इन तीन गेंदबाजों ने अब तक टेस्ट में की टीम इंडिया की कप्तानी

किसी भी खिलाड़ी के लिए कप्तानी एक चुनौती के रूप में आती है। अभी तक 26 खिलाड़ियों ने भारतीय टीम की कप्तनी की है जिसमें तीन खिलाड़ी ऐसे रहे हैं जो पुर्ण रूप से एक गेंदबाज थे। हाल ही में भारतीय टीम ने टेस्ट प्रारूप में जसप्रीत बुमराह को उपकप्तान नियुक्त किया है। इस आर्टिकल में हम तीन ऐसे गेंदबाजों के बारे में पढ़ेंगे जिन्होंने भारतीय टीम की कप्तानी की है।
अनिल कुंबले
भारतीय टीम को अनिल कुंबले ने बतौर खिलाड़ी और बतौर एक कप्तान एक अलग उचाइंयों पर ले गए। कुंबले ने भारत के लिए 132 टेस्ट मैच खेलकर 619 विकेट अपने नाम किया जो किसी भारतीय द्वारा सर्वाधिक है। इसके अलावा उन्होंने 271 वनडे मैचों में भी टीम के लिए अपना योगदान दिया है जिसमें उन्होंने 337 विकेट हासिल किए हैं। कुंबले के नाम टेस्ट क्रिकेट में एक शतक भी शामिल है।
अगर कुंबले की कप्तनी रिकॉर्ड पर नजर डाले तो उन्होंने टीम इंडिया के लिए टेस्ट क्रिकेट में साल 2007 से लेकर 2008 तक कप्तानी की है। इस दौरान उन्होंने 14 मैचों में से तीन में जीत मिली और पांच में हार का सामना करना पड़ा।
श्रीनिवास वेंकटराघवन
वेंकटराघवन ने अपनी करियर की शुरुआत साल 1965 में न्यूजीलैंड के खिलाफ की थी। उनकी शुरुआत काफी शानदार रही थी उन्होंने तीन टेस्ट में 21 विकेट अपने नाम कर सुर्खियों में आ गए थे। दिल्ली के कोटला मैदान पर उन्होंने 72 रन देकर आठ विकेट हासिल किया था जो उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड है। बाद में उन्होंने भारतीय टीम की कमान भी संभाली।
उन्होने कप्तान के रूप में भारतीय टीम की पांच मैचों में कप्तानी की थी जिस दौरान टीम को एक भी जीत नहीं मिली जबकी दो मैचों में हार का सामना करना पाड़ा था। उन्होंने साल 1975 और 1979 के विश्व कप में भी भारतीय टीम की कमान संभाली थी।
बिशन सिंह बेदी
बेदी ने भारत के लिए 1966 से 1979 तक टेस्ट क्रिकेट खेला जहां उन्होंने 22 टेस्ट मैचों में टीम की कप्तानी भी की। उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता मे आया था। उन्होंने साल 1969-70 के सीजन में 98 रन देकर सात विकेट अपने नाम किए थे।
बेदी का 1976 में भारतीय कप्तान के रूप में नियुक्त किए गए थे। कप्तान के रूप में उन्होंने पहली बार वेस्टइंडीज की टीम को मात दिया था। उन्होंने भारतीय टीम की ओर से 22 टेस्ट मैचों में कप्तानी करते हुए 6 मैचों में जीत दर्ज की थी तो वहीं 11 मैचों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।