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क्रिकेट के 5 अनोखे नियम जिनके बारे में आप शायद नहीं जानते हो

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जैसा कि कहा गया है कि क्रिकेट एक अनिश्चितताओं का खेल है। इसमें किसी भी वक्त कुछ भी हो सकता है। ज्यादातर लोग इसके नियमों से अवगत हैं लेकिन कुछ ऐसे अनोखे नियम है जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। गेंद और बल्ले के बीच की जंग में दोनों ही टीमें क्रिकेट के कुछ अनोखे नियमों पर गौर करना भूल जाती है, आज हम उन्हीं नियमों पर बात करेंगे।

हालांकि मेरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने हर एक नियम बहुत विस्तार से अपनी नियमों की किताब में समझाया है लेकिन उसके बाद भी कुछ नियमों पर लोगों का ध्यान नहीं जाता है। तो आइए जानते हैं ऐसे ही 5 नियमों के बारे में जो आज भी काफी लोग नहीं जानते हैं।

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1. बॉल के गुम हो जाने पर नियम

आजकल के मॉडर्न डे क्रिकेट में विस्फोटक बल्लेबाजों की कमी नहीं है। खासकर खेल के सबसे छोटे प्रारूप में बॉल का खो जाना लाजमी है। धाकड़ बल्लेबाज जैसे क्रिस गेल, आंद्रे रसेल, एबी डिविलियर्स, एमएस धोनी आदि अपने गगनचुंबी छक्कों से गेंद को स्टेडियम के पार करा देते है।

अगर ऐसे में गेंद खो जाती है, तो क्षेत्ररक्षण टीम इसे लॉस्ट बॉल घोषित कर देती है। ऐसी स्थिति में अंपायर एक दूसरी बॉल प्रदान करते हैं जो लगभग उतने ओवर ही पुरानी होती है जितनी की पिछली बॉल थी और खेल वापस से शुरू किया जाता है।

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2- नो अपील क्रिकेट के सबसे अनोखे नियम में से एक

ऐसा हमने कई बार देखा है की गेंद बल्ले का बाहरी किनारा लेते हुए सीधे विकेटकीपर के दस्तानों में जाती है। पर स्टेडियम में हो रहे शोर के कारण अंपायर उस महीन आवाज को सुन नहीं पाते हैं और बैट्समैन को आउट करार नहीं देते है।

हालांकि DRS ने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए इस समस्या का समाधान निकाल लिया है, लेकिन तब क्या अगर क्षेत्ररक्षण करने वाली टीम विकेट के लिए अपील ही ना करें?

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नियमों के अनुसार अंपायर, बल्लेबाज को तब तक आउट करार नहीं दे सकता जब तक फील्डिंग टीम विकेट के लिए अपील ना करें। हालांकि बल्लेबाज खेल भावना का आदर करते हुए खुद मैदान से बाहर निकल सकता है। पर अगर फील्डिंग टीम अपील नहीं करती है तो बल्लेबाज के आउट होने के बावजूद अंपायर उसे आउट नहीं देते हैं।

3. क्रिकेट में मांकडिंग का नियम

मांकडिंग शब्द पहली बार इस्तेमाल में तब आया जब विनोद मांकड़ ने ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज बिल ब्राउन को 1947 के टेस्ट मैच में रन आउट किया। इस नियम के मुताबिक नॉन स्ट्राइकर बल्लेबाज अपनी क्रीज तभी छोड़ सकता है जब गेंदबाज गेंद फेक चुका हो
हालांकि एक अच्छी स्टार्ट लेने के लिए नॉन स्ट्राइकर बल्लेबाज अक्सर क्रीज के बाहर निकल आते हैं।

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मांकडिंग को खेल भावना के अनुरूप नहीं माना जाता है इसलिए यह ज्यादा नहीं देखने को मिलता है। इसका सबसे ताजा उदाहरण 2019 के आईपीएल में देखने को मिला जब रविचंद्रन अश्विन ने क्रीज से आगे निकले हुए जॉस बटलर को आउट कर दिया था। हालांकि यह नियम के दायरे में ही है लेकिन अश्विन को इसके लिए काफी खरी-खोटी सुननी पड़ी थी।

4. चोटिल खिलाड़ी के मैदान में वापस आने के अनोखे नियम

काफी साल पहले खिलाड़ी इस नियम बात का फायदा उठाते थे कि चोटिल खिलाड़ी मैदान के बाहर बैठ सकता है और उसकी जगह एक सब्सीट्यूट फील्डिंग कर सकता है। इस कारण बहुत से खिलाड़ी काफी समय तक मैदान के बाहर रहते थे। यह सब देखते हुए एक नया नियम बनाया गया जिसके तहत किसी भी खिलाड़ी को मैदान के बाहर जाने से पहले अंपायर को एक उचित कारण देना होगा।

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और यह भी नियम बनाया गया कि खिलाड़ी जितनी देर के लिए बाहर गया है उसके वापस आने पर वह उतनी ही देर तक गेंदबाजी या बल्लेबाजी नहीं कर सकता है। इस नियम ने काफी हद तक खिलाड़ियों को अनावश्यक फायदा उठाने से रोक लिया।

5. बॉल हैंडलिंग के नियम

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बॉल हैंडलिंग का नियम हमेशा से ही एक चर्चा का विषय रहा है। इस नियम के मुताबिक अगर एक बल्लेबाज जानबूझकर गेंद पर हाथ मारता है या हाथ से गेंद रोक लेता है तो अंपायर का उसे आउट करार देने का पूरा हक है।

 हालांकि कई बार यह तय करना काफी मुश्किल हो जाता है कि बल्लेबाज ने जानबूझकर हाथ लगाया या उससे गलती से लगा। कई बार होता है कि बल्लेबाज इसलिए हाथ लगाता है ताकि वह गेंद से लगने वाली चोट से बच जाए। यह सब चीजें अंपायर को सही फैसले लेने में दिक्कत पैदा कर देती है।

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