लगभग सभी क्रिकेट फैंस को यह पता है कि, टेस्ट क्रिकेट, क्रिकेट का सबसे पुराना और बेहद खूबसूरत फॉर्मेट है। निस्संदेह, टेस्ट क्रिकेट का रोमांच हर किसी के लिए नही है क्योंकि इसमें बेहद धैर्य की आवश्यकता होती है। खासतौर से तब जब कोई बल्लेबाज शतक या दोहरा शतक लगाने का प्रयास कर रहा हो।
टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत साल 1877 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए मैच के साथ हुई थी। भारत के मामले में, भारत ने में अपना पहला टेस्ट मैच साल 1932 में खेला था यानि कि भारत को टेस्ट खेलने में 55 साल लग गए थे।
भारत ने साल 1932 में सीके नायडू के नेतृत्व में इंग्लैंड के खिलाफ खेल की शुरुआत की और तब से भारतीय टेस्ट टीम का नेतृत्व 89 वर्षों में 32 विभिन्न कप्तानों ने किया है।दिलचस्प बात यह है कि इनमें से सिर्फ 5 खिलाड़ी ही भारत की कप्तानी करते हुए दोहरा शतक बना पाए हैं। आज हम उन पांच कप्तानों का जिक्र करने जा रहे हैं जिन्होंने भारत के लिए दोहरा शतक लगाया है।
5.) मंसूर अली खान पटौदी:
मंसूर अली खान पटौदी ने साल 1964 में टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक बनाया था। इसी के साथ वह बतौर कप्तान दोहरा शतक लगाने वाले पहले भारतीय थे। उन्होंने, दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम (फिरोजशाह कोटला) में इंग्लैंड के खिलाफ यह उपलब्धि हासिल की थी।
पटौदी की यह पारी इस मायने में भी खास है क्योंकि, इस मैच की तीसरी पारी में भारत को पहली बार 107 रनों की बढ़त हासिल हुई थी। अपनी मैराथन पारी में पटौदी ने 203 रन बनाए थे। जिसमें उन्होंने 23 चौके और दो छक्के भी लगाए थे। पटौदी की इस इस शानदार बल्लेबाजी के दम पर भारत का स्कोर 463 रन पहुंच गया था। जिसके बाद भारत मैच ड्रा कराने में कामयाब हुआ था।
4.) सुनील गावस्कर:
इस सूची में दूसरा नाम सुनील गावस्कर का है, जिन्हें क्रिकेट जगत में और उनके फैंस के बीच में लिटिल मास्टर के नाम से जाना जाता है। गावस्कर ने साल 1978 में वेस्टइंडीज के खिलाफ शानदार 205 रन बनाए थे। छह मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मैच में जब भारत के सामने शक्तिशाली वेस्टइंडीज थी। तब, सुनील गावस्कर ने अपनी क्लास दिखाई थी।
इस टेस्ट मैच में, सुनील गावस्कर ने 205 रन की अपनी पारी में 342 गेंदें खेली और दो छक्कों के साथ 29 चौके लगाए थे। उन्होंने पहली पारी में अपने दोहरे शतक के बाद, दूसरी पारी में अर्धशतक भी बनाया जिसके बल पर भारत मैच ड्रा कराने में कामयाब हुआ था।
3.) सचिन तेंदुलकर:
सर्वश्रेष्ठ भारतीय बल्लेबाजों में से एक के रूप में पहचाने जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने भारत के कप्तान के रूप में एक टेस्ट दोहरा शतक अपने नाम किया है। उनकी 217 रनों की यह पारी साल 1999 में न्यूजीलैंड के भारत दौरे के दौरान आई थी।
इस सीरीज के तीसरे मैच में सचिन ने पहली पारी में 344 गेंदों पर 217 रन की शानदार पारी खेली, जिसके बल पर भारत ने 587 रन बनाए थे। एक वक्त ऐसा लग रहा था कि भारत इस मैच में आसानी से जीत दर्ज कर लेगा। लेकिन, न्यूजीलैंड ने मैच को ड्रॉ कराने में सफलता प्राप्त की थी।
2.) महेंद्र सिंह धोनी:
भारतीय क्रिकेट इतिहास के सफलतम कप्तान कप्तान के रूप में अपना नाम दर्ज कराने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने साल 2013 में बतौर कप्तान दोहरा शतक बनाया था। इसके साथ ही वह दोहरा शतक लगाने के बाद मैच जीतने वाले भारत के पहले टेस्ट कप्तान भी बने थे। धोनी का यह दोहरा शतक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आया था।
महेंद्र सिंह धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए इस मैच में 265 गेंदों में 24 चौकों और 6 छक्कों की मदद से 224 रनों की पारी खेली थी। इस मैच में महेंद्र सिंह धोनी की शानदार पारी के कारण भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से मात दी थी, जिसके बाद धोनी मैन ऑफ द मैच भी बने थे।
1.) विराट कोहली:
आधुनिक युग के महानतम बल्लेबाजों में से एक कोहली ने इस प्रतियोगिता में हर खिलाड़ी को काफी पीछे छोड़ दिया है।उन्होंने अब तक टेस्ट मैचों में कुल 7 दोहरे शतक लगाए हैं।दिलचस्प यह है कि उनके ये सभी दोहरे शतक भारत की कप्तानी करते हुए आए हैं।
विराट कोहली पहला दोहरा शतक जुलाई 2016 में वेस्टइंडीज के खिलाफ एंटीगुआ में आया था, जबकि दूसरा दोहरा शतक उसी साल अक्टूबर में न्यूजीलैंड के खिलाफ आया था। विराट यहीं नही रुके उन्होंने दिसंबर 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ एक बार फिर दोहरा शतक जड़ते हुए सभी को हैरान कर दिया था। उनका यह दोहरा शतक 2016 का तीसरा दोहरा शतक था।
इसके अलावा, फरवरी 2017 में बांग्लादेश के विरुद्ध हैदराबाद में तथा दिसंबर 2017 में श्रीलंका के विरुद्ध और फिर श्रीलंका के विरुद्ध जारी सीरीज में विराट के बल्ले से एक और दोहरा शतक निकला। यानि 2017 में भी विराट के बल्ले से तीन दोहरे शतक निकले थे।
हालांकि, साल 2018 में विराट कोहली का बल्ला चलता रहा। लेकिन, वह दोहरा शतक नही लगा सके। मगर विराट कोहली का क्लास रुकने वाला नही था। साल 2019 में एक बार उन्होंने दो सौ का आंकड़ा पार किया और पुणे में 254 रनों की शानदार पारी खेलते हुए अपने करियर का सातवां दोहरा शतक पूरा किया।