
चेन्नई सुपरकिंग्स ने आईपीएल-2021 में अपने शानदार खेल के प्रदर्शन से दिखाया है कि आखिर उसे क्यों आईपीएल ट्रॉफी का प्रबल दावेदार कहा जा रहा था। आईपीएल के पिछले संस्करण में टूर्नामेंट से सबसे पहले बाहर होने वाली चेन्नई सुपरकिंग्स ने आईपीएल के इस सीजन में बदलाव की एक अनोखी पटकथा लिखी है। चेन्नई ने इस सीजन न केवल वापसी की है बल्कि, प्लेऑफ और फाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम भी बनी है।
ओपनर बल्लेबाज रुतुराज गायकवाड़ और फाफ डू प्लेसिस की बेहतरीन बल्लेबाजी तथा ड्वेन ब्रावो और रवींद्र जडेजा के हरफनमौला प्रदर्शन ने चेन्नई को इस सीजन काफी मजबूत कर दिया है। सभी खिलाड़ियों के मिले जुले योगदान के कारण ही सीएसके प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई करते हुए फाइनल तक पहुंच गई है।
यह हर कोई जानता है कि, इंडियन प्रीमियर लीग दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग है। और, इस लीग में पैसा मिलता नही है बल्कि पैसों की बौछार होती है। चूंकि, इस लीग में खिलाड़ियों की नीलामी के बाद ही उन्हें साइन किया जाता है। इसलिए यह कहना गलत नही होगा कि इसमें सबसे बड़ा रोल पैसों का ही होता है।
किसी भी आईपीएल फ्रेंचाइजी के संचालन के लिए फ्रेंचाइजी मालिक के पास रुपयों का पर्याप्त बैकअप होना आवश्यक है। अन्यथा फ्रेंचाइजी को सुचारू रूप से संचालित नही किया जा सकता। चूंकि, फ्रेंचाइजी को चलाने के लिए पर्याप्त धन की आवश्यकता होती है। इसलिए आइये एक नज़र डालते हैं आईपीएल की सबसे सफल फ्रेंचाइजी में से एक चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिकों और उनकी कमाई पर।
फ्रेंचाइजी का मालिकाना हर प्राप्त करने के बाद चेन्नई सुपरकिंग्स क्रिकेट लिमिटेड टीम मैनेजमेंट के अलावा, टीम की जर्सी, टी-शर्ट, मग, पोस्टर, फुटवियर और रिस्टबैंड जैसी वस्तुओं के अधिकारों का भी मालिक है। रिकॉर्ड के अनुसार, सीएसके क्रिकेट लिमिटेड एक गैर-सरकारी संगठन के रूप में रजिस्टर्ड है।
उल्लेखनीय है कि, आईपीएल के पहले सीजन यानि कि साल 2008 में चेन्नई सुपरकिंग्स फ्रैंचाइज़ी को इंडिया सीमेंट्स द्वारा खरीदा गया था। इंडिया सीमेंट्स एक सीमेंट निर्माण कंपनी है, जिसकी स्थापना देश की आज़ादी से एक वर्ष पूर्व यानि कि साल 1946 में की गई थी। आईपीएल के शुरुआती सीजन से लेकर अब तक सीएसके सफलता के नए आयाम गढ़ रही है। हालांकि, फिक्सिंग कांड में नाम सामने के बाद इस फ्रेंचाइजी का मालिकाना हक इंडिया सीमेंट्स से छीन लिया गया था। जिसके बाद, चेन्नई सुपरकिंग्स क्रिकेट लिमिटेड आस्तित्व में आया और अब यही मालिक है।
चेन्नई सुपर किंग्स ने महज एक साल में अपनी वैल्यूएशन ग्रोथ को दोगुना कर लिया है। गैर-सूचीबद्ध बाजार में चेन्नई सुपरकिंग्स 30 रुपये प्रति शेयर और बाजार मूल्य हजार करोड़ रुपये पर कारोबार कर रहा था। यदि सीएसके अपने शेयर्स को जनता के लिए जारी कर देगा तो निःसन्देह प्रति शेयर इसका प्रीमियम कई गुना बढ़ जाएगा। चेन्नई सुपरकिंग्स क्रिकेट लिमिटेड कंपनी ने 678 करोड़ रुपये की ब्रांड वैल्यू हासिल की है। बीते कुछ वर्षों में चेन्नई सुपरकिंग्स ने जो सफलताएं अर्जित की हैं। उससे इसकी ब्रांड वैल्यू में काफी इजाफा हुआ है।