रूट ने कोच मैकुलम और कप्तान स्टोक्स की रणनीति का किया खुलासा

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान जो रूट ने जब से कप्तानी छोड़ी है तब से उनके बल्ले से काफी रन निकल रहे है। रूट ने अपनी शानदार बल्लेबाजी से बर्मिंघम में टीम को एक ऐतिहासिक जीत दिलाई है जिसके बाद वह शानदार महसूस कर रहे हैं। भारत के खिलाफ पांचवें और अंतिम पुनर्निर्धारित टेस्ट में रूट ने मेहमान टीम के 378 रनों का पीछा करते हुए चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे। एजबेस्टन में पांचवें दिन दाएं हाथ के बल्लेबाज ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए टीम अपनी शतक पूरी की और टीम की जीत सुनिश्चित की।
वह खेल के अंत तक टिके रहे और 142 रनों की शानदार पारी खेलकर घरेलू टीम ने सात विकेट से जीत दिलाई जिसके बाद पांच मैचों की सीरीज 2-2 की बराबरी पर खत्म हुआ। रूट अपने बल्लेबाजी की शैली से काफी रोमांचित थे और खेल के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनकी खुशी स्पष्ट थी।
यॉर्कशायरमैन के नाते मैं अभी भी रन बनाना चाहता हूं: जो रूट
इंग्लैंड के मुख्य कोच ब्रेंडन मैकुलम और टीम के कप्तान बेन स्टोक्स दोनों ही क्रिकेट को आक्रमकता से खेलने पर जोर दे रहे हैं। रूट का भले ही स्ट्राइक रेट हाल ही में बढ़ रहा हो, लेकिन रूट अभी भी टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी करने के पारंपरिक तरीके को पसंद करते हैं।
रूट ने कहा, “मेरे अंदर का यॉर्कशायर अभी भी मुझे रन बनाने के लिए प्ररेरित करता है। मुझे सीधे खेलने और अपने पारंपरिक खेल को खेलने के लिए कहता है लेकिन फिर, दूसरी ओर एक कप्तान है जो कहता है कि “रॉक स्टार बनो।” इसलिए कभी-कभी आपको दोनों में से किसी एक को चुनना होता है”।
31 वर्षीय रूट ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें काम करने का यह नया तरीका पसंद है क्योंकि इससे खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट का आनंद उठा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट में आपको जिस तरह से खेलने की जरूरत होती है, वह लिखा होता है। गेंदबाजी करना मुश्किल हो सकता है जब आप नहीं जानते कि आगे क्या होगा। कभी-कभी अंतराल बड़ा दिखता है, और आप जानते हैं कि गेंद कहां होगी, और आमतौर पर आपको पता होता है टीम कैसे गेंदबाजी करेगी।”
अब दोनों टीमें एक-दूसरे के खिलाफ तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय और इतने ही एकदिवसीय मैच खेलेंगी। पहला टी20 मैच 7 जुलाई से शुरू होगा।