आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) द्वारा 5 सबसे खराब साइनिंग
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) वह फ्रेंचाइजी है जो दर्शकों को रोमांचक मुकाबले प्रदान करने के लिए मशहूर है तथा फैन बेस के मामले में यह टीम किसी भी टीम को टक्कर दे सकती है। किस्मत का साथ हमें इस टीम के साथ बहुत कम देखने को मिला है, बैंगलोर आईपीएल इतिहास में तीन बार फाइनल में पहुंच चुकी है मगर हर बार उसे हार का सामना करना पड़ा है।
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इस टीम की असफलता का कारण कहीं ना कहीं मैनेजमेंट द्वारा लिए गए गलत फैसले होते हैं जिन्होंने नीलामी में टीम की रणनीति के हिसाब से खिलाड़ी कभी नहीं खरीदे। खिलाड़ियों पर बहुत जल्दी बड़ा निवेश करना और उन्हें जल्द ही टीम से रिलीज करना इस फ्रेंचाइजी की हमेशा से आदत रही है। आज हम बात करेंगे रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर द्वारा की गई 5 सबसे खराब साइनिंग के बारे में।
आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) द्वारा 5 सबसे खराब साइनिंग
5. चेतेश्वर पुजारा
2011 की आईपीएल नीलामी जो एक मेगा ऑक्शन था उसमें आरसीबी ने एक नई टीम बनाई और अनुभवी खिलाड़ियों के साथ-साथ युवा खिलाड़ियों को भी टीम में शामिल किया। इस दौरान टीम ने चेतेश्वर पुजारा जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया था, उन्हें 3.2 करोड़ रुपए की बड़ी धनराशि में अपनी टीम में शामिल किया।
हालांकि आरसीबी उनका इस्तेमाल ढंग से ना कर स्की और उन्हें अंतिम ओवरों में बल्लेबाजी के लिए उतारते थे, जहां बड़े शॉट की दरकार होती है। ऐसे में चेतेश्वर पुजारा उनकी टीम के लिए कारगर सिद्ध ना हो सके।
4. क्रिस वोक्स
आईपीएल का 10वां सीजन रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए बेहद निराशाजनक रहा और उनकी टीम कुल मिलाकर तीन मुकाबले ही जीत सकी। ऐसे में मेगा ऑक्शन के पहले आरसीबी ने बहुत सारे खिलाड़ियों को रिलीज किया और एक नई टीम बनाई और उन्होंने कुछ अच्छे खिलाड़ी चुने, जिनमें एक नाम इंग्लैंड के ऑलराउंडर क्रिस वोक्स का था।
अपने पहले मुकाबले में क्रिस वोक्स ने केकेआर के खिलाफ 3 विकेट लिए, हालांकि यह उनका इकलौता बढ़िया मैच था और अगले 4 मुकाबलों में उन्हें मैदान के हर कोने पर मार पड़ी। उनके लचर प्रदर्शन की वजह से उन्हें बाकी मुकाबलों में खेलने का मौका ना मिल सका और अगले साल आरसीबी ने उन्हें टीम से रिलीज भी कर दिया।
3. सौरभ तिवारी भी आईपीएल में आरसीबी की खराब साइनिंग में शामिल हैं
आईपीएल के तीसरे संस्करण में प्लेऑफ में पहुंचने के बाद रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने अपनी टीम को पूरी तरह बदला और अगली नीलामी से पहले बहुत ही कम खिलाड़ियों को रिटेन किया। ऐसे में उन्होंने कुछ धाकड़ बल्लेबाज को टीम में शामिल किया और उनमें से एक नाम था सौरभ तिवारी का। मगर वह आरसीबी की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके और उन्होंने आरसीबी के लिए खेले गए 40 मुकाबलों में मात्र 1 अर्धशतक ही जड़ा और टीम के लिए कोई खास योगदान नहीं दे पाए।
2. टाइमल मिल्स
आईपीएल 2016 में आरसीबी आईपीएल का खिताब जीतने में एक कदम से चूक गई और उन्हें अपने तीसरे आईपीएल फाइनल में भी हार का सामना करना पड़ा। टीम की एकमात्र कमजोरी उनका तेज गेंदबाजी आक्रमण नजर आ रही थी जिसके लिए उन्होंने 2017 में टाइमल मिल्स को उनके बिग बैश लीग में किए गए शानदार प्रदर्शन के आधार पर 12 करोड़ रुपए की बड़ी धनराशि में अपनी टीम में शामिल किया।
उनके प्रदर्शन ने सबको निराश किया और खेले गए पांच मुकाबलों में केवल 5 विकेट ही ले सके। हालांकि उन्हें निश्चित ही और मौके मिलने चाहिए थे मगर मैनेजमेंट की लापरवाही के चलते उन्हें प्लेइंग इलेवन से जगह मिलनी बंद हो गई और अंत में उन्हें रिलीज भी कर दिया गया।
1. दिनेश कार्तिक
आईपीएल 2014 के बाद बैंगलोर ने फिर से एक नई टीम बनाने का फैसला किया और युवराज सिंह को रिलीज करने के बाद उनकी नजर एक अनुभवी मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज के ऊपर थी। इसके लिए उन्होंने दिनेश कार्तिक को 10.5 करोड़ की बड़ी धनराशि के साथ अपनी टीम में जोड़ा।
दिनेश कार्तिक के बेहतरीन प्रदर्शन की सबको उम्मीद थी मगर पूरे 16 मुकाबले खेलने के बावजूद उनके नाम मात्र 141 रन थे और वह एक भी बार 30 रन के आंकड़े तक को पार ना कर सके। इस लचर प्रदर्शन के बाद आरसीबी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।