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ओरिजिनल ‘फैब 4’ बनाम नया ‘फैब 4’- कौन सा ग्रुप बेहतर है?

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भारतीय क्रिकेट ने पिछले कुछ सालों में कई प्रतिभाशाली क्रिकेटरों को बिल्ड किया है, लेकिन कुछ ही ‘फैब 4’ जैसे अच्छे रहे हैं। 1990 और 2000 के दशक में, सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar), राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid), सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman)की चौकड़ी ने कुछ शानदार प्रदर्शन किए और भारतीय क्रिकेट के ओरिजिनल ‘फैब 4’ बन गए।

किसी भी मॉडर्न क्रिकेटर के लिए उस तरह की सफलता को दोहराना और खेल पर ओरिजिनल ‘फैब’ 4 के प्रभाव को दोहराना मुश्किल होगा। वहीं अगर पिछले कुछ सालों में भारत को रिप्रेजेंट करने वाले खिलाड़ियों में से चुनना है, तो एमएस धोनी, विराट कोहली, रोहित शर्मा और केएल राहुल को भारत का नया ‘फैब 4’ कहा जा सकता हैं। तो आज हम एनालाइज करते हैं कि भारत का कौन सा ‘फैब 4’ बेहतर है और क्यों।

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ओरिजिनल फैब 4: कोर के लिए वर्सेटाइल

एक बात के लिए तेंदुलकर, द्रविड़, गांगुली और लक्ष्मण को हमेशा श्रेय दिया जाएगा, यह विश्वास है कि भारतीय घर से दूर जीत सकते हैं। 1970 के दशक में, भारत के पास एक ऐतिहासिक स्टेज था जहां उन्होंने वेस्टइंडीज और फिर इंग्लैंड में एक टेस्ट सीरीज जीती। 1986 में भी भारत ने इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीती थी। एक बार जब ‘फैब 4’ भूमिका में आ गया तो यह काफी हद तक बदल गया।

हालांकि भारत ने तुरंत टेस्ट सीरीज नहीं जीती, लेकिन उन्होंने 2003-04 में ऑस्ट्रेलिया में एक फेमस सीरीज बनाई और 2004 में अपने ऐतिहासिक दौरे के दौरान पाकिस्तान में टेस्ट और वनडे दोनों सीरीज जीती। प्रत्येक ‘फैब 4’ सदस्य ने पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया। एक ग्रुप के रूप में, ‘फैब 4’ ने भारतीय क्रिकेट को मजबूत किया।

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द न्यू फैब 4: टैलेंटेड लेकिन कंसिस्टेंसी की कमी

अगर हम एम एस धोनी (MS Dhoni), कोहली, रोहित और केएल राहुल को देखें, तो उन्होंने भी भारतीय क्रिकेट के लिए बेहतरीन काम किया है। ‘एमएसडी’ ने एक युवा खिलाड़ी के रूप में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में हुए पहले टी20 वर्ल्ड कप में कप्तानी की थी और खिताब जितवाया था। टूर्नामेंट में एक युवा रोहित ने दबाव में कुछ बेहतरीन पारियों के साथ अपनी छाप छोड़ी।

कोहली ने एक साल बाद डेब्यू किया और सभी प्रारूपों में भारत की रन मशीन बन गए। राहुल ने 2014 में इंटरनेशनल डेब्यू किया और इस तरह भारत का नया ‘फैब 4’ बना। प्रत्येक चौकड़ी ने भारतीय क्रिकेट में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। धोनी भारत के सीमित ओवरों की क्रिकेट के सबसे सफल कप्तान हैं, यह देखते हुए कि उन्होंने सीमित ओवरों के क्रिकेट में सभी आईसीसी ट्राफियां जीती हैं।

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इसके अलावा वह इंटरनेशनल क्रिकेट में एक बेहतरीन फिनिशर भी थे, जिन्होंने 2011 वर्ल्ड कप फाइनल सहित देश के लिए कई मैच जिताऊ पारियां खेली थी। ओरिजिनल ‘फैब 4’ में, लक्ष्मण का वनडे करियर सीमित था, लेकिन उनके पास मौजूद अवसरों पर उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया।

करेंट जनरेशन में कोहली एक दशक तक शानदार रहे। हालांकि, पिछले दो सालों से वो अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब नहीं रहे है । यह दौर ऐसे समय आया जब उनके चरम पर होने की उम्मीद की जा रही थी।

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नए फैब 4 में से रोहित सभी प्रारूपों में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि, कप्तानी संभालने के बाद से उन्होंने बल्ले से काफी संघर्ष किया है। इस बीच राहुल बल्लेबाजी से ज्यादा अपनी चोट को लेकर चर्चा में रहते हैं। धोनी के संन्यास ने भारतीय क्रिकेट में एक खालीपन छोड़ दिया है जिसे भरना अभी बाकी है, लेकिन आने वाले सालों में अन्य लोगों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण प्रभाव डालने का मौका है।

 

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