युजवेंद्र चहल ने किया खुलासा, बताया 2021 टी20 विश्व कप की टीम में नहीं शामिल होने की वजह

रविचंद्रन अश्विन 2021 टी20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम का हिस्सा थे। वह इस प्रारुप में चार साल के अंतराल के बाद वापसी कर रहे थे। उनके साथ राहुल चाहर और वरुण चक्रवर्ती को टीम में शामिल किया गया था जबकि युजवेंद्र चहल को टीम से बाहर कर दिया गया था। आईपीएल 2021 में चहल ने सात मैचों में सिर्फ चार विकेट लिए थे।
2021 टी20 विश्व कप में चहल की जगह चाहर को चुना गया क्योंकि चयनकर्ता “किसी ऐसे स्पिनर को टीम में रखना चाहते थे जो थोड़ी तेज गेंदबाजी करे और पिच से गति प्राप्त कर और गेंद को सतह टर्न करा सके।” वर्तमान की बात करें तो चहल इस साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व में टीम इंडिया के लिए खेलने वाले सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
आईपीएल 2022 में किया शानदार प्रदर्शन
इस लेग स्पिनर ने आईपीएल 2022 में सनसनीखेज गेंदबाजी की थी उन्होंने 17 मैचों में 7.75 की इकॉनोमी के साथ 27 विकेट लेकर सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। वह इस समय भारतीय स्पिन आक्रमण की अगुवाई भी कर रहे हैं। 32 वर्षीय स्पिन गेंदबाज ने पिछले साल टी20 वश्व कप का हिस्सा नहीं होने पर बताया कि कैसे उनका ध्यान आईपीएल 2021 के दूसरे भाग में शानदार प्रदर्शन करने पर था।
चहल ने स्पोर्ट्स यारी से कहा, “मैंने कभी किसी से 2021 विश्व कप के बारे में नहीं पूछा क्योंकि यह मेरे नियंत्रण में नहीं है। जाहिर है, आपको बुरा लगता है कि आप विश्व कप का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन उन्होंने सोचा होगा कि कोई और बेहतर विकल्प मिल जाएगा”।
चहल ने आगे कहा, “आईपीएल में जाने से पहले, रोहित भैया ने मुझसे कहा कि मुझे खेल के विभिन्न ओवर में और डेथ ओवर में भी गेंदबाजी करनी पड़ सकती है। राहुल सर ने मुझे मेरी फुलर डिलीवरी पर काम करने के लिए भी कहा था। इसलिए, जब मैं राजस्थान रॉयल्स में गया, तो मैंने संजू से बात की और उन्होंने मेरा समर्थन किया और कहा कि मैं डेथ में एक ओवर फेंकूंगा, चाहे मुझे कितना भी रन पड़े।“
सभी फीडबैक ने वास्तव में मेरी मदद- चहल
चहल ने अंत में कहा, “मैंने सिंगल विकेट पर यॉर्कर का अभ्यास करना शुरू किया और क्रॉस सीम जैसी विविधताओं का इस्तेमाल किया। मैं बल्लेबाजों से पूछता रहता था कि मेरी यॉर्कर सही जा रही है या नहीं और सभी फीडबैक ने वास्तव में मेरी मदद की”।
बता दें भारत को उस टूर्नामेंट में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। भारतीय टीम को अपने पहले दो मैच पाकिस्तान और न्यूजीलैंड से लगातार मैचों में हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद भारत ने अफगानिस्तान, नामीबिया और स्कॉटलैंड के खिलाफ बाकी मैच जरूर जीती लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।