मार्क बाउचर:
दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज खिलाड़ी शॉन पोलॉक और मार्क बाउचर अपनी टीम की कई जीत में भागीदार रहे हैं। साल 1999 में दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे के विरुद्ध हुए इस मैच में शॉन पोलॉक और मार्क बाउचर दोनों ने ही शानदार खेल का प्रदर्शन किया था।
इस मैच में पोलॉक के अर्धशतक और बाउचर के शतक के दम पर दक्षिण अफ्रीका ने पहले विशाल स्कोर खड़ा किया और फिर शॉन पोलॉक ने 7 विकेट लेकर जिम्बाब्वे की कमर तोड़ दी थी। जिसके बाद दक्षिण अफ्रीका ने इस मैच को आसानी से अपने नाम कर लिया था। चूंकि, दोनों ही प्लेयर्स ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी टीम को जीत दिलाई थी। इसलिए पोलॉक और बाउचर दोनों को ही मैन ऑफ द मैच दिया गया था।
4.) डेल स्टेन और मोर्ने मोर्केल:
साल 2010 में इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया था। इस दौरे पर खेले गए चौथे टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों ने इंग्लैंड के विरुद्ध बेहद धारदार गेंदबाजी की थी। जिसके कारण इंग्लैंड के बल्लेबाजों को पिच पर ठहरने का मौका ही नही मिला था।
इस मैच में डेल स्टेन और मोर्ने मोर्कल की पेस जोड़ी ने 7-7 विकेट हासिल किए थे। जिसके बल पर अफ्रीका ने इस मैच में बड़ी जीत दर्ज की थी। चूंकि, दोनों ने ही बराबर विकेट हासिल किए थे। इसलिए, दोनों को ही मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया था।
5.) हरभजन सिंह और मैथ्यू हेडन:
साल 2010 में भारतीय टीम जबरदस्त फॉर्म में थी। यह वह दौर था जब भारतीय बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों ही अलग फॉर्म में थे। इसी दौरान ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत का दौया किया। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में खेली गई इस सीरीज में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 2-0 से क्लीन स्वीप किया था।
चेन्नई के खेले गए टेस्ट मैच में, भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह की कहर बरपाती हुई गेंदबाजी ने ऑस्ट्रेलिया के खेमे में हलचल मचा दी थी। इस मैच में भज्जी ने 15 विकेट हासिल किए थे। वहीं, ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज मैथ्यू हेडन ने दोहरा शतक जड़ा था। चूंकि, भज्जी और हेडन दोनों ही इस मैच के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी थे। इसलिए इन दोनों को ही मैन ऑफ द मैच पुरस्कार से नवाजा गया था।