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5 प्रसिद्ध भाईयों की जोड़ी जिन्होंने टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया है

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अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कई प्रसिद्ध भाइयों को अपने देश का प्रतिनिधित्व करते देखा है।ऑस्ट्रेलिया में चैपल भाई – इयान, ग्रेग और ट्रेवर – और स्टीव और मार्क वॉ की जोड़ी । इसके बाद ब्रेट ली और शेन ली ने भी ऑस्ट्रेलियाई टीम का प्रतिनिधित्व किया और फिर हसी (माइक और डेविड) और मार्श (शॉन और मिशेल) भाइयों ने भी परंपरा को आगे बढ़ाया।

अन्य देशों से कामरान और उमरान अकमल ने पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया है, जबकि सैम और टॉम कुरेन जो एक प्रतिभाशाली क्रिकेटर हैं और वर्तमान में इंग्लैंड टीम का हिस्सा हैं। 90 के दशक में जिम्बाब्वे के फ्लावर ब्रदर्स – एंडी और ग्रांट – काफी लोकप्रिय थे।

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ऐसे में इस आर्टिकल में हम उन भाईयों की जोड़ी के बारे में जानेंगे जिन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया है।

मोहिंदर और सुरिंदर अमरनाथ

भारतीय क्रिकेट इतिहास में मोहिंदर अमरनाथ का नाम सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक है। वह इंग्लैंड में भारत की प्रतिष्ठित 1983 विश्व कप जीत के दौरान सेमीफाइनल और फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच थे। दो दशकों (1969-1989) के अंतरराष्ट्रीय करियर में, मोहिंदर ने भारत के लिए 69 टेस्ट और 85 एकदिवसीय मैच खेले, जिसमें 6,300 से अधिक रन बनाए। उन्होंने अपनी मध्यम गति गेंदबाजी से 78 अंतरराष्ट्रीय विकेट भी लिए।

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इस बीच उनके भाई सुरिंदर ने अपने टेस्ट करियर की शानदार शुरुआत की, साल 1976 में ऑकलैंड में न्यूजीलैंड के खिलाफ डेब्यू पर 124 रनों की यादगार पारी खेली। इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में दो अर्धशतक लगाए। कुछ कारणों से उन्हें भारतीय टीम में लंबे समय तक मौका नहीं मिला और उन्होंने केवल 10 टेस्ट खेलकर 550 रन बनाए।

हार्दिक और क्रुणाल पांड्या

वर्तमान में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारतीय टीम पांच मैचों की सीरीज खेल रही है और हार्दिक पांड्या उस भारतीय टीम का हिस्सा हैं। उन्होंने साल 2016 में टीम इंडिया में डेब्यू किया। इस ऑलराउंडर ने अब तक भारत के लिए 11 टेस्ट, 63 एकदिवसीय और 56 टी20 खेले हैं, जिसमें बल्ले और गेंद दोनों के साथ उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

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हार्दिक ने आईपीएल 2022 में वापसी की के उन्होंने इस सीजन की नई टीम गुजरात टाइटंस की कप्तानी करते हुए टीम को चैंपियन बनाया। टीम इंडिया के टी20 विश्व कप 2022 की योजनाओं में हार्दिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

हार्दिक के बड़े भाई क्रुणाल का अंतरराष्ट्रीय करियर इतना अच्छा नहीं चल रहा है। उन्होंने भारत के लिए पांच एकदिवसीय और 19 टी20 मैच खेले हैं। उन्होंने मार्च 2021 में पुणे में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे डेब्यू  किया था 26 गेंदों पर सबसे तेज अर्धशतक लगाया था।

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सुभाष और बालू गुप्ते

सुभाष गुप्ते को भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले बेहतरीन लेग स्पिनरों में से एक के रूप में जाना जाता है। साल 1951 से 1961 तक के करियर में उन्होंने 36 टेस्ट खेले जिसमें 29.55 की औसत से 149 विकेट लिए। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ दिसंबर 1958 में कानपुर में 102 रन देकर नौ विकेट लिए जो उनका सर्वश्रेष्ठ आंकड़ा है।

बालू एक लेग ब्रेक गेंदबाज भी थे, लेकिन उनका अंतरराष्ट्रीय करियर सफल नहीं रहा। उन्होंने केवल तीन टेस्ट खेले और 116.33 की औसत से तीन विकेट लिए। हालांकि का बालू का घरेलू करियर शानदार रहा। उन्होंने 99 प्रथम श्रेणी मैचों में 417 विकेट लिए और इस दौरान उन्होंने  मुंबई, बंगाल और रेलवे का प्रतिनिधित्व किया।

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इरफान और युसूफ पठान

पठान बंधु की कहानी दिलचस्प है दोनों भाईयों ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। दोनों में से इरफान ज्यादा सफल रहे। अंतरराष्ट्रीय करियर की शानदार शुरुआत के बाद उन्हें भारत के अगले कपिल देव के रूप में जाना गया। उन्होंने 2003-04 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान 19 वर्ष की उम्र में  डेब्यू किया और अपनी गति और आक्रामकता से सबको प्रभावित किया। उन्होंने साल 2006 में कराची टेस्ट के पहले ओवर में हैट्रिक भी ली। वह पाकिस्तान के खिलाफ साल 2007 टी20 विश्व कप फाइनल और साल 2008 पर्थ टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया खिलाभ प्लेयर ऑफ द मैच थे। इरफान ने अपने करियर 29 टेस्ट में 100 विकेट और 120 एकदिवसीय मैचों में 173 विकेट हासिल किया। उन्होंने टेस्ट में शतक भी लगाया।

युसूफ पठान ने भारत के लिए 57 एकदिवसीय और 22 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में देश का प्रतिनिधित्व किया। यूसुफ ने दो शानदार एक दिवसीय शतक जमाए – एक न्यूजीलैंड के खिलाफ और एक दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ। वह एक पार्ट-टाइम ऑफ स्पिनर थे।

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माधव और अरविंद आप्टे

माधव आप्टे का टेस्ट करियर भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े रहस्यों में से एक है। मुंबई के बल्लेबाज ने 1952-53 में वेस्टइंडीज का एक अद्भुत दौरा किया था, जिसमें उन्होंने पांच टेस्ट में 51.11 की औसत से 460 रन बनाए थे। उन्होंने पोर्ट ऑफ स्पेन में तीसरे टेस्ट में नाबाद 163 रन बनाए। उन्होंने अपने टेस्ट करियर का अंत सात टेस्ट के साथ किया जिसमें उन्होंने 49.27 की औसत से 542 रन बनाए।

माधव के छोटे भाई अरविंद एक आक्रामक सलामी बल्लेबाज थे। उन्होंने जनवरी 1959 में लीड्स में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया। अरविंद का मैच खराब रहा, उन्होंने दो पारियों में केवल आठ और सात रन बनाए। उन्होंने कभी भी भारत के लिए दूसरा मैच नहीं खेला। हालांकि प्रथम श्रेणी में उन्होंने 58 मैचों में 2782 रन बनाए थे।

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