
इस बात में कोई शक नहीं है कि भारतीय टीम क्रिकेट इतिहास की सबसे मजबूत टीमों में से एक है। जब एमएस धोनी भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान थे, तब भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाफ जीत दर्ज करना बहुत बड़ी बात थी। विराट कोहली ने विरासत को जारी रखा और भारत को ऑलटाइम सर्वश्रेष्ठ टेस्ट टीमों में से एक बना दिया।
हालांकि पिछले दो-तीन साल में भारतीय टीम ने थोड़ा संघर्ष किया है। वे पिछले साल हुए आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में जगह नहीं बना सके थे और इस साल की शुरुआत में, मेन इन ब्लू सुपर फोर से ही एशिया कप से बाहर हो गया था। प्रशंसकों को ध्यान देना चाहिए कि भारत ने दोनों टूर्नामेंट जीतने के लिए पसंदीदा के रूप में शुरुआत की थी।
एक टीम के लिए एक स्टेबल कॉम्बिनेशन होना जरूरी है ताकि वह कंसिस्टेंसी के साथ खेल सके। हालाँकि, वह चीज गायब हो गई है। टीम में काफी बदलाव हुए हैं, जिसने सभी को थोड़ा परेशान कर दिया है जहां पहले भारत को बड़ी टीमों से हारते हुए देखना दुर्लभ था, वहीं आज भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में एक क्लब टीम के खिलाफ मैच हार गई। आज हम आपको भारतीय क्रिकेट इतिहास में दो ऐसी घटनाओं के बारे में बताने जा रहे जब भारत के बाहर की एक क्लब टीम ने उन्हें शर्मिंदा किया।
1. वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम को 36 रनों से हराया
अगर भारत यह मैच पांच रनों या उससे कम के अंतर से हार जाता, तो बहुत से फैंस ने इस पर सवाल नहीं उठाया होता। हालाँकि, वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया से 36 रन की हार वह भी जब टीम के पास ऐसे खिलाड़ी मौजूद थे जो टी20 वर्ल्ड कप में खेलेंगे, यह एक खतरनाक संकेत है। इस मैच में वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवरों में 8 विकेट खोकर 168 रन का स्कोर खड़ा किया।
टीम की तरफ से सबसे ज्यादा रन निक हॉब्सन (Nick Hobson) ने बनाये। उन्होंने 41 गेंद में 5 चौके और 4 छक्के की मदद से 64 रन की पारी खेली। भारत की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने लिए। उन्होंने 4 ओवर में 32 रन खर्च करते हुए 3 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया। इसके अलावा हर्षल पटेल (Harshal Patel) ने अपने कोटे के 4 ओवर में 27 रन देते हुए 2 बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाने में सफलता पायी।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम 20 ओवर में 8 विकेट खोकर 132 रन का स्कोर ही खड़ा कर पायी थी। भारत की तरफ से सबसे ज्यादा 74(55) रन केएल राहुल (KL Rahul) ने बनाये। अपनी इस पारी में उन्होंने 9 चौके और 2 छक्के लगाए। वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया की तरफ से सबसे ज्यादा 2-2 विकेट मैथ्यू केली और लांस मॉरिस ने लिए
2. डरहम के खिलाफ भारत को मिला फॉलोऑन
1952 में भारत ने इंग्लैंड का दौरा किया। उस समय भारतीयों ने डरहम के खिलाफ प्रैक्टिस मैच खेला था। मौजूदा टीम के विपरीत वह टीम नियमित रूप से क्रिकेट नहीं खेलती थी।
साथ ही, भारत का अंग्रेजी परिस्थितियों में खराब रिकॉर्ड था। उस प्रैक्टिस मैच में, डरहम ने 302/6 के स्कोर पर पारी घोषित की और फिर भारत को 156 रन पर आउट कर दिया, जिससे फॉलो-ऑन लागू हो गया।