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आईपीएल इतिहास में एमएस धोनी की कप्तानी के 4 मास्टरस्ट्रोक

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एमएस धोनी (MS Dhoni) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ही नहीं बल्कि आईपीएल (IPL) में भी एक बेहद सफल कप्तान रहे हैं और उन्होंने कई सारे रोमांचक मुकाबलों के साथ-साथ तीन बार आईपीएल की ट्रॉफी भी जीती है। उनकी गिनती विश्व के सबसे बेहतरीन कप्तानों में की जाती है और उनके दर्जे का दूसरा कप्तान ढूंढ पाना बेहद मुश्किल काम है क्योंकि उन्होंने अपने करियर में सारी ट्रॉफी जीत रखी हैं।

धोनी की सोच कप्तानी के दौरान सबसे हटकर और सबसे सटीक होती है और यही उनकी कामयाबी का मुख्य कारण भी है। वे अक्सर ही मैच के दौरान कुछ ऐसे फैसले लेते हैं जो उनकी टीम को हारा हुआ मैच जीता देते हैं और विरोधी टीम को मैच से काफी दूर ले जाते हैं।

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आइए जानते हैं एमएस धोनी की कप्तानी के ऐसे ही 4 मास्टर स्ट्रोक के बारे में

#1 किरोन पोलार्ड के लिए स्ट्रेट मिड ऑफ का फील्डर

आज तक किसी भी कप्तान ने अंपायर के ठीक पीछे फील्डर नहीं जमाया, मगर यह काम धोनी ने आईपीएल 2010 के फाइनल मुकाबले में पोलार्ड के सामने किया। हालांकि वह एक विचित्र फील्डिंग पोजिशन थी मगर धोनी के पास यह करने की बड़ी वजह थी।

दरअसल धोनी ने यह भांप लिया था की पोलार्ड जितनी बार सीधा शॉट खेलते हैं तो 10 में से 9 बार वह गेंद को गेंदबाज के सर के ऊपर से निकाल रहे थे जिसकी वजह से धोनी ने उधर फील्डर सजा दिया।

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उनका यह निर्णय एकदम सटीक बैठा क्योंकि पोलार्ड ने उसी स्ट्रेट मिड ऑफ के फील्डर को कैच थमाया और उनकी पारी का अंत हो गया।

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#2-गेल के सामने अश्विन को गेंद सौपना

2011 के आईपीएल में क्रिस गेल कहर बरपाते हुए हर गेंदबाज को मैदान के दाएं,बाएं चारों ओर शॉट लगा रहे थे। ऐसे में 2011 के फाइनल मुकाबले में धोनी ने पावर प्ले के दौरान गेल के सामने अश्विन को भेजकर एक बड़ा दांव खेला।

एमएस धोनी यह बात अच्छे से जानते थे कि गेल अश्विन के सामने कुछ बड़े शॉट जरूर खेलेंगे मगर वह ये भी जानते थे कि क्योंकि अश्विन गेंद को बाहर की ओर ले जाते हैं तो गेल के बल्ले का किनारा भी लग सकता है।

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आखिरकार ऐसा ही हुआ, गेंद गेल के बल्ले का बाहरी किनारा लगती हुई सीधे धोनी के दस्तानों में गई और उनकी पारी का अंत हुआ। सीएसके उस साल लगातार दूसरी बार आईपीएल चैंपियन बनी थी।

#3-दीपक चाहर और हरभजन सिंह को बल्लेबाजी में ऊपर भेजना

आईपीएल 2018 के एक मुकाबले में धोनी ने दीपक चाहर और हरभजन सिंह को खुद से ऊपर बल्लेबाजी करने का मौका दिया क्योंकि चेन्नई सुपर किंग्स पंजाब के सामने एक बड़े लक्ष्य का पीछा कर रही थी।

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धोनी ने यह इसलिए किया ताकि इससे पंजाब के खेमे में थोड़ी हलचल मच जाए और उनके गेंदबाजी प्लान में थोड़े बदलाव आए। अंत में धोनी ने आकर गेम आसानी से जीत लिया मगर चाहर और हरभजन सिंह ने जो रन बनाए वह चेन्नई के बेहद काम आए।

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#4- अंबाती रायडू से पारी को शुरुआत कराना

आईपीएल 2018 के पहले जब चेन्नई सुपर किंग्स ने रायडू को खरीदा तो सब को लगा कि वह उन्हें मिडिल ऑर्डर में खिलाएंगे क्योंकि स्वाभाविक रूप से वह मिडिल ऑर्डर के ही बल्लेबाज हैं और उन्होंने मुंबई इंडियंस के लिए भी उसी स्थान पर पहले बल्लेबाजी कर रखी थी।

मगर धोनी ने सबको हैरान करते हुए रायडू को शेन वॉटसन के साथ पारी का आगाज करवाना शुरू किया। उनका यह फैसला बेहद कारगर सिद्ध हुआ क्योंकि उस वर्ष रायडू ने सीएसके के लिए सबसे अधिक रन बनाए और उन्हें चैंपियन भी बनाया

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