वीरेंद्र सहवाग जब पहली बार मैदान पर उतरे, तब उन्हें अगला सचिन तेंदुलकर कहा गया। किसी भी खिलाड़ी के लिए यह बहुत बड़ी बात होगी कि उसकी तुलना किसी बड़े खिलाड़ी से की जा रही है।
हालांकि, सहवाग की तुलना सचिन से इसलिए नही की गई कि वह शुरुआत से ही सचिन जितना अच्छा खेल रहे थे। बल्कि, इसलिए कि सहवाग और सचिन दोनों की ही बल्लेबाजी शैली कुछ हद तक एक जैसी थी। साथ ही दोनों ऑफ साइड पर अधिक खेलते थे और स्पिनरों के खिलाफ बड़े हिट करना दोनों को ही पसंद था।
अब जबकि सचिन और सहवाग दोनों ने ही क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। तब, आइए उनके करियर से जुड़े ऐसे संयोगों के बारे में जानते हैं जो दोनों को एक दूसरे से जोड़ते हैं।
1.) वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक:
सचिन तेंदुलकर वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक बनाने वाले पहले खिलाड़ी हैं। उन्होंने, यह जादुई आंकड़ा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ साल 2010 में ग्वालियर में छुआ था। उस मैच में सचिन ने ग्राउंड्स के चारों ओर रन बटोरते हुए शानदार दोहरा शतक जड़ते हुए बड़ा कीर्तिमान रचा था।
सचिन के शतक के ठीक एक साल बाद, वीरेंद्र सहवाग ने इंदौर में वेस्टइंडीज के खिलाफ सचिन के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। सहवाग ने वेस्टइंडीज के खिलाफ हुए मैच में 219 रन की पारी खेली। जोकि कुछ समय के लिए वनडे क्रिकेट में सर्वोच्च स्कोर बना रहा। दिलचस्प है कि सहवाग उस मैच में कैप्टन कूल की अनुपस्थिति में टीम इंडिया की कप्तानी भी कर रहे थे।
2.) टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक:
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने हमेशा ही एक शांत दृष्टिकोण के साथ बल्लेबाजी की। लेकिन सहवाग टेस्ट मैचों में भी आक्रमता दिखाते हुए नजर आते थे। इसलिए, क्रिकेट के जानकारों ने हमेशा ही यह दावा किया कि सहवाग टेस्ट क्रिकेट में कभी भी सफल नही हो सकते।
लेकिन, सहवाग सिर्फ सहवाग नही थे। उन्हें अगला सचिन कहा गया था। इसलिए उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में भी एक से बढ़कर एक कीर्तिमान स्थापित किए। यहाँ तक कि उन्होंने तिहरा शतक भी जड़ा। लेकिन सचिन और सहवाग के संयोग की बात करें तो दोनों ने टेस्ट क्रिकेट में 6-6 दोहरे शतक लगाए हैं। यानि कि ये आंकड़े इन दोनों प्लेयर्स की एकरूपता को दर्शाते हैं।
3.) कोलंबो में बनाया पहला वनडे शतक:
सचिन तेंदुलकर ने साल 1994 में कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला वनडे शतक बनाया। सचिन ने सिंगर कप में खेले गए इस मैच में 110 रनों की शानदार पारी खेली थी।
वीरेंद्र सहवाग ने भी अपना पहला वनडे शतक कोलंबो में ही पूरा किया था। साल 2001 में सिंहली स्पोर्ट्स क्लब में न्यूजीलैंड के खिलाफ हुए मैच में मात्र 70 गेंदों में अपना शतक पूरा किया था। सहवाग ने अपनी इस पारी में 17 चौकों और 9 छक्कों की मदद से 100 रन बनाए थे।
4.) पहला टेस्ट शतक:
साल 1990 में जब सचिन तेंदुलकर ने इंग्लैंड के ओल्ड ट्रैफर्ड में अपना पहला टेस्ट शतक बनाया। उस दौर में भारत के पास टेस्ट के कई मंझे हुए खिलाड़ी थी जो टॉप और मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी कर रहे थे। इस मैच में सचिन तेंदुलकर का बल्लेबाजी क्रम बदलकर उन्हें छठवें नम्बर बल्लेबाजी करने के लिए भेजा गया। सचिन भले ही युवा थे लेकिन इस मैच में निचले क्रम में भेजे जाने के बाद भी शतक लगाकर उन्होंने अपनी क्षमता का परिचय दे दिया था।
वीरेंद्र सहवाग के साथ भी ऐसा ही हुआ। हैमिल्टन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए मैच में सहवाग ने शानदार शतक जड़ा था। इस मैच में सहवाग ने भी छठे नम्बर पर ही आकर तेज तर्रार पारी खेलते हुए मात्र 60 गेंदों में अपना पहला टेस्ट शतक जड़ा था।
5.) पहले आईपीएल मैच में एक समान रन:
सचिन तेंदुलकर आईपीएल के पहले सीजन यानि कि साल 2008 में मुंबई इंडियंस की ओर से खेल रहे थे और उस समय वह आईपीएल के सबसे बड़े ऑइकन थे।
जबकि, वीरेंद्र सहवाग उस टूर्नामेंट में दिल्ली डेयरडेविल्स (वर्तमान-दिल्ली कैपिटल्स) के लिए खेल रहे थे। सचिन और सहवाग का संयोग यहां भी चरम पर था। दोनों ही खिलाड़ियों ने इंडियन प्रीमियर लीग के अपने पहले मैच में अपनी टीम की ओपनिंग की थी और दोनों ने ही सिर्फ 12 रन बनाए थे।