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सनराइजर्स हैदराबाद यदि टेस्ट क्रिकेट खेले तो क्या होगी उनकी सबसे मजबूत XI?

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टेस्ट क्रिकेट के विषय में अनेकों कथानक गढ़े जा चुके हैं, जैसे कि यह एक सुस्त और धीमा गेम है तथा इस खेल में रोमांच की न्यूनता है। हालांकि यह सब कहना आसान है क्योंकि क्रिकेट का कोई भी फॉर्मेट सुस्त नही हो सकता खासतौर से टेस्ट तो बिल्कुल भी नही।

टेस्ट क्रिकेट में गेंदबाजों को लगातार लंबे-लंबे स्पैल फेंकने होते हैं जबकि बल्लेबाजों को भी पूरे दिन खड़े होकर गेंदबाजी का सामना करना होता है। इस दौरान यदि सिर्फ गेंद रोकना लक्ष्य हो तो इस गेम को सुस्त ही नही बल्कि उबाऊ भी कहा जा सकता था लेकिन वास्तव में पिच पर रुकने के साथ ही अधिक से अधिक रन बनाने की कोशिश इस गेम में रोमांच पैदा करती है।

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हालांकि, ऐसा अवश्य कहा जा सकता है कि पांच दिवसीय और चार पारी वाले टेस्ट मैच की तुलना में टी-20 क्रिकेट काफी तेज होता है क्योंकि यह कुछ ही घण्टों का खेल होता है। टी-20 क्रिकेट को आईपीएल जैसे अन्य टूर्नामेंटों ने काफी हद तक बढ़ावा दिया है। यही कारण है कि इसके प्रशंसकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है लेकिन टेस्ट क्रिकेट के प्रेमियों की संख्या अब भी कम नही है।

यदि आईपीएल खेलने वाली टीमें टी-20 क्रिकेट की जगह क्रिकेट के सबसे पुराना फॉर्मेट यानि टेस्ट क्रिकेट खेलें तो इसका रोमांच अलग ही स्तर पर होगा। एक टेस्ट क्रिकेट के लिए यदि किसी एक टीम जैसे सनराइजर्स हैदराबाद की ही प्लेइंग इलेवन की बात करें तो किन खिलाड़ियों के बल पर यह टीम एक टेस्ट मैच के लिए सबसे मजबूत बन सकती है आइये इस पर एक नजर डालते हैं…

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सलामी बल्लेबाज: शिखर धवन और के एल राहुल

शिखर धवन को ऑफ स्टंप का बादशाह माना जाता है किसी भी मुकाबले में उन्हें यदि ऑफ स्टंप के बाहर गेंद मिलती है तो वह उसे बॉउंड्री में तब्दील करने का हर संभव प्रयास करते हैं। टेस्ट मैच में शिखर धवन की ऑफ स्टंप की बल्लेबाजी सबसे पहले तब देखने को मिली थी जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने डेव्यू मैच में शतक जड़ते हुए 174 गेंदों में 187 रन बनाए थे।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेव्यू के बाद से ही शिखर धवन ने टेस्ट क्रिकेट में लगातार कमाल दिखाया गया है। धवन ने भारत के लिए 34 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें 40.61 की औसत से 2315 रन बनाए हैं, जिसमें सात शतक और पांच अर्धशतक शामिल हैं।

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केएल राहुल आधुनिक समय के सबसे शानदार ओपनर बल्लेबाजों में से एक हैं, जब वह अपने फॉर्म में होते हैं तब और भी घातक हो जाते हैं। के एल राहुल ने अपने टेस्ट करियर में 38 टेस्ट खेले हैं, जिसमें 36.29 की औसत से 2250 रन बनाए हैं, जिसमें छह शतक और 12 अर्धशतक शामिल हैं।

मध्यक्रम: केन विलियमसन, कुमार संगकारा, रिद्धिमान साहा और हनुमा विहारी

न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन एक ऐसे बल्लेबाज के रूप में जाने जाते हैं जिन पर सबसे अधिक भरोसा किया जा सकता है। केन विलियमसन जब तक ग्राउंड में होते हैं तब तक खेल को तेजतर्रार और सूझबूझ से चलाते रहते हैं। न्यूजीलैंड क्रिकेट को एक नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले विलियमसन के नाम 85 टेस्ट मैचों में 53.50 की औसत से 7230 रन हैं, जिसमें 24 शतक और 33 अर्धशतक भी शामिल हैं।

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कुमार संगकारा की बात करें तो क्रिकेट के अतिरिक्त इस खिलाड़ी को शांत स्वाभाव और मिलनसार रवैये के लिए जाना जाता है। श्रीलंका के विकेटकीपर, बल्लेबाज इस ख़िलाड़ी ने टेस्ट क्रिकेट में निरंतरता के साथ खेल का प्रदर्शन किया है। टेस्ट क्रिकेट के आंकड़ों की बात करें तो संगाकारा ने 134 टेस्ट में 57.40 की औसत से 12400 रन बनाए हैं, जिसमें 38 शतक और 52 अर्द्धशतक भी शामिल हैं।

