3 भारतीय खिलाड़ी जिन्हें विश्व कप टीम में चुना गया , लेकिन चोट के कराण बदकिस्मत रहे
विश्व कप में देश के लिए खेलना किसी भी एथलीट का सपना होता है। क्रिकेटरों की बात करें तो हर खिलाड़ी जो अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करता है, वह एक दिन देश की विश्व कप टीम का हिस्सा बनना चाहता है। हालांकि, विश्व कप टीम में स्थान हासिल कर पाने में सभी क्रिकेटर सफल नहीं हो पाते हैं
कुछ खिलाड़ी 15-सदस्यीय टीम में जगह बना पाते हैं लेकिन पूरे टूर्नामेंट में उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिल पाता है। इस बीच, ऐसे भी उदाहरण हैं जहां टीम में चुने जाने के बाद खिलाड़ी चोटिल हो जाते हैं और बाद में मेगा इवेंट से चूक जाते हैं। इस आर्टिकल में पिछले 15 वर्षों के तीन ऐसे बदकिस्मत भारतीय खिलाड़ियों के बारे में जानेंगे जिन्हें चोट के कारण विश्व कप टीम से बाहर होना पड़ा।
ईशांत शर्मा
अनुभवी भारतीय तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने भारतीय क्रिकेट टीम की चैंपियंस ट्रॉफी 2013 की जीत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ फाइनल में महत्वपूर्ण विकेट लिए जिसके कारण मेन इन ब्लू चैंपियनशिप जीतने में सफल रही।
शर्मा को दो साल बाद ऑस्ट्रेलिया में आयोजित हुए मेगा इवेंट के लिए 15 सदस्यीय टीम में शामिल किया गया था, लेकिन घुटने की चोट के कारण उन्हें प्रतियोगिता से बाहर कर होना पड़ा। जिसके बाद उनकी जगह मोहित शर्मा को टीम में शामिल किया गया।
प्रवीण कुमार
पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार ने कभी अपनी स्विंग गेंदबाजी से बल्लेबाजों पर अपना दबदबा बनाया था। वह वनडे फॉर्मेट में भारतीय टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे, लेकिन साल 2011 वर्ल्ड कप से ठीक चोटों के कारण विश्व कप से चूक गए। एस श्रीसंत को उनकी जगह टीम में शामिल किया गया था। कुमार ने अपनी चोट के कारण विश्व चैंपियन बनने का मौका गंवा दिया।
वीरेंद्र सहवाग
वीरेंद्र सहवाग ने भारतीय टीम के साथ साल 2007 टी20 वर्ल्ड कप और साल 2011 फिफ्टी ओवर वर्ल्ड कप जीता था। लेकिन टीम में होने के बावजूद चोटों के कारण वह टी20 वर्ल्ड कप के साल 2009 और 2010 में आयोजित हुई संस्करणों से चूक गए थे। दिनेश कार्तिक ने 2009 में उनकी जगह ली थी, जबकि मुरली विजय को साल 2010 में सहवाग की जगह टीम में शामिल किया गया था।