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वो 3 फैसले जो आईपीएल 2022 में हुए हैं पूरी तरह फेल

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इंडियन प्रीमियर लीग का 15वां सीजन महाराष्ट्र में चल रहा है। इस सीजन के शुरू होने से लेकर अब एक महीने समाप्त होने के बाद ऐसे कई फैसले सामने आए हैं जिन्हें हम टाकिंग पॉइंट्स कह सकते हैं। इनमें से कुछ ऐसे भी पॉइंट्स रहे हैं जिन्होंने फ्रेंचाइजी के परिणामों को प्रभावित किया है। इस नोट पर, आज के इस लेख में, हम आईपीएल 2022 के उन तीन फैसलों पर एक नज़र डालेंगे जो पूरी तरह असफल रहे हैं।

1.) चेन्नई सुपर किंग्स द्वारा रवींद्र जडेजा को कप्तान बनाना:

आईपीएल 2022 की शुरुआत से कुछ ही दिन पहले एमएस धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी छोड़ते हुए रवींद्र जडेजा को नए कप्तान के रूप में पेश किया था। हालांकि, एमएस धोनी के इस फैसले की आलोचना और सराहना दोनों की गई थी। लेकिन, यह भी कहा गया था रवींद्र जडेजा को कप्तान बनाना अच्छा फैसला था।

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हालांकि, आईपीएल 2022 के आधे बीत जाने के बाद भी जडेजा चेन्नई सुपर किंग्स को उसकी वास्तविक स्थिति तक पहुंचाने में नाकामयाब रहे हैं। यही नहीं, रवींद्र जडेजा की फॉर्म में भी काफी गिरावट आई है। और, वह बेहद परेशान दिखाई देते हैं साथ ही अब तक खेले 8 मैचों में वह सिर्फ 112 रन और 5 विकेट हासिल करने में ही सफल रहे हैं। वास्तव में, यह किसी भी प्लेयर के लिए एक खराब रिकॉर्ड है। खासतौर से तब जबकि न केवल कप्तान हैं बल्कि फ्रेंचाइजी द्वारा उन्हें रिटेंशन लिस्ट में पहला स्थान दिया गया था।

2.) सनराइजर्स हैदराबाद द्वारा अब्दुल समद को रिटेन करना:

सनराइजर्स हैदराबाद द्वारा अब्दुल समद को रिटेन किया जाना उन फ़ैसलों में से एक है जो आईपीएल 2022 में अब तक पूरी तरह फेल हुआ है। हालांकि, इस बात में कोई दो राय नहीं है कि, अब्दुल समद में अपार क्षमता है। लेकिन, इस युवा ऑलराउंडर ने इस सीजन अब तक केवल 14 के औसत से मात्र 226 रन बनाए हैं। वह, इस सीजन कुछ खास नहीं कर सके हैं। यही कारण है कि उन्हें प्लेइंग इलेवन से भी बाहर कर दिया गया है।

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इसके बाद, सनराइजर्स हैदराबाद ने अब्दुल समद की जगह शशांक सिंह को गुजरात टाइटंस के खिलाफ प्लेइंग इलेवन में जगह दी। जहां उन्होंने 6 गेंदों में 25 रनों के बेहतरीन कैमियो से सभी को प्रभावित करते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया है।हालांकि, अब्दुल समद के पास जो प्रतिभा है, उसे देखते हुए शायद उसे रिलीज़ न किया जाता और फ्रैंचाइज़ी उन्हें सपोर्ट किया जाता। लेकिन, अगर उन्होंने समद के बजाय राशिद खान या डेविड वार्नर जैसे खिलाड़ी को रिटेन किया होता तो सनराइजर्स हैदराबाद की कहानी कुछ और हो सकती थी।

3.) केकेआर द्वारा सुनील नरेन को ओपनिंग कराना:

नरेन ने केकेआर के लिए अब तक 39 पारियों में ओपनिंग की है। हालांकि औसत केवल 18 के आसपास है लेकिन इस दौर उनका स्ट्राइक रेट 175 है। यही उनकी भूमिका है और उन्होंने इसे पूरा भी किया है। मगर, इससीज़न की शुरुआत से नरेन को वह भूमिका नहीं दी गई थी।

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हालांकि, रेगुलर ओपनर्स के लगातार खराब प्रदर्शन के बाद केकेआर के लिए नरेन ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ बल्लेबाजी की शुरुआत की। लेकिन, इस मैच में वह बिना किसी गेंद का सामना किए ही रन आउट होकर पवेलियन लौट गए। गुजरात टाइटंस के खिलाफ अगले गेम में, नरेन सिर्फ पांच गेंदों में पांच रन ही बना सके। इन दो असफलताओं के बाद, उन्हें दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ हुए मैच में वापस निचले क्रम में भेज दिया गया है। ऐसा लगता है कि नरेन के साथ सीजन के बीच में ओपनिंग करने का विचार टीम मैनेजमेंट के लिए अच्छा नहीं रहा है।

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