वो 5 भारतीय क्रिकेटर जो आईपीएल में एक सीजन अच्छा करने के बाद सफल नहीं हुए

2008 में जब आईपीएल (IPL) की शुरुआत हुई थी तो तब शायद ही इस लीग के इतने लोकप्रिय होने के बारे में किसी ने सोचा होगा। आज इस लीग में हर सीजन दुनिया भर के नए और अनुभवी खिलाड़ी खेलने आते हैं और कई खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में भी चुना गया है।
इंडियन प्रीमियर लीग के 15 सीजन के इतिहास पर नजर डालें तो ऐसे खिलाड़ी रहे जो इस लीग में सीजन दर सीजन बेहतर प्रदर्शन करते गए। वहीं कुछ ऐसे भी खिलाड़ी देखने को मिले जो एक सीजन अच्छा करने में सफल रहे लेकिन इसके बाद अपने प्रदर्शन को नहीं दोहरा पाए।
इस आर्टिकल में हम ऐसे ही 5 खिलाड़ियों का जिक्र करने जा रहे हैं, जो महज एक आईपीएल सीजन ही छाप छोड़ पाए।
ये 5 भारतीय खिलाड़ी महज एक आईपीएल सीजन ही अच्छा करने में सफल रहे
1. सौरभ तिवारी
आईपीएल 2010 मुंबई इंडियंस के लिए सौरभ तिवारी ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए अपनी छाप छोड़ी थी। सौरभ के बालों का स्टाइल और उनका आक्रामक फैंस को एमएस धोनी की याद दिलाता था।
बाएं हाथ के बल्लेबाज ने उस सीजन 16 मैचों में 29.92 की औसत और 135.59 के स्ट्राइक रेट से 419 रन बनाये थे। हालाँकि इसके बाद वह लीग में अपने प्रदर्शन को दोहरा नहीं पाए। आईपीएल 2022 मेगा ऑक्शन में उन्हें कोई खरीददार भी नहीं मिला।
2. मनप्रीत सिंह गोनी भी एक आईपीएल सीजन अच्छा करने में कामयाब रहे
आईपीएल 2008 में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हुए दाएं हाथ के तेज गेंदबाज मनप्रीत सिंह गोनी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। उन्होंने अपने डेब्यू सीजन के 16 मुकाबलों में 17 सफलताएं हासिल की थी और उनकी इकॉनमी भी आठ से कम की थी।
हालाँकि इसके बाद अगले दो सीजन वह बेहद साधारण गेंदबाजी करते हुए दिखे और उन्होंने दोनों सीजन 10 से भी ज्यादा की इकॉनमी रेट से रन लुटाये। यह गेंदबाज आखिरी बार 2017 में गुजरात लायंस के लिए आईपीएल में खेलते हुए नजर आया था।
3. पॉल वल्थाटी
पॉल वल्थाटी उन बेहतरीन प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में से थे, जिन्होंने अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी कर हर किसी को प्रभावित किया था। उन्होंने आईपीएल 2011 में पंजाब की फ्रेंचाइजी के लिए 14 मैचों में 463 रन बनाये थे।
हालांकि अगला सीजन उनके लिए अच्छा नहीं रहा और छह मैचों में महज 30 रन ही बना पाए। 2013 के बाद से इस बल्लेबाज को लीग में दोबारा खेलने का मौका नहीं मिला और यह खिलाड़ी भी बस एक सीजन की कहानी साबित हुआ।
4. स्वप्निल असनोदकर ने डेब्यू आईपीएल सीजन में छाप छोड़ी थी
आईपीएल 2008 का ख़िताब राजस्थान रॉयल्स ने जीता था। उस टीम में कई युवा खिलाड़ियों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था और उनमें एक नाम स्वप्निल असनोदकर का भी था। इस खिलाड़ी ने महज 9 मैचों में 133.48 के स्ट्राइक रेट से 311 रन बनाये थे।
हालांकि इसके अगले तीन सीजन में यह बल्लेबाज 11 मैचों में महज 112 रन ही जोड़ पाए। उनके निराशाजनक प्रदर्शन के कारण दोबारा उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला।
5. राहुल शर्मा
दाएं हाथ के लेग स्पिनर राहुल शर्मा ने आईपीएल 2010 में अपना डेब्यू किया था लेकिन उनको असली पहला 2011 के सीजन में हासिल हुई। इस सीजन पुणे वॉरियर्स के लिए उन्होंने 14 मैचों में 5.46 की बेहतरीन इकॉनमी से 16 विकेट चटकाए थे।
इस प्रदर्शन के कारण उन्हें इसी साल भारत के लिए डेब्यू का भी मौका मिला। हालाँकि राहुल इस सीजन के बाद अपनी सफलता को नहीं दोहरा पाए और आईपीएल के साथ-साथ भारतीय टीम से गायब हो गए।