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जानिये पोलार्ड को आउट करने के लिए धोनी ने दुबे को सीधे मिड-विकेट पर क्यों लगाया

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महेंद्र सिंह धोनी बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर खेल रहे है। उन्होंने इस सीजन की शुरुआत से कुछ दिन पहले कप्तानी छोड़ दी थी। उनकी जगह स्टार भारतीय ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को कप्तान बनाया गया था। हालांकि धोनी समय-समय पर रविंद्र जडेजा की मदद करते हुए नजर आते हैं। कभी धोनी मैदान पर फील्ड सेट करते हुए दिखते हैं तो कभी गेंदबाजों को समझाते हुए दिखाई देते है।

मुंबई के खिलाफ हुए मैच में भी धोनी ने बेहतरीन फील्डिंग सेट करते हुए कायरन पोलार्ड को अपने जाल में फंसाया। तेज गेंदबाज मुकेश चौधरी ने मुंबई के खिलाफ चेन्नई को बेहतरीन शुरुआत दिलाई। उन्होंने पावरप्ले में ही रोहित शर्मा, ईशान किशन और डेवाल्ड ब्रेविस जैसे खिलाड़ियों को आउट कर दिया। वहीं फॉर्म में चल रहे सूर्युकमार यादव को मिचेल सेंटनर ने आउट कर दिया था।

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धोनी की पोलार्ड को आउट करने की प्लानिंग आयी काम

अब मुंबई के लिए आखिरी खतरा कायरन पोलार्ड बचे हुए थे जो मुंबई को बड़े स्कोर की तरफ ले जा सकते थे। यहीं पर धोनी ने पोलार्ड को आउट करने के लिए शिवम दुबे को मिड विकेट पर साइड स्क्रीन के बिल्कुल सामने लगाया। पोलार्ड अक्सर इसी दिशा में बड़ा शॉट खेलते हुए दिखाई देते हैं। धोनी ने दुबे को ही इसलिए लगाया क्योंकि वो लंबे है अगर गेंद थोड़ा उनके ऊपर से भी वो उसे पकड़ सकते थे।

धोनी का यह फैसला सीएसके के लिए सही साबित हुए क्योंकि पारी का 17वां ओवर करने आये महीश तीक्षणा की दूसरी गेंद पर पोलार्ड ने सामने की तरफ ही हवाई शॉट लगाया। वहां मौजूद दुबे को ज्यादा हिलने की जरूरत भी नहीं पड़ी और उन्होंने आसानी से कैच को पकड़ लिया और पोलार्ड की पारी का अंत हो गया। इस मैच में पोलार्ड 9 गेंद में 1 चौके और एक छक्के की मदद से 14 रन बनाकर आउट हो गए।

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धोनी की इस प्लानिंग की हर जगह तारीफ हो रही है। धोनी ने 12 साल पहले 2010 के आईपीएल फाइनल में भी पोलार्ड को ऐसे ही आउट किया था। उस मैच में एल्बी मोर्केल की गेंद पर पोलार्ड ने सामने की तरफ शॉट खेला था और मैथ्यू हेडन ने उनका कैच पकड़ा था।

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