आईपीएल की शुरुआत 2008 में हुई थी और तब से लेकर अब तक इस लीग को दुनियाभर में लोकप्रियता मिल गयी है। हर क्रिकेटर का सपना इस लीग में खेलने का होता है। इसमें फ्रेंचाइजी खिलाड़ियों के ऊपर काफी पैसा खर्च करती है। वहीं इस बार तो बीसीसीआई को ऑरेंज कैप और पर्पल कैप के लिए स्पोंसर्स मिल चुके हैं।
दिलचस्प बात यह है कि आईपीएल को टैक्स में छूट दी दी गई है। कुछ महीने पहले इसको लेकर विवाद भी हो गया था। हालांकि अब सब कुछ क्लियर हो गया है। तो आज हम आईपीएल के टैक्स फ्री होने के कारणों को बताएंगे।
आईपीएल हो गया है टैक्स फ्री
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में, बीसीसीआई ने 2016-17 में रेवेन्यू डिपार्टमेंट द्वारा तीन कारण बताओ नोटिस के संबंध में टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल ((ITAT) से संपर्क किया था। यह इसलिए किया गया था कि इनकम टैक्स के सेक्शन 12 ए के अंडर बीसीसीआई को जो टैक्स में छूट मिली है, उसे रद्द क्यों नहीं कर देना चाहिए।
बेंच ने बीसीसीआई की दलीलों को मान लिया है और कहा है कि भले ही बोर्ड आईपीएल के जरिए पैसा कमाता है, लेकिन क्रिकेट को बढ़ावा देने का उद्देश्य मौजूद है। इसलिए, यह फैसला लिया गया है कि आईपीएल से होने वाली इनकम को को टैक्स में छूट दी जाएगी।
क्रिकेट को लोकप्रिय बनाना ही उद्देश्य है
ट्रिब्यूनल के न्यायिक सदस्य रवीश सूद और उपाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने पिछले साल नवंबर में इस फैसले को लेकर कहा था कि, “बीसीसीआई ने अपनी कैपेबिलिटीज, मैनेजमेंट स्किल्स और बेहतर रिसोर्सिस का इस्तेमाल करते हुए क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने का ही काम कर रहा है। इस लीग के जरिए स्पॉन्सर, खिलाड़ी, दर्शक, क्रिकेट फैंस सभी इससे जुड़े हुए है।
आईपीएल ने भारतीय क्रिकेट को ऊंचाइयों तक पहुंचाने का काम किया है। इसी वजह से आज भारतीय टीम की बेंच स्ट्रेंथ में काफी गहराई है और इसका श्रेय आईपीएल को जाता है। आईपीएल से ही जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पांड्या जैसे स्टार्स निकले है जिन्होंने आगे चलकर भारतीय टीम को रिप्रेजेंट करते हुए अच्छा प्रदर्शन किया है।
इस लीग में देश के युवा क्रिकेटरों को अपना टैलेंट दिखाने का मौका मिलता है। आईपीएल से दर्शकों बहुत एंटरटेन होते है। इस साल होने वाले आईपीएल में दो और नयी टीमें जुड़ गयी है जिस वजह से इसका रोमांच और बढ़ गया है।