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वो भारतीय बल्लेबाज जिन्होंने अपने आखिरी वनडे में सर्वोच्च स्कोर बनाया था

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किसी भी खिलाड़ी के लिए उसके करियर का अंतिम मैच सबसे महत्वपूर्ण होता है। अपने अंतिम मैच में हर खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करने की हर संभव कोशिश करता है। कुछ प्लेयर्स ने अपने करियर के आखिरी टेस्ट मैच में तो कुछ अपने आखिरी वनडे मैच में बेहतरीन प्रदर्शन के साथ अपने करियर का अंत किया है। हालांकि, सभी प्लेयर अपने अंतिम मैच में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नही कर सके हैं।

आइए, आज हम ऐसे भारतीय खिलाड़ियों पर नज़र डालते हैं जिन्होंने अपने आखिरी वनडे मैच में सर्वोच्च स्कोर बनाया है।

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1.) अजय जड़ेजा:

अजय जडेजा एक असाधारण बल्लेबाज थे। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज के प्रदर्शन ने अक्सर भारत की जीत में बड़ा रोल अदा किया था। हालाँकि, उनका करियर बहुत लंबा नहीं था। क्योंकि, मैच फिक्सिंग में नाम सामने आने के बाद उन्हें साल 2000 में 5 साल की अवधि के लिए खेल के सभी प्रारूपों से हालाँकि, उन्होंने टीम इंडिया के लिए खेलते हुए अपनी पहचान बनाई।

साल 2000 के एशिया कप में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए अपने आखिरी वनडे मैच में उन्होंने जबरदस्त बल्लेबाजी की थी। उस मैच में भारतीय टीम बुरी तरह से लड़खड़ा रही थी। चोटी के तीन बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे। तब अजय जडेजा बल्लेबाजी करने आए। और, उन्होंने 103 गेंदों में 93 रनों की शानदार पारी खेली। हालांकि, भारत 44 वह मैच रन से हार गया। लेकिन, अजय जड़ेजा ने उस मैच में भरपूर संघर्ष किया था।

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2.) गगन खोड़ा:

गगन खोड़ा टीम इंडिया के सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाज हो सकते थे। खोड़ा में दाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज़ के रूप के बेहद प्रतिभाशाली थे और जूनियर स्तर पर उनका करियर बहुत अच्छा था। उन्होंने, अपने रणजी ट्रॉफी डेब्यू पर शतक लगाया था। रणजी ट्रॉफी क्वार्टर में उनकी 237 रनों की पारी ने उन्हें एक बेहद होनहार युवा प्रतिभा की तरह बना दिया था। हालांकि, उन्हें अपनी योग्यता साबित करने के लिए पर्याप्त अवसर नहीं दिए गए।

गगन खोड़ा का करियर बेहद छोटा रहा और उन्होंने केवल 2 वनडे मैचों में ही टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया। खोड़ा ने साल 1998 में कोका-कोला त्रिकोणीय श्रृंखला के तीसरे मैच में केन्या के खिलाफ 129 गेंदों में शानदार 89 रन बनाए थे। इस मैच में टीम इंडिया का पीछा करने में उनके बहुमूल्य योगदान ने उन्हें मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिलाया था।

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3.) सैयद आबिद अली:

सैयद आबिद अली एक बेहतरीन ऑलराउंडर थे। वह एक शानदार क्षेत्ररक्षक, मध्यम-तेज गेंदबाज और निचले क्रम के बल्लेबाज थे। 1967-68 में ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ केवल 55 रन देकर उनका 6 विकेट लेना उनके सबसे यादगार प्रदर्शनों में से एक था। क्योंकि यह उन्होंने अपने टेस्ट डेब्यू पर ही हासिल किया गया था।

इस सीरीज में आदिब अली बल्ले से भी शानदार प्रदर्शन कर रहे थे। वह खेल के सीमित प्रारूप के लिए सबसे उपयुक्त थे। लेकिन, फिर भी, वह अपने प्रदर्शन से टेस्ट क्रिकेट में काफी सफल रहे।

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साल 1975 में वर्ल्ड कप में उनके हरफनमौला प्रदर्शन की खूब तारीफ हुई थी। तब, वह अपने करियर के चरम पर थे। इस वर्ल्डकप में न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच में सातवें नंबर पर आते हुए उन्होंने 98 गेंदों का सामना करते हुए 70 रन बनाए और टीम इंडिया के लिए अपने 12 ओवर के स्पेल में 35 रन देकर 2 विकेट भी लिए। हालांकि, टीम इंडिया के लिए यह उनके करियर का आखिरी वनडे मैच था।

4.) राहुल द्रविड़:

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राहुल द्रविड़ भारत के सबसे अधिक केंद्रित और स्थापित क्रिकेटरों में से एक हैं। वह टीम इंडिया के वह बल्लेबाज थे जिन्होंने अपनी बल्लेबाजी की तकनीक से लंबे समय तक शानदार प्रदर्शन किया। द्रविड़ अपने लंबे समय तक बल्लेबाजी करने के लिए जाने जाते थे। क्योंकि, उन्होंने अपने करियर के अधिकांश मैच टेस्ट खेले थे।

वास्तव में, द्रविड़ की लगनशीलता का अंदाज़ा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि, उन्होंने 495 गेंदों का सामना करने के बाद 270 रन बनाने के लिए 12 घंटे 20 मिनट तक बल्लेबाजी की थी। जिसके बाद भारत को एक पारी और 131 रनों से मैच जीतने में मदद मिली।

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द्रविड़ ने कई मौकों पर इसी तरह का प्रदर्शन किया है, जिससे उनकी टीम की सफलता में काफी योगदान मिला है। द्रविड़ एक बेहद प्रतिभाशाली टेस्ट बल्लेबाज थे। उन्हें अक्सर केवल टेस्ट क्रिकेट के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता था। हालांकि, वनडे क्रिकेट में भी उन्होंने कमाल का प्रदर्शन किया है। द्रविड़ भारत की ओर से वनडे मैचों में 10 हजार से अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज भी हैं। उन्होंने साल 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने आखिरी वनडे मैच में 79 गेंदों पर 69 रन बनाए थे।

5.) सुरिंदर अमरनाथ:

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सुरिंदर अमरनाथ बाएं हाथ के आक्रामक बल्लेबाज थे। वह पूर्व भारतीय कप्तान, लाला अमरनाथ के बेटे थे। 15 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में पदार्पण करने के कारण उन्हें बड़े ही कौतूहल का साथ देखा जाता था। सुरिंदर को 1975-76 में श्रीलंका के खिलाफ एक अनौपचारिक टेस्ट मैच के लिए चुना गया था। यह उनका टेस्ट डेब्यू भी था जिसमें उन्होंने शतक बनाया था, हालांकि यह एक अनौपचारिक मैच था। उन्होंने अपने आधिकारिक टेस्ट डेब्यू में न्यूजीलैंड के खिलाफ शतक बनाया।

हालाँकि, सुरिंदर अमरनाथ को अपनी योग्यता साबित करने के अधिक मौके नही मिल सके। उन्होंने टीम इंडिया के लिए 10 टेस्ट और 3 वनडे मैच खेले। साल 1978 में अपने आखिरी वनडे मैच में, उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 75 गेंदों का सामना करने के बाद 62 रन बनाए थे।

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