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3 कारण क्यों वनडे क्रिकेट को द्विपक्षीय सीरीज की जगह त्रिकोणीय सीरीज की जरुरत हैं

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जब क्रिकेट की शुरुआत हुई थी तब टेस्ट क्रिकेट खेला जाता था। वहीं समय के साथ-साथ क्रिकेट में बदलाव आया और वनडे क्रिकेट की शुरुआत हुई। दर्शकों को टेस्ट के मुकाबले वनडे में ज्यादा मजा आने लगा क्योंकि इसमें ओवरों की संख्या सीमित होती ही और मैच एक ही दिन में खत्म हो जाता है। वनडे क्रिकेट में आपको त्रिकोणीय सीरीज के मुकाबले द्विपक्षीय सीरीज ज्यादा खेली जाती हैं। वहीं जबसे से टी20 की शुरुआत हुई है तबसे दर्शकों को वनडे क्रिकेट में भी देखने में दिलचस्पी कम होने लगी है।

कई पूर्व क्रिकेटर्स वनडे क्रिकेट को लेकर अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं। अगर वनडे क्रिकेट में दर्शकों की दिलचस्पी बनाये रखनी है तो द्विपक्षीय सीरीज की जगह त्रिकोणीय सीरीज करानी चाहिए। तो आज हम आपको उन 3 कारणों के बारे में आपको बताने जा रहे है क्यों वनडे क्रिकेट को द्विपक्षीय सीरीज की जगह त्रिकोणीय सीरीज की जरुरत हैं।

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1. विजेता का पता देर से लगेगा

त्रिकोणीय सीरीज हमेशा द्विपक्षीय सीरीज से ज्यादा दिलचस्प होती है। क्योंकि अगर आप 5 मैचों की वनडे सीरीज खेलते है और एक टीम ने लगातार 3 मैच जीत लिए तो सीरीज की रुचि कम हो जाती है। ट्राई-सीरीज के मामले में फाइनल के बाद आपके पास हमेशा विजेता का पता लगेगा। इसलिए फाइनल खेले जाने तक रुचि कभी कम नहीं होती है। ट्राई-सीरीज अधिक दिलचस्प हो जाती हैं।

2. खिलाड़ियों को मिलेगा आराम

अभी हाल ही मैं भारत और इंग्लैंड के बीच 3 मैचों की टी20 इंटरनेशनल सीरीज खेली गयी थी जिसका आखिरी मैच 17 जुलाई को खेला गया था। भारत ने यह सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली थी। इसके ठीक एक दिन बाद इंग्लैंड दक्षिण अफ्रीका से अपने घर पर ही 3 मैचों की वनडे सीरीज खेलने में जुट गया था। ऐसे में खिलाड़ियों को आराम करने का मौका नहीं मिल पाया था। अगर इन तीनों देशों को मिलाकर एक ट्राई सीरीज होती तो खिलाड़ियों को आराम करने का मौका मिल जाता और ट्रेवल भी काम करना पड़ता।

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खिलाड़ी अपने आपको तरोताजा रख सकते थे। इस चीज को लेकर वसीम जाफर ने भी ट्वीट करते हुए कहा था कि साउथ अफ्रीका इंग्लैंड में हैं। उनकी वनडे सीरीज 19 जुलाई से शुरू हो रही है। इंग्लैंड बनाम भारत एकदिवसीय श्रृंखला 17 जुलाई को समाप्त होगी। मुझे लगता है कि यह वास्तव में एक अच्छी ट्राई सीरीज हो सकती थी। इससे दर्शकों को भी भी देखने में काफी मजा आता। खिलाड़ियों के नजरिये से भी ट्राई सीरीज करवाना जरुरी है।

3. छोटे देशों को उभरने का मौका मिलेगा

अगर ट्राई सीरीज में दो बड़े देशों के साथ किसी छोटे देश को खेलने का मौका दिया जाए तो वहां के उभरते हुए क्रिकेटरों का टैलेंट देखने को मिलेगा। इसके साथ ही छोटे देशों को बड़े देशों के साथ खेलने से काफी कुछ सीखने का और अपने गेम में सुधार करने का मौका मिलेगा।

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ये सभी तभी सफल हो पाएगा जब आईसीसी सभी क्रिकेट देशों के साथ बैठकर चर्चा करें कि वनडे क्रिकेट को द्विपक्षीय सीरीज की जगह त्रिकोणीय सीरीज की जरुरत हैं और इसके लिए हम क्या कर सकते हैं। ये सब काम बहुत जल्द करने होंगे। नहीं तो वो दिन दूर नहीं जब वनडे क्रिकेट सिर्फ खाली स्टेडियम में खेला जाएगा। वहीं यह भी देखने को मिल सकता है कि वनडे क्रिकेट कहीं बंद ही ना हो जाए।

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