3 भारतीय क्रिकेटर जो शुरुआत में लोअर मिडिल में खेले लेकिन बाद में सलामी बल्लेबाज के रूप में सफल हुए
भारतीय क्रिकेट टीम आज दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट टीम में से एक है, जिसमें हजारों खिलाड़ी देश के लिए खेलने की होड़ में हैं। भारत ने तीनों आईसीसी ट्रॉफी,आईसीसी वर्ल्ड कप, टी20 वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर इंटरनेशनल स्टेजेस में अपनी योग्यता साबित की है।
भारतीय टीम के लिए खेलने का मौका मिलना काफी मुश्किल काम है। कई लोगों ने एक ही प्रयास में उन्हें दिए गए अवसर का लाभ उठाया, जबकि कई ने टीम में अपनी जगह पक्की करने के कई प्रयास किए। हालांकि, कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे हैं जिन्हें खुद को साबित करने के मौके मिले, लेकिन वो फेल हो गए लेकिन एक बार जब उनकी बल्लेबाजी की पोजीशन बदल गई, तो वे हिट हो गए।
तो आज हम उन 3 स्टार भारतीय क्रिकेटरों के बारे में आपको बताएंगे जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत मिडिल आर्डर या लोअर आर्डर के बल्लेबाज के रूप में की थी, लेकिन वे तभी सफल हुए जब उन्हें सलामी बल्लेबाज के तौर पर प्रमोट किया गया।
1. सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ गुजरांवाला में डेब्यू किया था। मैच में तेंदुलकर को पांचवें स्थान पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया था। तेंदुलकर इसमें ज्यादा कुछ नहीं कर पाए और शून्य रन बनाकर पवेलियन लौट गए।
इसके बाद अपने करियर में चार साल से अधिक समय तक मिडिल आर्डर में खेलने के बाद तेंदुलकर ने बतौर सलामी बल्लेबाज के रूप में भारतीय टीम के लिए न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच खेला। उसमें उन्होंने 49 गेंदों में 82 रन बनाए और बाद में इस स्पोर्ट्स के महान खिलाड़ी बने।
2. वीरेंद्र सहवाग
भारतीय विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) को पहले एक गेंदबाज के तौर पर ज्यादा जाना जाता था। उन्हें अंत में हिट मारने के लिए भेजते थे। वीरेंद्र सहवाग ने 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ पहला वनडे खेला था।
इस मैच में उन्हें सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया था। सहवाग ने 2 गेंदों पर एक रन बनाया और शोएब अख्तर ने उन्हें आउट किया। 11 मैचों में नीचे खेलने के बाद उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ 12वें मैच में बतौर सलामी बल्लेबाज खेलने का मौका मिला। इसके बाद सभी को पता है कि उन्होंने अपने करियर में क्या हासिल किया है।
3. रोहित शर्मा
रोहित शर्मा (Rohit Sharma) का डेब्यू मैच 2007 में आयरलैंड के खिलाफ था लेकिन उन्हें इस मैच में बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला। यह एक त्रिकोणीय सीरीज थी और अगला मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ था। इस मैच में रोहित शर्मा सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 8 रन बनाकर पवेलियन लौटे। उसके बाद वह कुछ सालों तक लोअर आर्डर में खेले।
धोनी ने उनसे 2011 में दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर पारी की शुरुआत करवाई थी। वहां ज्यादा सफलता नहीं मिलने के बाद उन्होंने उन्हें घरेलू सीरीज में इंग्लैंड के खिलाफ पारी की शुरुआत और इस बार रोहित शर्मा सफल रहे। उन्होंने उस साल बतौर सलामी बल्लेबाज 16 पारियों में 580 रन बनाए थे। आज रोहित शर्मा तीनों फॉर्मेट में भारत के लिए सलामी बल्लेबाज के रूप में खेलते हैं और वर्ल्ड क्रिकेट में एक बड़ा नाम हैं।