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वो दिग्गज भारतीय खिलाड़ी जिन्होंने अपना अंतिम अंतर्राष्ट्रीय टी-20 मैच विश्वकप में खेला था

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आईसीसी टी-20 विश्व कप किसी भी खिलाड़ी के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट यानि टी-20 क्रिकेट में खुद को साबित करने का सबसे बड़ा मंच है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद यानि आईसीसी ने साल 2007 में पहली बार टी-20 विश्वकप का आयोजन किया था। भारतीय टीम इस विश्वकप को जीतने वाली पहली टीम थी। भारत के बाद पाकिस्तान, श्रीलंका, वेस्टइंडीज और इंग्लैंड भी टी-20 विश्व कप विजेता बने। हालांकि, वेस्टइंडीज एक मात्र ऐसी टीम है जो दो बार टी-20 विश्वकप जीत चुकी है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे बड़े टी-20 टूर्नामेंट में भारत के प्रदर्शन की बात करें तो भारतीय टीम एक बार विजेता और एक बार उपविजेता रह चुकी है। इसके अलावा, एक बार भारत सेमीफाइनल में भी हार चुका है। जबकि साल 2009, 2010 और 2012 में, भारत सुपर-8 के से आगे निकलने में विफल रहा था।

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भारतीय टीम के पूर्व कप्तान, महेन्द्र सिंह धोनी अब तक टी-20 विश्वकप में भारतीय टीम की कप्तानी करते हुए दिखाई देते थे। लेकिन, इस विश्वकप में वह टीम के मेंटर के रूप में दिखाई देंगे। एक ओर जहां धोनी ने अपना आखिरी अंतर्राष्ट्रीय टी-20 मैच द्विपक्षीय सीरीज में खेला। वहीं, कुछ ऐसे भारतीय क्रिकेटर भी हैं, जिनका अंतर्राष्ट्रीय टी-20 करियर टी-20 विश्वकप में खेले गए मैच में ही समाप्त हो गया।

आज के इस लेख में, हम ऐसे ही भारतीय खिलाड़ियों के बारे में जानेंगे जिन्होंने अपना आखिरी टी-20I मैच विश्वकप में ही खेला था।

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1.) वीरेंद्र सहवाग:

बहुत कम खेल प्रशंसकों को यह पता होगा कि भारतीय टीम के पूर्व ओपनर बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग भारतीय टी-20 टीम के पहले कप्तान थे। उन्होंने साल 2006 में भारतीय टी-20 टीम की कप्तानी की थी। वीरेंद्र सहवाग के बाद महेंद्र सिंह धोनी को टी-20 टीम की कमान दी गई थी। दाएं हाथ के इस दिग्गज बल्लेबाज ने भारत की ओर से कुल 19 टी-20 मैचों का प्रतिनिधित्व किया था। जिनमें उन्होंने, 21.9 के औसत और 145.4 के स्ट्राइक रेट से 394 रन बनाए थे।

वीरेंद्र सहवाग ने टी-20 विश्वकप के 2012 संस्करण के दौरान अपने करियर का आखिरी अंतर्राष्ट्रीय टी-20 मैच खेला था। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए इस मैच में उन्होंने 14 गेंदों में 17 रन बनाकर रॉबिन पीटरसन का शिकार हुए थे।

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2.) जोगिंदर शर्मा:

आईसीसी टी-20 विश्वकप के पहले संस्करण में भारतीय टीम की जीत के हीरो रहे जोगिंदर शर्मा हर खेल प्रशंसक को याद होंगे। क्योंकि, साल 2007 में हुए विश्वकप फाइनल में पाकिस्तान के विरुद्ध खेले गए मैच में जोगिंदर शर्मा ने ही आखिरी ओवर में गेंदबाजी कर मिसबाह-उल-हक़ को आउट करते हुए भारतीय टीम को जीत दिलाई थी।

हालांकि, बहुत से प्रशंसकों को यह नहीं पता होगा कि पूर्व भारतीय ऑलराउंडर जोगिंदर शर्मा ने साल 2007 के टी-20 विश्वकप फाइनल में खेलने के बाद भारतीय टीम की ओर से एक भी टी-20 मैच नहीं खेला है। दिलचस्प है कि, जोगिंदर शर्मा ने अपने टी-20 करियर में मात्र 4 मैच खेले हैं और ये सभी मैच आईसीसी टी-20 विश्वकप 2007 में खेले गए थे।

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3.) आरपी सिंह:

