सौरव गांगुली की गिनती भारतीय क्रिकेट टीम के इतिहास में सबसे शानदार कप्तानों में होती है। उनकी शानदार कप्तानी का कोई जवाब नहीं था, बावजूद इसके कि उनकी कप्तानी में भारत ने कोई आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीती। गांगुली का योगदान भारतीय क्रिकेट टीम के लिए इतना अधिक इसलिए माना जाता है क्योंकि जब उन्होंने कप्तानी का जिम्मा संभाला तब भारतीय टीम एकदम बिखरी हुई थी।
उन्होंने नए सिरे से एक नई टीम बनाई और युवा खिलाड़ियों को भी मौका दिया। सौरव गांगुली न सिर्फ एक बेहतरीन कप्तान रहे हैं बल्कि संन्यास के बाद कमेंटेटर के रूप में भी उनका करियर शानदार रहा है। कई मौकों पर उनके हाजिर जवाब अंदाज ने लोगों का दिल जीता है।
Made my debut today .. life’s best moment @bcci pic.twitter.com/2S9VLSSVzE
— Sourav Ganguly (@SGanguly99) June 19, 2020
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आईए नजर डालते हैं उन 5 मौकों पर जब सौरव गांगुली ने अपने शानदार जवाब से अपने साथी कमेंटेटर की बोलती बंद कर दी।
1. गांगुली ने किया नासिर हुसैन का मुंह बंद
एक बार मैच के दौरान नासिर हुसैन ने भारतीय फुटबॉल टीम का मजाक उड़ाते हुए सौरव गांगुली से पूछा कि क्या कभी ऐसा समय आएगा जब भारत फुटबॉल विश्व कप के लिए क्वालीफाई करेगा?
It's time for the #HeroISLFinal pic.twitter.com/R8Q3Q5M7H7
Advertisement— Sourav Ganguly (@SGanguly99) March 13, 2021
इस तंज के जवाब में गांगुली ने बोला कि अगर भारतीय फुटबॉल टीम पिछले पांच दशकों से लगातार विश्व कप में खेल रहा होता तो वह एक बार तो फुटबॉल विश्व कप के फाइनल में अवश्य पहुंचता (जो कि इंग्लिश टीम 2019 तक नहीं पहुंच पाई थी)। दादा के इस जवाब ने हुसैन का मुंह कुछ देर के लिए बंद कर दिया।
2. मौका-मौका विज्ञापन पर दादा का शानदार जवाब
मौका-मौका विज्ञापन एक लोकप्रिय विज्ञापन है जिसका ताल्लुक भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट मैच से होता है। इस विज्ञापन में एक पाकिस्तानी फैन की निराशा को दिखाया जाता है जो सालों से पटाखे फोड़ने के मौके की तलाश में है। लेकिन जब भी उसको लगता है कि अब वह मौका आ गया उसी वक्त पाकिस्तानी टीम भारत से विश्व कप में हार जाती है।
दादा ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मौका-मौका विज्ञापन हमेशा इसी तरह चलता रहेगा क्योंकि भारत हर विश्व कप में पाकिस्तान को मैच हराता रहेगा।
3. सौरव गांगुली ने दिया ज्योफ्री बॉयकॉट को शानदार जवाब
जैसा कि हम सब जानते हैं 2002 की नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में जीतने के बाद दादा ने लॉर्ड्स की बालकनी में अपनी शर्ट उतार कर जश्न मनाया था |
ज्योफ्री बॉयकॉट ने कमेंट्री के दौरान सौरव गांगुली को उसी घटना को याद दिलाते हुए उनकी टांग खींची जिसके जवाब में दादा ने उन्हें तुरंत याद दिलाया कि किस प्रकार एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने भी मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में बिलकुल इसी तरह का व्यवहार किया था। दादा ने आगे कहा कि जिस प्रकार लॉर्ड्स इंग्लिश क्रिकेट का मक्का कहा जाता है उसी प्रकार वानखेड़े भारतीय क्रिकेट का मक्का है।
4. सौरभ गांगुली ने राहुल द्रविड़ की चुटकी का दिया शानदार जवाब
एक बार राहुल द्रविड़ दादा को चिढ़ाते हुए बोले अगर दादा थोड़े से और तेज और फिट होते तो वह बल्ले के साथ साथ गेंद से भी भारत को कई मौकों पर मैच जिता सकते थे।
इसके जवाब में गांगुली ने बोला कि अगर वह भारत के प्रधानमंत्री होते तो वह बहुत सी चीजें और कर सकते थे। सीधे शब्दों में दादा यह कहना चाहते थे कि खेल में अगर और मगर नहीं होता है।
5. सौरव गांगुली ने किया धोनी की फील्ड प्लेसमेंट पर मजाक
एमएस धोनी द्वारा लगाई गई फील्ड कई बार दादा को हैरान कर देती थी क्योंकि उन्हें समझ नहीं आता था कि धोनी मैदान के अजीब हिस्सों पर फील्डर्स का उपयोग क्यों करते हैं। एक मैच के दौरान दादा ने कमेंट्री पर कहा कि धोनी को संन्यास के बाद उनकी लगाई गई फील्डिंग पोजिशन के ऊपर एक किताब अवश्य लिखनी चाहिए।