कानपुर में भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन आश्विन और ऑन-फील्ड अंपायर नितिन मेनन के बीच जोरदार बहस छिड़ गई.
हुआ कुछ ऐसा कि पुरानी गेंद से भारतीय स्पिनर्स को कुछ ज्यादा मदद नहीं मिल रही थी. आश्विन न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों को छकाने के कुछ अलग करने की कोशिश कर रहे थे. इसी कड़ी में वो राउंड द विकेट गेंदबाजी करते हुए बिल्कुल विकेटों के करीब आने लगे.
आश्विन एक अस्वाभाविक सा कोण बना कर बल्लेबाजों को परेशान करने की कोशिश कर रहे थे, पर ऐसा करते हुए वो अपने फॉलो थ्रू में बिल्कुल अंपायर के सामने से निकल जा रहे थे, जिसकी वजह से अंपायर गेंद को बल्लेबाज तक पहुंचते हुए नहीं देख पा रहे थे.
अंपायर मेनन ने 2-3 बार आश्विन को ये बात बताई भी थी कि फॉलो थ्रू में उनके सामने से निकलते हुए वो उनके विज़न को ब्लॉक कर रहे हैं, पर आश्विन ने उस फॉलो थ्रू के साथ गेंदबाजी करना नहीं छोड़ा और कुछ ओवरों के बाद अंपायर को आश्विन को ये बताना पड़ा कि वो उस फॉलो थ्रू के साथ अब और गेंदबाजी नहीं कर सकते.
अंपायर से काफी नाखुश दिखे रविचंद्रन आश्विन
अंपायर के मना करने पर रविचंद्रन आश्विन बिल्कुल नाखुश दिखे और अंपायर के साथ लगातार बहस करते रहे. आश्विन शायद इस बात से भी थोड़े नाखुश थे कि कुछ देर पहले अंपायर ने उनकी एक एलबीडब्ल्यू की अपील नकार दी थी और बाद में टेलीविज़न रीप्ले से पता चला कि गेंद विकेटों से जाकर टकराती.
आश्विन के बहस करने के कारण अंपायर को आखिरकार भारत के कप्तान अजिंक्य रहाणे के पास जाकर शिकायत करनी पड़ी कि आश्विन उनके विज़न को ब्लॉक कर रहे हैं.
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बाद में आश्विन ने अपना रन अप बदला और वापस अपने स्वाभाविक रन अप से गेंदबाजी करने लगे. 80 ओवरों के बाद नई गेंद मिलते ही भारतीय गेंदबाजों को लगातार सफलताएं भी मिली और भारत ने मैच में वापसी की.