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5 कारण जिनकी वजह से विराट कोहली अभी तक कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं जीत पाए हैं

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भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) एक शानदार बल्लेबाज हैं। वह कितना कठिन परिश्रम करते है इस बात से हम सब अवगत हैं। विराट ने जो अपनी जीवन-शैली में परिवर्तन लाए हैं वह सराहनीय है। उनकी जिस तरीके की मानसिकता है वह तारीफ के काबिल है। वह हर मैच में जीत की सोच के साथ उतरते है और यह चीज़ उनकी बातों में, खेलने के तरीके से साफ झलकती है।

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विराट कोहली भारत के लिए टेस्ट में सबसे सफल कप्तान है। लेकिन वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में हार के बाद लोग कोहली की कप्तानी पर सवाल उठा रहे हैं। 2017 में कोहली को सभी प्रारूप में कप्तानी सौंप दी गई थी। 2017 में चैंपियन्स ट्रॉफी, 2019 में 50 ओवर वर्ल्ड कप और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप। इन तीन टूर्नामेंट में से दो में भारत फाइनल में पहुंचा था लेकिन फाइनल मैच नहीं जीत पाया। ऐसे में कप्तान कोहली की असफलता के पीछे क्या कारण हैं, उनका जिक्र हम इस आर्टिकल करेंगे।

5 कारण जिनकी वजह से विराट कोहली अभी तक कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं जीत पाए हैं

1. खराब गेंदबाजी

2017 की चैंपियन्स ट्रॉफी के फाइनल में भारत ने पहले गेंदबाजी की थी। लेकिन जैसे प्रदर्शन की उम्मीद थी वैसा कर नहीं पाए। भारत के प्रमुख गेंदबाजों में से सिर्फ भुवनेश्वर कुमार ने ही सटीक गेंदबाजी करके 10 ओवर में 44 रन देकर 1 विकेट अपने नाम किया था। लेकिन बाकी सभी प्रमुख गेंदबाजों ने निराशाजनक प्रदर्शन किया। जिसकी वजह से पाकिस्तान ने मात्र 4 विकेट खो कर 338 रन बनाए थे। बुमराह, अश्विन, जडेजा जैसे गेंदबाजों से भारत को सबसे ज्यादा उम्मीद थी लेकिन गेंदबाजी से कमाल नहीं दिखा पाए।

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2. कुछ खिलाड़ियों पर अधिक निर्भरता 

भारतीय टीम पिछले कुछ सालों में कुछ प्रमुख खिलाड़ियों पर ही ज्यादा निर्भर रही है और जब ये खिलाड़ी फ्लॉप होते हैं तो फिर टीम को हार का ही सामना करना पड़ता है। वनडे में अक्सर टीम अपने टॉप 3 बल्लेबाजों पर ही निर्भर रही, वहीं गेंदबाजी में भी बुमराह जैसे खिलाड़ियों पर ही टीम पूरी तरह से निर्भर है और इसका खामियाजा हमें 2017 चैंपियंस ट्रॉफी और विश्व कप 2019 में भुगतना पड़ा था।

3. अहम मैचों में विराट कोहली का बतौर बल्लेबाज खराब रिकॉर्ड 

विराट कोहली वैसे तो भारत के मौजूदा समय में सबसे बड़े बल्लेबाज हैं और ये खिलाड़ी लगातार अच्छे प्रदर्शन के लिए भी जाना जाता है। हालांकि पिछले तीन बड़े आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल पर नजर डालें तो विराट का प्रदर्शन काफी खराब रहा था। विराट चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में 5 रन, विश्व कप 2019 के सेमीफइनल में 1 रन तथा टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में उनके बल्ले से अर्धशतक भी नहीं लगा। ऐसे में कोहली की खुद की बल्लेबाजी भी एक प्रमुख कारण है।

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4. संतुलित टीम का चयन ना करना 

विराट कोहली कप्तान होने के नाते हमेशा ही अहम मैचों में टीम चयन को लेकर हमेशा ही सवालों के घेरे में रहे हैं। इसका ताजा उदहारण हमें विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में देखने को मिला। सीमिंग ट्रैक पर टीम को एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज या फिर तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर का चयन करना चाहिए था लेकिन उन्होंने दो स्पिन गेंदबाजों का चयन किया और ये फैसला फ्लॉप साबित हुआ।

5. अहम मैचों में खराब बल्लेबाजी 

भारत के इन महत्वपूर्ण या नॉकआउट मैचों में हार का एक कारण बल्लेबाजी क्रम का एकदम से आउट हो जाना भी है। 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में, 339 रनों का पीछा करते हुए भारत की बल्लेबाजी काफी खराब रही थी। 2019 विश्व कप सेमीफाइनल में भी, भारत का स्कोर 5-3 था और विराट कोहली ने उल्लेख किया कि 45 मिनट के खराब क्रिकेट की वजह से उन्हें मैच हारना पड़ा।

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विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के दौरान भारतीय बल्लेबाजी अपनी दूसरी पारी में ताश के पत्तों की तरह बिखर गयी। कई बड़े बल्लेबाज सस्ते में आउट हो गए और टीम को फाइनल में हार का सामना करना पड़ा।

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Abhay Singh

क्रिकेट का प्रशंसक हूं और अपने इसी शौक की वजह से मैं क्रिकेट लेखन के क्षेत्र में भी सक्रिय हूं।

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