वो भारतीय बल्लेबाज जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट की पहली 60 पारियों में सबसे अधिक बार 150+ रन बनाए हैं
क्रिकेट के किसी फॉर्मेट चाहे वह टेस्ट हो या फिर वनडे, या टी-20 में शतक बनाना एक बड़ी उपलब्धि है। किसी मैच में शतक बनाने के बाद बल्लेबाज अपने प्रदर्शन से संतुष्ट हो सकता है। हालांकि, टीम की जीत हार टीम के सभी खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। लेकिन, टीम की हार के बाद भी बल्लेबाज प्रशंसा का पात्र होता है।
किसी भी बल्लेबाज को हमेशा ही यह सलाह दी जाती है कि वह छोटे टोटल को बड़े स्कोर में यानि कि अर्धशतक और फिर शतक में बदले। साथ ही, यह भी कहा जाता है कि, शतक को किसी बड़े स्कोर में तब्दील करने का भी प्रयास करें।
जहां तक, भारतीय क्रिकेट का सवाल है, ऐसे कई बल्लेबाज रहे हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ी और टीम के लिए हजारों रन बनाए हैं। क्रिकेट का दीवाना होने के कारण इन खिलाड़ियों ने देशवासियों के दिलों में खास जगह बना ली है और इसके कभी भी विस्थापित होने की संभावना नहीं दिखती।
आज हम टेस्ट क्रिकेट के ऐसे रिकॉर्ड पर बात करें जिसकी चर्चा शायद ही कभी की गई हो। जबकि, वास्तव में इस पर न केवल चर्चा होनी चाहिए बल्कि युवा क्रिकेटर्स को सीख मिले इसके लिए ऐसे आंकड़े भी प्रस्तुत करने चाहिए।
आइये, हम एक नज़र डालते हैं रिकॉर्ड बुक पर दर्ज ऐसे भारतीय खिलाड़ियों पर जिन्होंने टेस्ट करियर की पहली 60 पारियों में अधिकतम 150+ रन बनाए हैं।
1.) वीरेंद्र सहवाग:
नजफगढ़ के नवाब के नाम से मशहूर वीरेंद्र सहवाग अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे। सहवाग ने अपने टेस्ट करियर की 60 पारियों में छह बार 150 का आंकड़ा पार करने के बाद, इस सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया है। चूंकि, सहवाग टेस्ट क्रिकेट में भी वनडे की तरह ही बल्लेबाजी करते हुए नज़र आते थे। इसलिए इस सूची में उनका नाम होना बेहद आश्चर्यजनक हो सकता है।
वास्तव में, सहवाग की तकनीक कभी भी टेस्ट क्रिकेट के अनुरूप नही रही है। लेकिन, फिर भी उन्होंने यह कारनामा कर दिखाया है। कई क्रिकेट विशेषज्ञ यह कह चुके हैं कि, केवल एक सहवाग हो सकता है और दुनिया का कोई अन्य बल्लेबाज अकेले दम पर विपक्ष को ध्वस्त नहीं कर सकता। यह एकदम सटीक बात है। तेजतर्रार सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने 104 टेस्ट में 49.34 की औसत से 8586 रन बनाते हुए 23 शतक भी अपने नाम किए हैं।
2.) रोहित शर्मा:
सफेद गेंद के विशेषज्ञ और भारतीय टी-20 क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने अपनी पहली 60 टेस्ट पारी में चार बार 150 का आंकड़ा पार किया है। सफेद गेंद के प्रारूपों के विपरीत, टेस्ट क्षेत्र में रोहित को सफलता देर से मिली है। जिसका सबसे बड़ा कारण रोहित की बल्लेबाजी तकनीक ही है। जो कि, वास्तव में उन्हें सीमित ओवरों के क्रिकेट के अनुकूल बनाती है। हालांकि, फिर भी उनका टेस्ट क्रिकेट में सफल होना भारतीय टीम के लिए श्रेयस्कर है।
उन्होंने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत एक मध्य क्रम के बल्लेबाज के रूप में की थी। साल 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली गई सीरीज में डेब्यू करने वाले रोहित को लंबे समय बाद तब टीम की ओपनिंग सौंपी गई जब कई सलामी बल्लेबाज पूरी तरह से फेल हो चुके थे। रोहित शर्मा ने अब तक 43 टेस्ट में 46.9 की औसत से 3047 रन बनाए हैं जिसमें 7 शतक भी शामिल हैं।
3.) चेतेश्वर पुजारा:
आक्रमणकारी बल्लेबाजों के वर्चस्व वाले युग में, पुजारा भारतीय टेस्ट की सबसे बड़ी उम्मीद के रूप में उभरकर सामने आए हैं। चेतेश्वर पुजारा ने टेस्ट क्रिकेट में राहुल द्रविड़ की कमी को पूरा करने का हर संभव प्रयास किया है। पुजारा ने भी रोहित शर्मा की ही तरह अपने टेस्ट करियर की पहली 60 परियों में चार बार 150 का आंकड़ा पार किया है।
घरेलू या विदेशी परिस्थितियां हों, पुजारा का अपनी बल्लेबाज़ी के लिए एक सेट पैटर्न है। इस पैटर्न के बल पर वह दिन भर बल्लेबाजी कर सकते हैं और गेंदबाजों के थकने और ढीली गेंदें फेंकने का इंतजार कर सकते हैं। उनके दृष्टिकोण ने निश्चित रूप से विपक्षी गेंदबाजों के लिए काफी सिरदर्द पैदा किया है।
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एक बार सेट हो जाने के बाद, पुजारा को रोकना मुश्किल होता है, जो स्पिनरों के खिलाफ अपने पैरों का इस्तेमाल करके उन्हें ऑन-साइड से मारते हैं और पेसरों के खिलाफ बैक-फुट का इस्तेमाल करते हुए शानदार पुल करते हैं। सौराष्ट्र के इस सुपरस्टार ने 83 टेस्ट में 47.17 की औसत से 6227 रन बनाए हैं और 18 शतक भी शामिल है।
4.) गौतम गंभीर:
दिल्ली सलामी बल्लेबाज, गंभीर ने भी अपनी पहली 60 टेस्ट पारी में 4 बार 150 का आंकड़ा पार किया है। गंभीर ने टेस्ट, वनडे और टी-20 तीनों प्रारूपों में सहवाग के साथ एक घातक सलामी जोड़ी बनाई और शीर्ष क्रम में काफी रन बनाए।
गंभीर ने हमेशा ही एक ऐसे बल्लेबाज के रूप में प्रदर्शन किया है। जो दोनों गियर में बल्लेबाजी कर सकता है। यानि कि, पारी की शुरुआत में जब सहवाग तेज बल्लेबाजी कर रहे होते थे तब वह सधी बल्लेबाजी करते थे। लेकिन, जब वह एक बार पिच के मिजाज को समझ जाते थे। तब, वह खुलकर बल्लेबाजी करते थे। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 58 टेस्ट में 41.95 की औसत से 4154 रन बनाए थे जिसमें 9 शतक भी शामिल हैं।
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