आईपीएल में फ्रेंचाइजी खिलाड़ियों को अपनी टीम में शामिल करने के लिए पैसा पानी की तरह बहाती हैं। इनमें से कुछ अच्छा प्रदर्शन करते हुए अपनी छाप छोड़ने में कामयाब हो जाते हैं।
वहीं कुछ ऐसे भी खिलाड़ी रहे है जो बिके तो काफी महंगे है लेकिन अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे है। तो आज हम आपको ऐसे ही टॉप 5 खिलड़ियों के बारे में आपको बताने जा रहे है।
1. युवराज सिंह
युवराज को दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) ने 2015 की नीलामी में 16 करोड़ रुपये की भारी कीमत में खरीदा था लेकिन वो अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे।
2015 में उन्होंने 14 मैच खेले और 118.09 के स्ट्राइक रेट की मदद से 248 रन ही बना पाए। इस दौरान उनके बल्ले से 2 ही अर्धशतक देखने को मिले है। वहीं गेंदबाजी करते हुए उन्होंने एक विकेट लिया है।
2. पैट कमिंस
कोलकाता नाइट राइडर्स ने ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट के कप्तान को 2020 की नीलामी में 15.25 करोड़ की भारी भरकम राशि में अपनी टीम में शामिल किया था लेकिन कमिंस इस प्राइस टैग को जस्टिफाई नहीं कर सके।
उन्होंने 2020 में 14 मैच खेले और 7.86 के इकॉनमी रेट की मदद से 12 विकेट ही ले सके। फ्रेंचाइजी ने उन्हें 2021 में इसी कीमत पर रिटेन किया लेकिन वो एक बार फिर अच्छा प्रदर्शन करने में फेल हो गए। उन्होंने 7 मैच खेले और 8.83 के इकॉनमी रेट की मदद से 9 ही विकेट अपने नाम किये है।
3. टायमल मिल्स
इंग्लैंड के बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने 2017 की आईपीएल नीलामी के दौरान 12 करोड़ रुपये कीमत में खरीदा था। मिल्स ने 2017 की नीलामी से पहले इंग्लैंड के भारत दौरे के दौरान टी20 इंटरनेशनल सीरीज में अपनी गेंदबाजी वैरिएशन से सभी को प्रभावित किया।
टायमल मिल्स से जिस प्रदर्शन की उम्मीद की गयी थी वो वैसा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे। उन्होंने 2017 में 5 मैच खेले और 8.57 इकॉनमी रेट की मदद से 5 विकेट ही ले सके।
4. झाय रिचर्डसन
रिचर्डसन ने 2021 की बिग बैश लीग (बीबीएल) में पर्थ स्कॉर्चर्स के लिए 17 मैच में 7.69 के इकॉनमी रेट से 29 विकेट चटकाए थे। इसी वजह से पंजाब ने 2021 की नीलामी में उन पर 14 करोड़ की बड़ी बोली लगाकर अपने साथ जोड़ लिया था।
हालांकि जो प्रदर्शन उन्होंने बीबीएल में करके दिखाया था। वो उस प्रदर्शन को आईपीएल में नहीं दोहरा सके। उन्हें केवल 3 मैच खेलने का मौका मिला जिसमें वो 10.64 के खराब इकॉनमी रेट से मात्र 3 विकेट ही ले सके। इसके बाद पंजाब ने उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर का रास्ता दिखा दिया।