भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्टार हरभजन सिंह ने साल 2011 के विश्व कप के खिलाड़ियों को और अधिक मौके नहीं देने के लिए टीम के पूर्व चयनकर्ताओं की आलोचना की है। न्यूज़18 के साथ हाल ही में एक इंटरव्यू में, हरभजन ने इस बारे में खुलकर बात की और कहा कि, आखिर क्यों 2011 विश्व कप टीम को एक साथ खेलने के अधिक मौके दोबारा नहीं मिले।
धोनी ने नहीं है कोई शिकायत: हरभजन सिंह
पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर ने आगे बात करते हुए कहा कि, जब पुराने खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे तो नए खिलाड़ियों को आजमाने की क्या जरूरत थी। हरभजन सिंह ने स्पष्ट किया कि, उन्हें टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी या बीसीसीआई से कोई शिकायत नही है। लेकिन, यह बात समझ से परे है कि, आखिर चयनकर्ताओं ने क्या किया।
उल्लेखनीय है कि, उस समय इस विषय को लेकर हरभजन और चयनकर्ताओं के बीच टकराव भी हुआ। हालांकि, उन्हें चयनकर्ताओं की ओर से उचित प्रतिक्रिया नहीं मिली। यहां जानिए हरभजन ने आखिर क्या कहा:
भज्जी ने कहा “मुझे एमएस धोनी से कोई शिकायत नहीं है। वास्तव में, धोनी इतने वर्षों से मेरे एक अच्छे दोस्त रहे हैं। मुझे तो बीसीसीआई से शिकायत है। उस समय के चयनकर्ताओं ने अपना काम सही से नहीं किया। उन्होंने टीम को एकजुट नहीं रहने दिया।”
टर्बनेटर के नाम से मशहूर हरभजन सिंह ने यह भी कहा कि, “नए खिलाड़ियों को टीम में लाने का क्या मतलब था। जबकि, चैम्पियन खिलाड़ी अभी भी टीम में थे और अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे।”
इसके आगे हरभजन सिंह ने कहा कि, यह अजीब विडंबना थी कि, साल 2011 के विश्व कप विजेताओं को विश्व चैंपियन होने के बावजूद दोबारा एक साथ खेलने का मौका नहीं मिला। हरभजन की राय में, उनमें से कई खिलाड़ी 2015 विश्व कप में भी खेल सकते थे।
चयनकर्ताओं ने भी नहीं दिया कोई जवाब
अंत में, हरभजन ने इस बारे में और जानकारी दी कि जब हरभजन ने इस विषय पर चयनकर्ताओं से बात की तो,उन्होंने कहा कि निर्णय उनके हाथ में नहीं था। हैरान भज्जी उन्हें यह बोलकर वहां से चले गए कि फिर वे चयनकर्ताओं का काम क्यों कर रहे हैं।
गौरतलब है कि, साल 2011 विश्व कप टीम ने सभी पक्षों को मजबूत बनाया था। शानदार सलामी बल्लेबाजी ,विश्वसनीय मध्य-क्रम के बल्लेबाज, उम्दा ऑलराउंडर, विश्व स्तरीय कप्तान फिनिशर, विकेटकीपर, विकेट लेने वाले गेंदबाज और शानदार फील्डर्स। बहुत से क्रिकेट प्रशंसक हरभजन कि इस बात से सहमत हो सकते हैं कि विश्वकप टीम के विजेता खिलाड़ी एक साथ और अधिक क्रिकेट खेलने के काबिल थे।