इंडियन प्रीमियर लीग में फ्रेंचाइजी विदेशी खिलाड़ी को बहुत कम कप्तानी सौंपती हैं। हालांकि, शेन वार्न और डेविड वार्नर जैसे खिलाड़ियों को कप्तान बनाने पर टीमों को लाभ भी हुआ है। वावजूद इसके, विदेशी कप्तानों की संख्या और उनकी सफलता का प्रतिशत अपेक्षाकृत कम ही रहा है।
ऐसे कई दिग्गज खिलाड़ी रहे हैं जिन्हें अपने देश की कप्तानी करने के बावजूद, आईपीएल फ्रेंचाइजी का नेतृत्व करने का मौका नहीं मिला है। हालांकि, इसके पीछे टीम मैनेजमेंट की सोच सहित कई कारण हो सकते हैं
आज के इस लेख में, हम उन अंतरराष्ट्रीय कप्तानों पर एक नज़र डालते हैं जिन्होंने अब तक आईपीएल इतिहास में कभी भी टीम का नेतृत्व नहीं किया है।
1.) क्रिस गेल:
वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज क्रिस गेल उन अंतरराष्ट्रीय कप्तानों में से एक हैं जिन्होंने अब तक आईपीएल इतिहास में कभी किसी टीम का नेतृत्व नहीं किया है। आईपीएल इतिहास में सातवें सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी, गेल की खेल शैली ने आईपीएल को शुरुआती चरणों में एक ब्रांड बनाने में मदद की। आईपीएल में सर्वाधिक 6 शतक तथा सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर समेत कई रिकॉर्ड गेल ने अपने नाम किए हैं।
आईपीएल में क्रिस गेल केकेआर, आरसीबी और पंजाब के लिए खेल चुके हैं। लेकिन, उन्हें कभी भी किसी फ्रेंचाइजी में कप्तानी करने का मौका नहीं मिला। हालांकि, वेस्टइंडीज के लिए भी उन्होंने अधिक मैंचों में कप्तानी नही की है। क्योंकि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 17 मैचों में कप्तानी करने को सामान्य ही जाना चाहिए। चूंकि, गेल अपनी कप्तानी कौशल के लिए लोकप्रिय नहीं हैं इसलिए, कोई भी फ्रेंचाइजी उन पर जिम्मेदारी का बोझ नहीं डालना चाहती थी।
2.) एबी डिविलियर्स:
आईपीएल में 184 मैच खेल खेलने के बाद भी यह चौंकाने वाला है कि एबी डिविलियर्स ने आईपीएल में एक भी मैच की कप्तानी नहीं की है। हालांकि, आईपीएल के शुरुआती सीजन में जब वह दिल्ली की ओर से खेल रहे थे तब संभव था कि उन्हें कप्तानी का मौका मिले लेकिन वहाँ भी यह संभव नही हो सका।
गौरतलब है कि, एबीडी कुछ समय के लिए सभी प्रारूपों में अफ्रीकी टीम का नेतृत्व कर चुके हैं। जबकि, टी20 में उन्होंने केवल 18 मैचों में ही कप्तानी की थी। उनके नेतृत्व में दक्षिण अफ्रीका ने आठ टी20 मैच जीते। इसलिए, एबी डिविलियर्स भी अंतरराष्ट्रीय कप्तानों की सूची में शामिल हैं जिन्होंने आईपीएल इतिहास में कभी टीम का नेतृत्व नहीं किया।
3.) लसिथ मलिंगा:
श्रीलंका के दिग्गज गेंदबाज लसिथ मलिंगा आईपीएल में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। मलिंगा की कप्तानी में ही श्रीलंका ने साल 2014 का टी 20 विश्वकप जीता था। लेकिन, मलिंगा का कप्तानी रिकॉर्ड ऐसा था कि उन्हें कप्तान बनाने के विषय में विचार करना भी उचित नही था।
वास्तव में, मलिंगा ने 24 मैंचों में श्रीलंका का नेतृत्व किया था जिसमें से मात्र 7 मैंचों में ही जीत हासिल हुई थी। इसलिए, आईपीएल इतिहास में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज ने कभी भी प्रतियोगिता में किसी फ्रेंचाइजी का नेतृत्व नहीं किया।
दरअसल, शुरुआती वर्षों के दौरान सचिन तेंदुलकर की पसंद शीर्ष पर थी और मलिंगा तब अपनी कप्तानी कौशल विकसित कर रहे थे। लेकिन फिर, रोहित शर्मा के कप्तान बनने के बाद मुंबई को कभी दूसरे विकल्प की जरूरत नहीं पड़ी। इसलिए मलिंगा को कभी भी आईपीएल में कप्तानी का मौका नहीं मिला।
4.) फाफ डु प्लेसिस:
फाफ डु प्लेसिस दक्षिण अफ्रीका के सबसे अनुभवी टी20 कप्तान रहे हैं। अफ्रीका के कप्तान के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 37 मैचों में टीम का नेतृत्व किया, जिनमें से 23 मैच मैचों में जीत हासिल की थी।
हालांकि आईपीएल में फाफ डु प्लेसिस को अभी यह रोल मिलना बाकी है। उल्लेखनीय है कि, राइजिंग पुणे सुपरजायंट में अजिंक्य रहाणे और स्टीव स्मिथ को पसंद किया गया था। जबकि, सीएसके में महेंद्र सिंह धोनी नियमित कप्तान थे। ऐसा कहा जा सकता है कि, यदि आईपीएल 2022 में धोनी नही खेलते हैं तो चेन्नई को प्लेसिस के रूप में कप्तान मिल सकता है।
5.) क्विंटन डी कॉक:
अंतर्राष्ट्रीय कप्तानों की इस सूची में क्विंटन डी कॉक एक और दक्षिण अफ्रीकी हैं जिन्होंने आईपीएल इतिहास में कभी किसी टीम का नेतृत्व नहीं किया है। हालांकि, इस सूची के अन्य नामों की अपेक्षा क्विंटन डी कॉक कम अनुभवी हैं। और, उनका कप्तानी का रिकॉर्ड भी बेहद खराब रहा है। इसलिए, किसी भी फ्रेंचाइजी ने उन्हें कप्तान बनाने के विषय में विचार नही किया है।
वास्तव में, डी कॉक ने 11 मैंचों में अफ्रीकी टीम की कप्तानी की है, जिसमें से मात्र 3 मैंचों में ही जीत दिलाने में कामयाब हुए थे। आईपीएल में, हालांकि, कड़ी मेहनत करने वाले सलामी बल्लेबाज को कप्तानी न मिलने का एक कारण यह भी रहा है कि, पिछले कुछ वर्षों में, वह जिस टीम का हिस्सा रहे हैं उसमें कप्तान के रूप में विराट कोहली और रोहित शर्मा थे। ऐसे में, उन्हें मौका मिलना आसान नही था।