वो भारतीय प्लेयर्स जिन्होंने सबसे कम उम्र में ICC टूर्नामेंट में जीता था मैन ऑफ द मैच
हर क्रिकेटर का बचपन का सपना होता है कि वह अपने देश का प्रतिनिधित्व करे। यदि क्रिकेटर वास्तव में प्रभावशाली है तो उसे देश के लिए खेलते हुए आईसीसी टूर्नामेंट में भाग लेने तथा मैच जीतने में मदद करने का मौका मिलता है। यदि कोई युवा खिलाड़ी आईसीसी टूर्नामेंट में मैन ऑफ द मैच पुरस्कार प्राप्त करता है तो यह उसके लिए बड़ी बात होगी।
आज के इस लेख में, हम उन भारतीय खिलाड़ियों पर चर्चा करेंगे जिन्होंने सबसे कम उम्र में आईसीसी टूर्नामेंट्स में मैन ऑफ द मैच पुरुस्कार अपने नाम किया है।
1.) युवराज सिंह:
दुनिया के सबसे बेहतरीन ऑल राउंडर्स में से एक युवराज सिंह अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे। बाएं हाथ के बल्लेबाज युवी जब क्रीज पर रहते थे तो वह हमेशा ही विस्फोटक बल्लेबाजी करते थे। युवराज ने मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार 18 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ साल 2000 में आईसीसी नॉकआउट में जीता था।
युवराज सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए मैच में 80 गेंदों पर 84 रन बनाए थे, जिसके बल पर भारतीय टीम को 265 रन बनाने में सफलता प्राप्त हुई थी। चूंकि, ऑस्ट्रेलिया उस समय की सबसे मजबूत टीम और ऐसी टीम के विरुद्ध शानदार बल्लेबाजी करना आसान नही होता है।
युवराज की शानदार बल्लेबाजी के कारण ऑस्ट्रेलिया इस मैच में 25 रन से हार गया था। युवी के प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें मैन ऑफ द मैच अवार्ड दिया गया था। जब उन्हें यह अवार्ड दिया गया था तब वह मात्र 18 वर्ष और 299 दिन के थे, जिसके साथ ही वह मैन ऑफ द मैच जीतने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय क्रिकेटर बन गए थे।
2.) सचिन तेंदुलकर:
साल 1992 के विश्वकप में भारतीय टीम 147 रन 5 विकेट खोकर संघर्ष करती हुई दिखाई दे रही थी। पाकिस्तान के विरुद्ध इस मैच में 5 वें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने 62 गेंदों में 54 रनों की शानदार पारी खेली और भारत 216 रन तक पहुंचाया था।
बल्लेबाजी क्रम की विफलता के बाद जिस तरह से सचिन ने बल्लेबाजी की थी उससे भारतीय गेंदबाज आत्मविश्वास से भरे हुए थे। जिसका परिणाम यह हुआ कि पाकिस्तान क्रिकेट टीम 173 रन तक ही पहुंच सकी थी। चूंकि, दवाब से भरे हुए मैच में सचिन ने शानदार बल्लेबाजी कर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। इसलिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया था। जब उन्हें यह अवार्ड दिया जा रहा था तब वह 18 वर्ष और 314 के दिन थे।
3.) रोहित शर्मा:
रोहित शर्मा भारतीय टीम के सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाज व टी20 टीम के कप्तान भी हैं। रोहित शर्मा महज 20 साल के थे जब उन्हें एमएस धोनी की कप्तानी में 2007 टी20 वर्ल्ड कप में भारत के लिए खेलने का मौका दिया गया था। उस दौरान भारत नॉकआउट मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ संघर्ष कर रहा था और एक समय टीम इंडिया का स्कोर 61/4 था। तब टीम इंडिया को टूर्नामेंट में बने रहने के लिए जीत की ज़रूरत के साथ इस मैच को जीतने के लिए किसी चमत्कार की ज़रूरत थी।
इस नॉक आउट मैच में, रोहित ने केवल 40 गेंदों में एक महत्वपूर्ण अर्धशतक बनाया जिसके बल पर भारत ने 20 ओवरों में कुल 153 रन बनाए और दक्षिण अफ्रीका को 116 पर रोकते हुए शानदार जीत दर्ज की थी। रोहित शर्मा को उनके अर्धशतक के लिए मैन ऑफ द मैच से सम्मानित किया गया था। उस दौरान वह केवल 20 वर्ष और 314 दिन के थे।
4.) विराट कोहली:
भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार और कप्तान विराट कोहली ने भी युवावस्था में आईसीसी टूर्नामेंट में मैन ऑफ द मैच जीता था। साल 2009 के आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भारत और वेस्टइंडीज के बीच हुए मैच में भारत की जीत बेहद जरूरी थी।
भारतीय गेंदबाजों ने वेस्टइंडीज को दूसरी पारी में 129 रनों पर समेट दिया था। लेकिन, छोटे टारगेट का पीछा करते हुए भारत 12 रन पर दो विकेट खोने के बाद संघर्ष कर रहा था। लेकिन, विराट कोहली ने उस मैच में धीमी किन्तु मैच जीताऊ पारी खेलती हुए 104 गेंदों पर 79 रन बनाए थे। जिससे भारतीय टीम इस मैच को 7 विकेट से जीतने में सफल रही थी। विराट कोहली की मैच जिताऊ पारी के कारण उन्हें 20 वर्ष और 329 दिन में मैन ऑफ द मैच पुरुस्कार से नवाजा गया था।