ऋद्धिमान साहा को उनके करियर के लिए थोड़ा सा दुर्भाग्यशाली कहा जा सकता है। विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में भारतीय टीम में स्थान बनाने को लेकर उन्हें लंबा संघर्ष और महान कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के सन्यास का इंतजार करना पड़ा लेकिन धोनी जब तक सन्यास की घोषणा करते ऋषभ पंत उनका स्थान लेने की सूची में नम्बर एक पर पहुंच गए और साहा टीम में स्थान सुनिश्चित करने के लिए मात्र संघर्ष ही करते रह गए।

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साल 2010 में टेस्ट डेव्यू करने वाले साहा ने अब तक मात्र 38 टेस्ट खेले हैं जिनमें 29.1 की औसत से 1251 रन बनाए हैं। साहा बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं वह बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग में कमाल कर सकते हैं लेकिन उन्हें भरपूर मौके नही मिल पाए हैं।

हनुमा विहारी की तकनीक और शैली उन्हें टेस्ट क्रिकेट के लिए परफेक्ट बनाती है। घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के कारण उन्हें टीम इंडिया में शामिल किया गया था। वह टीम में अपना स्थान तो पक्का नही कर पाए लेकिन 12 टेस्ट मैचों में एक शतक और 4 अर्धशतक लगाकर यह साबित कर दिया है उनमें बेहतरीन बल्लेबाजी की क्षमता है।

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ऑल राउंडर: शाकिब अल हसन

शाकिब अल हसन सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में से हैं एक हैं और वर्षों से बांग्लादेश की सफलता के केन्द्र बिंदु रहे हैं। वह बल्ले और गेंद दोनों से ही कमाल करते रहे हैं। शाकिब ने 58 टेस्ट मैचों में 39.33 की औसत से 3933 रन बनाए हैं जिसमें पांच शतक और 25 अर्धशतक शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने 215 विकेट भी लिए हैं, जिसमें 18 बार पांच विकेट भी उनके नाम हैं।

स्पिनर: राशिद खान

अफगानिस्तान के युवा स्पिनर राशिद खान ने बहुत कम उम्र में खुद को बड़े लेग स्पिनर के रूप में स्थापित करने में सफलता प्राप्त की है। अफगानिस्तान क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर राशिद ने अपनी टीम को टेस्ट दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाई है।

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राशिद ने अब तक मात्र 5 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें 34 विकेट उनके नाम हैं। इसमें महत्वपूर्ण यह है कि 5 टेस्ट मैचों में 4 बार 5 विकेट उनके नाम हैं। इसमें कोई दो राय नही है कि यदि सनराइजर्स हैदराबाद टेस्ट मैच खेलते हैं तो राशिद खान इस टीम के लिए तुरुप का इक्का साबित होंगें।

तेज गेंदबाज: ईशांत शर्मा, मोहम्मद सिराज और भुवनेश्वर कुमार

साल 2007 में अपने डेव्यू के बाद से भारतीय तेज गेंदबाजी इशांत शर्मा शानदार गेंदबाजी करते रहे हैं। टीम इंडिया की कई बड़ी जीतों में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है इसलिए वह लंबे समय से टीम इंडिया का हिस्सा बने हुए हैं। इशांत शर्मा ने अब तक 103 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें 11 बार पांच विकेट लेने के साथ ही कुल 311 विकेट अपने नाम किए हैं।

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भारत के बेहतरीन गेंदबाजों में से एक, भुवनेश्वर कुमार की स्विंग गेंदबाजी का हर कोई मुरीद है। भुवनेश्वर भारतीय टीम के लिए टेस्ट, वनडे और टी-20 सभी प्रारूपों में अत्यंत महत्वपूर्ण रहे हैं। हालांकि, बार-बार चोटों ने उनके टेस्ट करियर को प्रभावित किया है, लेकिन अब टेस्ट क्रिकेट में वापसी के लिए वह बेहद बेताब दिखाई दे रहे हैं। भुवनेश्वर ने भारत के लिए 21 टेस्ट मैचों में 26.09 की औसत से 63 विकेट झटके हैं, जिसमें चार बार पांच विकेट शामिल हैं।

युवा तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज का भारतीय टेस्ट टीम में सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं है। अपने करियर की शुरुआत से टीम इंडिया में जगह बनाने तक उन्होंने काफी संघर्ष किया है लेकिन अब उनका स्वर्णिम समय आ चुका है।

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सिराज ने अब तक सिर्फ सात टेस्ट खेले हैं, इन 7 मैचों में 26.28 की औसत से उन्होंने 27 विकेट लिए हैं और ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध गाबा में और इंग्लैंड के विरुद्ध लॉर्ड्स टेस्ट में भारत की ऐतिहासिक जीत में उनका अहम योगदान रहा है, इसलिए न केवल सनराइजर्स हैदराबाद की टेस्ट टीम में बल्कि प्लेइंग इलेवन में भी उनका स्थान सुनिश्चित है।

सनराइजर्स हैदराबाद की टेस्ट टीम की प्लेइंग इलेवन कुछ इस प्रकार होगी: के एल राहुल, शिखर धवन, कुमार संगकारा (विकेटकीपर), केन विलियमसन (कप्तान), ऋद्धिमान साहा, हनुमा विहारी, शाकिब अल हसन, राशिद खान, ईशांत शर्मा, भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद सिराज

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