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विराट कोहली द्वारा किए गए वो बड़े फैसले जिनका भारतीय टीम पर बड़ा प्रभाव पड़ा

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भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली टीम की बल्लेबाजी लाइन अप की सबसे मजबूत रीढ़ माने जाते हैं। विराट के पास एक बल्लेबाज के रूप में बहुत सारे रिकॉर्ड हैं।निश्चित रूप से, वह एकदिवसीय मैचों में 12,000 से अधिक रन और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुल मिलाकर 22,000 से अधिक रन बनाने वाले सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में से एक हैं।

एक कप्तान के रूप में, वह संख्या के हिसाब से अब तक के सबसे सफल भारतीय टेस्ट कप्तान हैं। उन्होंने भारतीय टीम को लगातार तीन आईसीसी टूर्नामेंट नॉकआउट में पहुंचाया है। कप्तान के रूप में उनके साहसिक फैसलों ने कई मौकों पर भारतीय टीम को गौरवान्वित भी किया है।

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यहां हम कप्तान कोहली के ऐसे मास्टर-स्ट्रोक पर नजर डालेंगे, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को सफलता दिलाई है।

1.) टेस्ट क्रिकेट के लिए बुमराह का चयन:

भारतीय गेंदबाजी लाइन अप की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी जसप्रीत बुमराह ने साल 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए मैच में टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया था। बुमराह शुरुआत से ही अपने शानदार यॉर्कर के लिए जाने जाते थे। साथ ही यह भी कहा जाता था कि वह व्हाइट बॉल क्रिकेट के प्लेयर है। चूंकि, उनका गेंदबाजी एक्शन अन्य गेंदबाजों से एकदम अलग है इसलिए कहा जाता था कि वह चोटिल हो सकते हैं। इस कारण उन्हें टेस्ट मैचों के लिए पसंद नहीं किया गया।

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लेकिन विराट कोहली को इस तेज गेंदबाज पर भरोसा था और उन्होंने साल 2018 में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध हुई टेस्ट सीरीज के लिए बुमराह को टीम में शामिल किया था। बुमराह, ने अपनी गेंदबाजी से कप्तान को निराश नहीं किया क्योंकि उन्होंने अपनी पहली ही टेस्ट श्रृंखला में पांच विकेट लिए। बाद में, वह दक्षिण अफ्रीका, वेस्ट इंडीज, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में टेस्ट मैच खेलने वाले वाले एकमात्र एशियाई गेंदबाज बन गए।कुल मिलाकर, उन्होंने केवल 24 टेस्ट मैचों में 101 विकेट हासिल किए हैं।

2.) अश्विन की जगह युजवेंद्र चहल का चयन:

साल 2017 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान अश्विन का प्रदर्शन कुछ खास नही था। जिस कारण सीमित ओवरों के प्रारूप में भारतीय टीम से उन्हें बाहर कर दिया गया था। इसलिए टीम इंडिया को अश्विन की जगह किसी अन्य गेंदबाज की आवश्यकता थी। ऐसे में, विराट कोहली ने युजवेंद्र चहल को टीम में शामिल कर बड़ा फैसला लिया था।

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युजवेंद्र चहल विराट कोहली के इस फैसले और भारतीय क्रिकेट फैंस की उम्मीदों पर एकदम खरे उतरे। इतना ही नहीं, वह जल्द ही भारतीय गेंदबाजी दल के प्रमुख सदस्य भी बन गए। चहल ने कुलदीप यादव के साथ गेंदबाजी करते हुए ढेर सारे विकेट चटकाए हैं। चहल 49 मैचों में 63 विकेट के साथ भारत के सबसे सफल टी-20 गेंदबाज हैं।

3.) यो-यो टेस्ट:

हम सभी जानते हैं कि विराट कोहली एक फिटनेस फ्रीक हैं। उन्होंने टीम इंडिया के प्रत्येक प्लेयर के लिए पूरी तरह फिट होने का लक्ष्य रखा। अगर भारत दुनिया की सबसे फिट टीमों में से एक है, तो कोहली को ही इस उपलब्धि का श्रेय दिया जाना चाहिए। यो-यो टेस्ट, जिसे अक्सर बीप टेस्ट कहा जाता है, को साल 2017 में भारतीय टीम ने अपनाया था।

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यह टेस्ट, खिलाड़ियों को पास करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बिंदु उनकी फिटनेस ही है। भारतीय टीम में चयन के लिए विचार किए जाने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को यह टेस्ट पास करना ही होता है। ऐसा कई बार देखा गया है कि, यो-यो टेस्ट में पास न हो पाने के कारण कुछ खिलाड़ियों को टीम से ड्राप भी कर दिया गया है।

4.) मोहम्मद सिराज को प्रोत्साहन:

मोहम्मद सिराज को आईपीएल-2018 की नीलामी में आरसीबी ने साइन किया था। आईपीएल के उस सीजन में सिराज का प्रदर्शन कुछ खास नही था। आईपीएल-2019 में भी, सिराज को ज्यादातर मौकों पर प्लेइंग इलेवन से बाहर ही रहना पड़ा। लेकिन, सिराज ने यूएई में हुए आईपीएल-2020 में दमदार वापसी की। अपने इस प्रदर्शन के बल पर उन्होंने भारतीय टेस्ट टीम में भी कॉल-अप अर्जित किया और सिडनी में अपने पहले ही मैच में ही सभी को प्रभावित किया।

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सिराज को अपनी पूरी यात्रा के दौरान भारतीय कप्तान से काफी समर्थन मिला है। विराट का हमेशा से मानना ​​था कि सिराज किसी भी बल्लेबाज को किसी भी पिच पर आउट कर सकते हैं। सिराज ने अपने शानदार प्रदर्शन से अपने कप्तान के भरोसे को पूरी तरह सही साबित किया है।

5.) टेस्ट मैचों में रोहित शर्मा से ओपनिंग:

रोहित ने साल 2013 में भारत के लिए ओपनिंग शुरू की थी। लेकिन, वह शुरूआत में निचले मध्यक्रम के बल्लेबाज थे। हालांकि, तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी द्वारा उन्हें वनडे और टी-20 क्रिकेट के लिए प्रमोट करते हुए ओपनिंग करने के लिए निर्देशित किया।रोहित ने दोनों हाथों से मौके का फायदा उठाया और वनडे तथा टी-20 मैचों में सबसे महान सलामी बल्लेबाजों में से एक बन गए।

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टेस्ट क्रिकेट मे भी रोहित ने मुख्य रूप से मध्य क्रम में बल्लेबाजी की और वहां उनका करियर शुरू हुआ। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत धमाकेदार तरीके से की लेकिन लगातार प्रदर्शन करने में नाकाम रहे।

हालांकि फिर, विराट कोहली ने साल 2019 में दक्षिण अफ्रीका के भारत दौरे के दौरान रोहित शर्मा को टेस्ट क्रिकेट में सलामी बल्लेबाज के रूप में इस्तेमाल करने का फैसला किया। सलामी बल्लेबाज के रूप में अपनी पहली ही पारी में शतक बनाकर रोहित ने मौके का सबसे ज्यादा फायदा उठाया। आज वह टेस्ट क्रिकेट में भी भारत के लिए पहली पसंद वाले सलामी बल्लेबाज हैं।

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