पूर्व भारतीय बल्लेबाज विनोद कांबली ने अब तक के अपने 4 पसंदीदा बल्लेबाजों के नाम का ऐलान किया है। उन्होंने अपनी इस सूची में तीन भारतीयों को चुना है। हालांकि, कांबली ने भारत के सबसे महान बल्लेबाजों में से एक और भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ को इस सूची में स्थान नही दिया है। इतना ही नहीं, कांबली ने भारत के लिमिटेड ओवर्स के कप्तान रोहित शर्मा की भी अनदेखी की है।
विनोद कांबली ने जिन तीन भारतीय खिलाड़ियों को चुना है, वे हैं सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली। इसके अलावा, उन्होंने वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान सर विवियन रिचर्ड्स को भी अपनी फैब 4 को पूरा करने के लिए इस सूची में शामिल किया है। जबकि कांबली के फैब 4 में सभी चार बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया है। द्रविड़ ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने टेस्ट मैच क्रिकेट में भारत के लिए बहुत कठिन काम किया।
निश्चित तौर पर राहुल द्रविड़ सलामी बल्लेबाज नहीं थे, लेकिन जब नंबर 3 के लिए महान बल्लेबाजों की बात की जाती है तो उसमें राहुल द्रविड़ का नाम अवश्य शुमार होता है। ऐसे कई मौके आए जब उन्हें टॉप ऑर्डर पर एक तरीके से पारी की शुरुआत करते हुए देखा गया था। क्योंकि, जब शुरुआती ओवर्स में ही ओपनर आउट हो जाए तब कई बार बेहद मुश्किल परिस्थितियों में नई गेंद का भी सामना करना पड़ा। इसके बावजूद, टेस्ट क्रिकेट में उनका रिकॉर्ड न केवल घर पर बल्कि विदेशों में भी विश्वस्तरीय था।
इस बात में कोई संदेह नहीं है कि, भारत ने ऐसे खिलाड़ी पैदा किए हैं जो खेल के सबसे लंबे प्रारूप में भी द्रविड़ से ज्यादा तेजतर्रार रहे हैं। और, क्रीज में समय बिताते हुए मैच को विपक्षी टीम से बहुत दूर ले गए हों। लेकिन, उनमें से ज्यादातर खिलाड़ी आमतौर पर नम्बर 4 या 5 पर बल्लेबाजी करते हैं। दूसरी ओर, द्रविड़ ने नंबर 3 पर बल्लेबाजी की। अपने करियर के अधिकांश हिस्सों के लिए नम्बर 4 पर बल्लेबाजी करते हुए टीम को जीत दिलाई है।
विनोद कांबली ने अपने फैब में थ्री स्ट्रोक मेकर को चुना है
विनोद कांबली ने खुद द्रविड़ के साथ काफी क्रिकेट खेला था। और, वह द्रविड़ की क्षमता से भी अच्छी तरह वाकिफ हैं। लेकिन, अपने फैब 4 को चुनते समय, कांबली सुनील गावस्कर को छोड़कर स्ट्रोकमेकर्स की ओर आकर्षित हुए।
एक विदेशी बल्लेबाज जिसे कांबली ने अपने फैब 4 में चुना है, वह है विवियन रिचर्ड्स। जिन्हें अब तक के सबसे महान बल्लेबाजों में से एक के रूप में जाना जाता है। सर रिचर्ड्स ने उस दौर में अपने खेल का लोहा मनवाया है जब न तो हेलमेट होते थे। और न ही,अन्य कोई सुरक्षा उपकरण। वाबजूद इसके उन्होंने अपने करियर में कई कीर्तिमान स्थापित किए।
वास्तव में, सर विवियन रिचर्ड्स को उनकी जिस खासियत ने अपने युग का सबसे अधिक ध्यान देने योग्य बल्लेबाज बनाया, वह यह था कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट और सीमित ओवर क्रिकेट में एक ही गति से बल्लेबाजी की। जब वह टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी कर रहे थे, तो यह स्पष्ट होता था कि गेंदबाजों की इकॉनमी बढ़ना तय है। जैसा कि आम तौर पर वनडे और टी20 क्रिकेट में होता हुआ देखा जा रहा है।