बाएं हाथ के पूर्व तेज गेंदबाज आरपी सिंह इस सूची में शामिल होने वाले एक और खिलाड़ी हैं। आरपी सिंह ने आईसीसी टी-20 विश्वकप 2007 और 2009 में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया था। आरपी सिंह टी-20 विश्वकप के पहले संस्करण में भारतीय टीम की जीत में भूमिका निभाने वाले प्रमुख खिलाड़ियों में से एक थे। आरपी सिंह ने 2007 में पाकिस्तान के साथ हुए फाइनल में 3 विकेट लेकर मैच में भारत की जीत सुनिश्चित की थी।

हालांकि, वह टी-20 विश्वकप 2009 में अपने प्रदर्शन को जारी नही कर सके। जिस कारण विश्वकप के बाद उन्हें भारत की टी-20 टीम में नही चुना गया। और इसी संस्करण में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला गए मैच उनके अंतर्राष्ट्रीय टी-20 करियर का अंतिम मैच साबित हुआ।

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 4.) अजीत अगरकर:

पूर्व भारतीय ऑलराउंडर अजीत अगरकर ने टी-20 विश्वकप के पहले संस्करण में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया था। दुर्भाग्य से इसी संस्करण में उन्होंने अपने टी-20 करियर का अंतिम मैच भी खेला था। इस विश्वकप में भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया मैच उनका करियर का अंतिम टी-20 मैच साबित हुआ।

अपने अंतिम अंतर्राष्ट्रीय टी-20 मैच में अगरकर बल्ले और गेंद दोनों से ही फ्लॉफ साबित हुए थे। बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने 2 गेंदो में एक रन बनाया था और रन आउट हो गए थे। जबकि गेंदबाजी में उन्होंने अपने स्पेल का 4 ओवरों में 10 की इकॉनमी के साथ 40 रन दिए थे और उन्हें कोई भी विकेट हासिल नही हो सका था।

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5.) लक्ष्मीपति बालाजी:

इस सूची में शामिल होने वाले एक और तेज गेंदबाज लक्ष्मीपति बालाजी हैं। आईसीसी टी-20 विश्वकप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुए मैच में लक्ष्मीपति बालाजी ने अपना अंतिम टी-20I मैच खेला था। इस मैच के साथ ही विश्वकप में भारतीय टीम और अंतर्राष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट में बालाजी का सफर खत्म हो गया था।

भारत के लिए लक्ष्मीपति बालाजी ने कुल 5 टी-20 मैच खेले हैं। उन्होंने यह सभी मैच इसी टी-20 विश्वकप के दौरान ही खेले थे। इन 5 मैचों में बालाजी ने 7.56 की इकॉनमी के साथ 10 विकेट हासिल किए थे। जबकि अंतिम टी-20 मैच में उन्होंने 3.5 ओवरों में 37 रन देकर 3 विकेट हासिल किए थे।

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6.) जहीर खान:

पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान के सन्यास के बाद उनका जैसा तेज गेंदबाज भारतीय टीम को अब तक प्राप्त नही हो सका है। वास्तव में, भारतीय टीम में बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों की कमी रही है। और, यदि कुछ गेंदबाज सामने आए भी हैं तो वह जहीर जैसे सफल नही हो पाए हैं।

जहीर खान ने भारतीय टीम की ओर से कुल 17 टी-20 मैच खेले हैं। जिनमें उन्होंने 7.63 की इकॉनमी और 26.4 के औसत से 17 विकेट हासिल किए थे। जहीर ने अपना अंतिम अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच टी-20 विश्वकप 2012 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था। जहीर ने अपने अंतिम टी-20I मैच में 4 ओवर में 5.50 की बेहतरीन इकॉनमी के साथ 3 विकेट हासिल किए थे।

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7.) इरफान पठान:

आईसीसी टी-20 विश्वकप 2007 के फाइनल मैच में ऑल राउंडर प्रदर्शन करने के कारण मैन ऑफ द मैच बनने वाले इरफान पठान ने भी साल 2012 में हुए टी-20 विश्वकप में अपना अंतिम अंतर्राष्ट्रीय टी-20 मैच खेला था। इस मैच में जहीर ने 3 ओवर में 26 रन देकर एक विकेट हासिल किए थे।

भारतीय टीम के लिहाज से साल 2012 में हुआ टी-20 विश्वकप यूँ तो कुछ खास नही रहा। लेकिन, इस विश्वकप में चार भारतीय खिलाड़ियों ने अपना अंतिम टी-20I मैच खेला था। ये चार खिलाड़ी थे, वीरेन्द्र सहवाग,लक्ष्मीपति बालाजी, जहीर खान और इरफान पठान।

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