क्रिकेट के खेल में शायद ही कोई कप्तान होगा जो टीम द्वारा मिसफील्डिंग में रन लुटाने से परेशान ना हो। कोई भी कप्तान या गेंदबाज नहीं चाहेगा कि उनकी टीम मिसफील्डिंग करे और अतिरिक्त रन दूसरी टीम को दे। अगर कोई टीम बैटिंग या बॉलिंग जैसे विभागों में कुछ कमजोर रह जाती है तो वहां दूसरे-दूसरे खिलाड़ियों को आजमा कर कुछ सुधार लाया जा सकता है। लेकिन यदि कोई टीम फील्डिंग के विभाग में ख़राब प्रदर्शन करती है तो आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में उसकी जीत की उम्मीदें धूमिल होती जाती हैं।
मुंबई और दिल्ली के बीच शनिवार को हुए मैच के दौरान स्टार स्पोर्ट्स द्वारा दिखाए गए एक आंकड़े के मुताबिक फील्डिंग के दौरान मैदान पर सबसे अधिक रन देने वाली टीमों के नाम दिखाए गए। गुजरात और लखनऊ की टीमें सबसे ख़राब फील्डिंग करने वाली टीमों में नहीं हैं। मैदान पर खराब फील्डिंग की वजह से विपक्षी टीम को सबसे ज्यादा रन देने वाली 3 टीमें इस प्रकार हैं –
3) कोलकाता नाइट राइडर्स:
कोलकाता की टीम पिछले सीज़न की उपविजेता (रनर-अप) रही है। इस सीजन की शुरुआत उन्होंने अच्छी की थी और शुरू के 4 मैचों में 3 मैच जीत लिए थे। हालांकि बाद में वे इस अच्छी शुरुआत का फायदा नहीं उठा सके और जैसे-जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ता गया, वे पिछड़ते गए और आखिर में प्लेऑफ में पहुंचने में नाकाम रहे। श्रेयस अय्यर की कप्तानी में केकेआर ने खेले अपने 14 मैचों में से 6 में जीत हासिल की। इन 14 मैचों में केकेआर ने खराब फील्डिंग की वजह से 45 रन बनाए।
2) रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर:
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए आईपीएल का यह सीजन उतार-चढ़ाव भरा रहा। विराट कोहली के कप्तानी छोड़ने के बाद टीम नए कप्तान फाफ डु प्लेसी की कप्तानी में खेलने उतर रही थी। ग्रुप स्टेज के मैचों के खत्म होने के बाद भी आरसीबी को प्लेऑफ में पहुंचने के लिए दूसरे मैचों के परिणाम पर निर्भर रहना पड़ा। आखिर में दिल्ली और मुंबई के बीच हुए मैच में दिल्ली के हारने के बाद ही बैंगलोर का प्लेऑफ में पहुंचना तय हो सका। ग्रुप स्टेज के 14 मैचों में बैंगलोर ने 8 जीते थे। इन 14 मैचों में इस टीम ने मिसफील्डिंग से 47 रन दिए थे। बैंगलोर में कोहली, डु प्लेसी और मैक्सवेल जैसे उच्च-स्तरीय फील्डर हैं जो सर्कल में और आउटफील्ड में फील्डिंग करते हैं, फिर भी बैंगलोर का इतना रन देना हैरत की बात है।
1) मुंबई इंडियंस:
मुंबई के लिए आईपीएल 2022 निराशाजनक रहा। आईपीएल के इतिहास में पहली बार मुंबई ने एक सीजन में 10 मैच हारे और सिर्फ 4 ही में जीत दर्ज कर सकी। इन 10 में से शुरुआती 8 मैच टीम ने लगातार गँवाए। जहां उनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी ने उन्हें निराश किया ही, उनकी फील्डिंग भी बहुत बेहतर नहीं रही। खराब फील्डिंग से रन देने के मामले में मुंबई अव्वल रही, जो कि किसी भी टीम के लिए निराशाजनक है। स्टार स्पोर्ट्स द्वारा दिखाए गए आंकड़ों के हिसाब से मुंबई ने इस साल फील्डिंग से 61 रन विपक्षी टीमों को दिए।