वीरेंद्र सहवाग का बड़ा खुलासा कहा अनिल कुंबले ने बचाया मेरा टेस्ट क्रिकेट करियर
वीरेंद्र सहवाग ने साल 2007 की घटनाओं को लेकर की बात
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने खुलासा किया है कि उनका क्रिकेट करियर जल्द ही समाप्त हो सकता था। क्योंकि, साल 2007 में वह बेहद खराब फॉर्म से जूझ रहे थे और उन्हें टीम इंडिया से बाहर कर दिया गया था।
सहवाग ने यह भी कहा है कि, न तो वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में और न ही घरेलू क्रिकेट में कुछ खास प्रदर्शन कर पा रहे थे। इसलिए, जब वह टीम इंडिया से बाहर हुए थे थोड़ा परेशान हो गए थे। हालांकि, इसके बाद तत्कालीन कप्तान और महान लेग स्पिनर अनिल कुंबले (Anil Kumble) ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले चयनकर्ताओं से बात करते हुए कहा था कि उन्हें मेरी जरूरत है और फिर मैं टीम इंडिया का हिस्सा हो गया था।
गौरतलब है कि, टीम इंडिया का हिस्सा होने के बाद भी सहवाग को ऑस्ट्रेलिया दौरे के पहले दो टेस्ट मैचों में प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया था। जहाँ टीम इंडिया को दोनों मैचों में हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद पर्थ टेस्ट से पहले टीम इंडिया ने एक अभ्यास मैच खेला जहाँ वीरेंद्र सहवाग को मौका दिया गया था।
पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने स्पोर्ट्स 18 से बात करते हुए कहा है कि, ”कुंबले ने उनसे कहा था कि अगर वह अभ्यास मैच में 50 रन बनाते हैं, तो उन्हें पर्थ टेस्ट में खेलने का मौका मिलेगा।
सहवाग ने आगे यह भी बताया है कि, ”मैंने उस अभ्यास मैच में न केवल एक अर्धशतक बनाया, बल्कि बेहतरीन शतक भी जड़ा था। जिसके बाद पर्थ टेस्ट में मुझे कुंबले ने प्लेइंग इलेवन में जगह दी और इस तरह मैं एक बार फिर वापसी कर चुका था।”
पर्थ टेस्ट से वीरेंद्र सहवाग ने की टेस्ट क्रिकेट में वापसी
वीरेंद्र सहवाग ने पर्थ टेस्ट में भारत के लिए कुछ मूल्यवान योगदान दिया था। लेकिन, इसके बाद अगले टेस्ट जो कि एडिलेड में हुआ था में सहवाग ने शतक जड़ा और फिर टेस्ट क्रिकेट में आगे बढ़ते चले गए और नए कीर्तिमान स्थापित किए।
इसके बाद, वीरेंद्र सहवाग एमएस धोनी (MS dhoni) की कप्तानी वाली टेस्ट टीम के एक प्रमुख सदस्य बन गए। सहवाग की शानदार बल्लेबाजी और धोनी की कप्तानी के कारण ही भारतीय क्रिकेट टीम दुनिया में नंबर 1 टेस्ट टीम बनी थी। टेस्ट क्रिकेट में अपने इस दूसरे पड़ाव में सहवाग ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 319 और श्रीलंका के खिलाफ 293 रनों की पारी खेली थी।